महेंद्र कर्मा के बेटे ने की मांग, मंत्री कवासी लखमा का हो नार्को टेस्ट
दंतेवाड़ा। देश के सबसे बड़े नक्सली हमले में कांग्रेस के बड़े नेता सहित 32 लोग शहीद हुए थे। उस घटना की आज दसवीं बरसी है। इस हमले में बस्तर टाइगर के नाम से मशहूर महेंद्र कर्मा भी शहीद हुए थे। इस हमले के 10 साल बीत जाने के बाद महेंद्र कर्मा के बेटे का बड़ा बयान सामने आया है। छबींद्र कर्मा ने अपनी ही पार्टी के नेताओं पर सवाल उठाएं हैं। छबींद्र ने कहा कि इस मामले में कवासी लखमा और अमित जोगी का नार्कों टेस्ट होना चाहिए कि आखिरकार कवासी लखमा कैसे बच गए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं के शहादत के 10 सालों के बाद भी उनके परिजनों को न्याय नहीं मिल पाया है।
दरअसल 25 मई 2013 को सुकमा जिले में परिवर्तन यात्रा सभा कर वापस बस्तर लौट रहे कांग्रेसियों के काफिले पर, दरभा झीरम घाटी में घात लगाए 200 से ज्यादा नक्सलियों ने हमला बोल दिया था। इस हमले में काफिले पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। जिसमें कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, उनके बेटे दिनेश पटेल, बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, कांग्रेसी नेता उदय मुदलियार और जवानों के साथ ही आम आदमी सहित कुल 32 लोग मारे गए थे। इस घटना में कांग्रेस की एक पीढ़ी पूरी तरह से समाप्त हो गई थी।