महात्मा गाधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के विभिन्न मानकों पर लाकडाउन के बावजूद जिले में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया है। इस मामलें में महासमुन्द जिला पूरे छत्तीसगढ़ में आज की तारीख में मनरेगा के श्रमिकों को रोजगार दिलानें में शीर्ष पर है। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में जिले की 549 ग्राम पंचायतों में 1467 काम चल रहें हैं। इनमें नया तालाब, तालाब गहरीकरण, डबरी निर्माण, मत्स्य पालन तालाब, भूमि सुधार, मेढ़ बंधान, नाला जीर्णोद्धार आदि काम चल रहें है। इन कार्यों में 1,49,187 ग्रामीण श्रमिक काम कर रहें हैं।
महासमुन्द जिले की हर ग्राम पंचायत के प्रत्येक गांव में सभी वर्ग श्रेणी के मजदूर जो जाॅबकार्डधारी है। उनके परिवार को 150 दिन का रोजगार और वन पट्टाधारियों को 50 दिवस का अतिरिक्त रेाजगार प्रदान करने का प्रयास लगातार जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ. रवि मित्तल द्वारा किया जा रहा है। इसका सकारात्मक परिणाम भी सामने आया है। महासमुन्द जिला आज की तारीख में सर्वाधिक परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराने में प्रदेश में अव्वल है। चालू वर्ष में एक लाख 68 हजार परिवारों को 56 लाख 53 हजार मानव दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया गया है। कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने मनरेगा में किए जा रहें कार्य के लिए डाॅ. मित्तल सहित सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एंव मनरेगा के टीम को बधाई दी। चालू वित्तीय वर्ष में 9,714 नवीन जॉब कार्ड प्रदाय किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि जिले में लगभग 10 हजार परिवारों ने 100 दिवस का कार्य पूर्ण किए है।
जिले में लगभग 130 करोड़ से ज्यादा राशि के कार्य की स्वीकृति प्रदाय कर प्रत्येक जॉब कार्ड परिवार को न्यूनतम 100 दिवस रोजगार देने पर जोर दिया जा रहा है। साथ ही नए जॉब कार्ड हेतु आवेदन ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत में दिया जा सकता है। साथ ही मजदूर द्वारा कार्य की मांग का मांग पत्र ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत में जमा करके 15 दिवस के भीतर कार्य पा सकते हैं। यदि किसी को महात्मा गांधी नरेगा में मांग अनुसार 15 दिन में कार्य नहीं दिया जाता है तो तत्काल जिला पंचायत के टोल फ्री नंबर 18002336601 पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है।
जिले में मनरेगा के तहत निर्माण कार्यो में मजदूरी करने वाली 13 गर्भवती महिलाओं को एक महीने के मातृत्व भत्ते के साथ प्रसूति अवकाश दिया गया है और इसी वित्तीय वर्ष में अब तक 18 महिलाआंे को मातृत्व भत्ता दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि यदि किसी अन्य को इसमें आवेदन करना हो तो वो भी जनपद पंचायत के मनरेगा शाखा को दे सकते हैं। मनरेगा में यह राज्य पोषित योजना है। इसमें होने वाले खर्च का प्रावधान बजट में किया जाता है। प्राप्त आवेदन अनुरूप मातृत्व भत्ता प्रदाय किया गया एक माह की रोजी 190 रुपए प्रति कार्य दिवस के हिसाब से 5700 रुपए मातृत्व भत्ते के रूप में दिए गए है, ताकि बच्चे और माँ दोनों स्वस्थ रहे और सेहत दोनों की बनी रहे।
इसके अलावा हितग्राहियों के लिए डबरी मछली पालन तालाब, नया तालाब, तालाब गहरीकरण, नहर जीर्णोध्दार, लूस बोल्डर, बोल्डर चेक डेम, गेबियन संरचना जैसे जल से संबंधित कार्य को प्राथमिकता छोटे वर्ग के किसान अपने भूमि और नालों पर अधिक उपजाऊ बनाने हेतु कार्य योजना तैयार कर कार्य कर सकते है। अपने खेत में जल संरक्षण, संवर्धन कार्यो, फलदार वृक्षारोपण कार्य, दिए जा सकते हैं आवेदन ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत अथवा जिला पंचायत में अपने जॉब कार्ड के छाया प्रति के साथ दिया जा सकता है। महात्मा गांधी नरेगा का है एक ही नारा, प्रत्येक जॉब कार्ड को 100 दिन रोजगार प्रदाय करना है कर्तव्य हमारा।