हर एक इंसान का सपना होता है कि उसके पास एक अपना घर हो क्योकि अपना घर तो अपना घर ही होता है जिसमें अपनी यादें, एहसास जुड़े होते है। कई लोग सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण कर अपनी ज़रूरत के मुताबिक़ मकान बना लेते है। लेकिन उन्हें हर वक्त मकान टूटने का ख़तरा सताता रहता है। इस भय से उन्हें रात को नीद भी नही आती पता नही कब सरकारी मशीनें उनका मकान ढहाने जायें। लेकिन राज्य शासन ने उनकी चिंता को दूर करने योजना बनाई। राज्य शासन द्वारा नगरीय क्षेत्रों में 7500 वर्ग फीट तक की शासकीय भूमि का आवंटन तथा अतिक्रमित 7500 वर्ग फीट तक की शासकीय भूमि के व्यवस्थापन का अधिकार जिला कलेक्टर को प्रदान किया गया है।
प्रेमशीला श्याम सुंदर तिवारी देहानिभाठा बागबाहरा के निवासी ने शासन के नए प्रावधानों का लाभ लेते हुए अपने द्वारा किये अतिक्रमण को नियमितीकरण करने हेतु राशि 4,58 417 रुपए चालान के माध्यम से जमा कर अपने भूस्वामित्व अधिकार प्राप्त किया है। अतिक्रमणकारी से भू स्वामी बनने वाले श्यामसुंदर तिवारी ने बताया कि आज मुझे बड़े सुकून से नींद आएगी। अब हम इस जमीन के वास्तविक स्वामी बन गए। अब तब हमने इस घर को कोई नाम नही दिया था क्योंकि यह जमीन शासकीय था और हमे जमीन पर कोई हक़ नही था। हमारा बहुत सारा पैसा घर बनाने में लग गया था पर आज इस योजना के कारण अब इस घर को *तिवारी निवास* नाम देंगे और हक़ से घर मे रहेंगे।महासमुंद मुख्यालय में भी तीन लोगों ने 25 लाख रुपए जमा कर इस योजना का लाभ उठा कर चिन्ता मुक्त हुए है। राज्य शासन द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार यदि कोई व्यक्ति नगरीय क्षेत्र में स्थित अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन के समय राज्य शासन से भूमि स्वामी हक में भूमि प्राप्त करना चाहता है तो भूमि आवंटन के समय संबंधित व्यक्ति को निर्धारित गाइड लाइन अनुसार राशि जमा कर अतिक्रमण भूमि के विस्थापन योजना का लाभ उठा सकता है।
बागबाहरा नगर में छत्तीसगढ़ शासन के अतिक्रमण भूमि के विस्थापन योजना का पहला मामला है। अब इनके पक्ष में शासन उक्त जमीन रजिस्ट्री कराएगी तथा इस पर तिवारी परिवार चाहे तो लोन ले सकता है, डायवर्सन करवा सकते है,बटवारा कर सकते है, बिक्री कर सकते है तथा वो सभी अधिकारो का प्रयोग कर सकते है जो एक लगानी भूस्वामी को प्राप्त होते है। भूस्वामित्व प्रदाय कराने वाली इस योजना को कलेक्टर डोमेन सिंह के प्रयास और प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तहसील और नगर पालिका कार्यालय द्वारा इस योजना पर तेज़ी से काम हो रहा है।