छत्तीसगढ़

महासमुंद: जिले में पूरे एक साल के दौरान 7 लाख 50 हजार से ज्यादा लोगों को लगाई गई पहली और दूसरी डोज

Nilmani Pal
16 Jan 2022 11:08 AM GMT
महासमुंद: जिले में पूरे एक साल के दौरान 7 लाख 50 हजार से ज्यादा लोगों को लगाई गई पहली और दूसरी डोज
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रायपुर। पूरे छत्तीसगढ़ सहित महासमुंद ज़िले के लिए आज यानि 16 जनवरी का दिन बेहद खास है। वैश्विक कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लोगों के बेहतर स्वास्थ्य सुरक्षा और बचाव के लिए देश में पहली बार आज से ही कोरोना की एंटी कोविड वैक्सीनेशन लगाने अभियान शुरू हुआ था। कोविड-19 के खिलाफ देशव्यापी टीकाकरण अभियान ने आज रविवार को एक साल पूरा कर लिया। महासमुंद ज़िले में इस पूरे एक साल के दौरान पहली और दूसरी डोज 7 लाख 50 हजार से ज्यादा लोगों को लगाई गई है। ज़िला स्वास्थ्य के मुताबिक, प्रतिशत लोगों को पहली और दूसरी डोज़ का शतप्रतिशत का टीकाकरण पूर्ण हो चुका है।

ज़िले में टीकाकरण अभियान का शुभारंभ की शुरुआत करने वाले कलेक्टर श्री डोमन सिंह ने सबको बधाई दी। कलेक्टर ने बधाई देते हुए कहा कि सबके प्रयास के साथ महासमुंद ज़िला एक साल पूरा होने से पहले ही फूल वेक्सिनेट हो चुका था। यह बेहतर रणनीति स्वास्थ्य कर्मियों के साथ आम जनता और जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी से हुआ। ज़िले में टीकाकरण के साथ ही प्रीकॉशनरी खुराकें देने के साथ ही 15 से 18 आयु वर्ग के किशोर-किशोरियों को पहली खुराक दी जा रही। यह भी आप सब के सहयोग से जल्दी पूरी हो जाएगी। मालूम हो कि अभी हाल ही में कलेक्टर श्री डोमन सिंह का महासमुंद से ज़िला बलौदा बाज़ार कलेक्टर पद पर स्थानातंरण हुआ है।

बतादें कि टीकाकरण का ये राष्ट्र्व्यापी अभियान पिछले साल 16 जनवरी से शुरू हुआ था, जब पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को टीके की खुराकें दी गईं थी। इसके बाद फ़्रंटलाइन कर्मियों के लिए टीकाकरण दो फरवरी से शुरू हुआ था। कोविड-19 टीकाकरण का अगला चरण एक मार्च से शुरू हुआ जिसमें 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और 45 वर्ष से अधिक उम्र के उन लोगों को टीका लगाया गया जिन्हें अन्य गंभीर बीमारियां थी।

टीकाकरण कराना हर पात्र व्यक्ति का राष्ट्रीय कर्तव्य (नेशनल ड्यूटी)है । इससे वे और उनके परिजन के साथ पूरा मानव समाज भी भय मुक्त होता है। अब हम इस शत्रु के बारे में पहले की अपेक्षा बहुत कुछ जान गए है। ज़िले में तीसरी लहर के रोकथाम एवं नियंत्रण की सभी तैयारियाँ समय रहते पूरी कर ली गयी है। शुरुआत में इस अनजान शत्रु से मुक़ाबला के लिए लोग पूरी तरह तैयार नही थे, लेकिन अब हम इसके बारे में बहुत कुछ जानकर पूरी तरह लड़ने के लिए तैयार है। ज़िले में सभी ज़िला अस्पताल सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सभी ज़रूरी उपचार उपकरणों की व्यवस्था की गयी है। लोग समझ गए है कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए टीकाकरण जरूरी है।

