छत्तीसगढ़

माफिया निरंकुश, रेत की कीमत तय कर रहे बिचौलिए

Nilmani Pal
7 Oct 2020 6:05 AM GMT
माफिया निरंकुश, रेत की कीमत तय कर रहे बिचौलिए
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प्रदेश में अवैध रेत उत्खनन से राज्य को राजस्व का साथ बिचौलियों की मनमानी के चलते रेट में भारी बढ़ोतरी से आम लोगों को नुकसान उठाना पड़ रबा है

> रायल्टी और लोडिंग चार्ज से आठ गुना वसूल रहे दाम

रायपुर (जसेरि)। प्रदेश में अवैध रेत उत्खनन से राज्य को राजस्व का साथ बिचौलियों की मनमानी के चलते रेट में भारी बढ़ोतरी से आम लोगों को नुकसान उठाना पड़ रबा है। राजधानी में रायल्टी और लोडिंग चार्ज से आठ से दस गुना कीमत पर रेत का कारोबार हो रहा है। 12 घनमीटर रेत के लिए 25 से 30 हजार रुपए तक की वसूली की जा रही है। बिचौलिए अवैध भंडारण करने के बाद अब शार्टेज बताकर मनमानी कीमतें वसूल रहे हैं। शासन की तरफ से निर्धारित गाइडलाइन में ट्रक में 10 घनमीटर रेत के लिए लोडिंग चार्ज और रायल्टी मिलाकर 18 सौ रुपए कीमत तय की गई, वहीं 12 घनमीटर के लिए 1840 रुपए में रेत परिवहन की शर्त रखी गई। परिवहन शुल्क मिलाकर भी रेत की कीमत असल में 3 हजार रुपए से लेकर 5 हजार रुपए तक होनी चाहिए, लेकिन आठ गुना ज्यादा कीमतों पर रेत का कारोबार चल रहा है। वहीं इस मामले में कलेक्टर का कहना है कि रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन करने वालों के खिलाफ राजस्व के साथ माइनिंग विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा है। रेत सरकारी कीमत पर बिके, इसके लिए विभाग को निर्देशित किया गया है।

अवैध उत्खनन और परिवहनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं : रेत के अवैध उत्खनन और परिवहनकर्ताओं के खिलाफ शासन ने सख्त कार्रवाई करने के निर्देश माइनिंग को दिए हैं। माइनिंग तथा राजस्व विभाग खानापूर्ति के लिए केवल ट्रांसपोर्टरों के खिलाफ कार्रवाई करता है। इसके विपरीत माइनिंग विभाग के अधिकारी रेत घाटों पर जानबूझकर निरीक्षण करने तथा रेत के अवैध उत्खनन करने वालों के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई करने से बचते हैं। दो महीने पहले 16 हजार अब कीमत डबल लॉकडाउन हटने के बाद पहली बार जब अनलॉक-1 में शहर खुला। लिमिट ऑवर में सशर्त कारोबार करने की छूट मिली, तब रीयल एस्टेट के बाजार में एक ट्रक रेत के पीछे 13 से 16 हजार रुपए तक वसूले गए। अगले दो महीनों में अब यही कीमतें डबल कर दी गई हैं। एनजीटी का हवाला देकर 17 सौ रुपए रेत की वास्तविक कीमत, जो घर पहुंचाकर देने में पांच हजार के करीब पड़ती है, उस रेत को 25 से 30 हजार रुपए में घर पहुंचा रहे हैं।

फर्जी पिट पास का खेल : रेत घाटों में अवैध खुदाई से लेकर तस्करी तक में लगे माफिया के हौसले इतने बुलंद हैं कि फर्जी पिट-पास से नदी-नालों के किनारे से बरसात में रेत खोदकर ट्रकों पर लोड की जा रही है और बिक रही है। रायपुर के अलावा धमतरी, दुर्ग, राजनांदगांव में पकड़े गए कई ट्रकों से ऐसे पिट पास मिले हैं, जिनमें बाइक और स्कूटर तक के नंबर हैं।

चल रहा सिंडीकेट: रेत की सप्लाई में शामिल सिंडीकेट में रसूखदार शामिल हैं। गांवों की पंचायतों का भी इसमें सीधा दखल है। यही वजह है कि कई बार खनिज विभाग के अफसर इन पर कार्रवाई करने से डर रहे हैं। जिन गाडिय़ों को पकड़ा जा रहा है, उन्हें भी मामूली जुर्माना लेकर उन्हें छोड़ दिया जा रहा है। इसकी जानकारी खनिज संचालनालय के अफसरों को भी है, लेकिन उन्होंने भी कभी भी कड़ाई से जिला खनिज अफसरों से इसकी जानकारी नहीं मंगाई, न ही कभी जांच के लिए गए। इससे अवैध रेत का खेल अभी भी जारी है।

टूट रहा घर का सपना

रेत की बढ़ी कीमतों का असर केवल निजी आशियानों ही नहीं, बल्कि शासकीय योजनाओं में चल रहे निर्माण कार्यों पर भी पड़ रहा है। बढ़ी हुई कीमतों की वजह से ठेकेदार आपदा एक्सटेंशन लेकर किसी तरह से नुकसान की भरपाई होने की राह तक रहे हैं।

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