महासमुंद ज़िले में सौ फीसदी टीकाकरण में निगरानी समिति, स्वास्थ्य अमला, मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं, जनप्रतिनिधियो, जनता, अधिकारियों-कर्मचारियों और ग्रामीणों की अहम भूमिका रही। जिन्होंने टीकाकरण के लिए अपना साहस और इच्छा दिखाई और नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले सभी पात्र हितग्राहियों का 100 फीसदी वैक्सीनेशन किया। यह उपलब्धि ज़िले की जनता की जागरूकता, गंभीरता और निजी जिम्मेदारी के कारण ही संभव हो सका। ज़िला अधिकारियों व स्वास्थ्य कर्मियों ने हर चुनौतियों का सामना करते हुए पूरी दृढ़ता से अपने कर्तव्य का निर्वहन किया, जिसके लिए सभी के साथ वे भी बधाई के पात्र हैं। अभी भी कोविड से सावधानी बरतने की जरूरत है।

16 जनवरी 2021 से फ्रंट लाइन वर्कर्स का टीकाकरण शुरू हुआ था। 1 मार्च से 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों के टीकाकरण की शुरुआत हुई थी 45-60 आयुवर्ग के ऐसे लोग जिनकी इम्युनिटी कमजोर थी उन्हें भी टीका दिया जा रहा था। 1 अप्रैल को 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों के वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई। 1 मई से 18 साल से अधिक के वयस्कों को वैक्सीनेट किए जाने लगा। 10 जनवरी 2022 से फ्रंट लाइन वर्कर्स और 60 से अधिक आयु के लोगों को बूस्टर डोज देने की शुरुआत हो चुकी है।

इस तरह गांववालों का दूर किया डर और झिझक

जिला प्रशासन ने ग्राम निगरानी समिति का गठन किया। जन जागरूकता फैलाकर ग्रामीणों के भय को दूर करने के लिए कार्यक्रम चलाए। इन जागरूकता कार्यक्रमों को चलाने के लिए, स्वयं सहायता समूहों और अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ जन प्रतिनिधियो को भी शामिल किया। दीवार लेखन, सघन जनसंपर्क, प्रचार वाहन द्वारा जन जागरूकता फैलाई गई। लोगों के वैक्सीनेशन पंजीकरण के लिए युवाओं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने ग्राम को कई भागों में बांटकर डोर-टू-डोर जाकर लोगों का निशुल्क पंजीयन किया तथा वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित किया। ग्रामवासियों ने यदि गांव में कोई व्यक्ति बाहर से आता है तो उसे वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित किया जाता था। कोविड-19 के शत प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य प्राप्त करने नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र के जन प्रतिनिधियो, पंच-सरपंच, नगरीय निकाय के अध्यक्ष और पार्षदों को इस कार्य में योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

यह एक बड़ी उपलब्धि है कि नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्र को प्राप्त टीके खुराक बर्बाद नहीं हुई। शुरुआत में टीकाकरण को लेकर गांववालों में कई तरह की भ्रांतियां, झिझक और भय व्याप्त था लेकिन बाद में इन सभी को विभिन्न माध्यमों के ज़रिए किए गए प्रचार-प्रसार व जागरूकता कार्यक्रमों के जरिए दूर कर लिया गया। इस दौरान कोविड गाइड लाइन का पालन भी किया गया। कोविड संक्रमण की स्थिति को लेकर अभी भी विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।

हालांकि ज़िले में औसतन 1000 प्रतिदिन कोविड परीक्षण किए जा रहे हैं। कई बार इनकी संख्या ज़्यादा भी होती है। वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है। किंतु अदृश्य शत्रु कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तैयारी के साथ खड़ा है। ज़िले में त्योहारी सीजन के दौरान विशेष सावधानी रखी जा रही है। आगे भी रखी जाएगी। पड़ौसी राज्य की सीमा से लगे इलाक़ों में सतर्कता बरती जा रही है। हाट बाज़ारों में मास्क और दूरी बना कर रखने की बार-बार सलाह दी जा रही है। लोग पालन भी कर रहे है। वही महासमुंद ज़िले में कोविड-19 से 730 मृत व्यक्तियों के परिजनों /आश्रितों को आर्थिक अनुदान राशि प्रति मृत व्यक्ति 50 हजार रुपए के मान से 3 करोड़ 65 लाख की अनुदान सहायता राशि वितरित की गयी है.

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