छत्तीसगढ़

पर्यावरण तीर्थ के मदकूद्वीप प्रकल्प का विधिवत शुभारंभ, राजयपाल ने की पूजा-अर्चना

Shantanu Roy
16 Feb 2022 3:51 PM GMT
पर्यावरण तीर्थ के मदकूद्वीप प्रकल्प का विधिवत शुभारंभ, राजयपाल ने की पूजा-अर्चना
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रायपुर। प्रकृति का सान्निध्य स्वस्थ मन-स्वस्थ तन के लिए सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और मनुष्य को निरोगी बनाये रखता है. उक्त बातें राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज मुंगेली जिले के पर्यावरण तीर्थ मदकूद्वीप प्रकल्प के शुभारंभ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।

राज्यपाल सुश्री उइके ने पर्यावरण तीर्थ के मदकूद्वीप प्रकल्प का विधिवत शुभारंभ किया तथा प्राचीन गणेश मंदिर में पूजा-अर्चना एवं शिवनाथ नदी के तट पर गंगा आरती कर प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान उन्होंने मदकूद्वीप में उत्खनन से प्राप्त ज्योतिर्लिंगों तथा अन्य पुरातात्विक मूर्तियों का अवलोकन कर जानकारी ली। साथ ही राज्यपाल सुश्री उइके ने पूजा कर परिसर में पीपल का वृक्ष भी रोपित किया।

राज्यपाल सुश्री उइके ने पर्यावरण तीर्थ के मदकूद्वीप प्रकल्प के शुभारंभ के अवसर पर उपस्थित जनमानस को संबोधित करते हुए कहा कि मानव सभ्यता का विकास प्रकृति के सान्निध्य में ही हुआ है। कोविड की वैश्विक महामारी ने हमें पर्यावरण को सुरक्षित-संरक्षित रखने के प्रति सचेत किया है, जो बताती है कि प्रकृति के प्रतिकूल किये गए मानवीय व्यवहार के भयावह दुष्परिणाम हो सकते हैं।
हमें आने वाली पीढ़ी के लिए प्रकृति प्रदत्त चीजों को सहेज कर रखने की आवश्यकता है, ताकि समावेशी विकास की अवधारणा सतत् बनी रहे. राज्यपाल ने कहा कि आज यहां रोपित किए जा रहे बरगद, पीपल, नीम तथा तुलसी के पौधों का धार्मिक, आर्थिक, पर्यावरणीय दृष्टिकोण से बड़ा महत्व है। नीम और तुलसी के गुणकारी प्रभावों से आप सब परिचित ही हैं. कोरोना काल में तुलसी के कफनाशक गुणों के कारण इसके पेय से आमजनों को काफी लाभ हुआ।
राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि प्रकृति के लिए प्लास्टिक अत्यंत हानिकारक है। यह हजारों सालों में भी नष्ट नहीं होता और इसमें कई ऐसे घटक होते हैं जो शरीर के लिए नुकसानदायक हैं. प्लास्टिक के बर्तन कई प्रकार के बीमारियों को जन्म देती है. हमें कोशिश करनी चाहिए कि प्लास्टिक का न्यूनतम उपयोग किया जाए तथा उपयोग किए हुए प्लास्टिक का उचित प्रबंधन करें। पॉलीथीन के स्थान पर कपड़े, जूट और पेपर बैग जैसे वैकल्पिक साधनों को अपनाएं, जो पर्यावरण अनुकूल होते हैं।
राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि देश के सभी नदियों को गंगा के सदृश पवित्र मानकर उसको स्वच्छ बनाए रखना है। नदियों को प्लास्टिक मुक्त रखा जाए। वर्तमान समय में पर्यावरण और नदियों को प्लास्टिक से सर्वाधिक नुकसान हो रहा है। हम सभी को मिलकर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में साझी पहल करनी होगी ताकि सदानीरा नदियां अविरल बहते हुए हमारे अस्तित्व को सिंचित करती रहे। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित जन समुदाय को प्रकृति और परिवेश की स्वच्छता व सुरक्षा तथा नदियों को प्लास्टिक मुक्त करने हेतु संकल्प वाचन कराया।
इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व मंत्री एवं विधायक पुन्नूलाल मोहिले, पूर्व मंत्री दयाल दास बघेल, पूर्व सांसद लखन लाल साहू, राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती हर्षिता पाण्डेय, मंदिर परिसर के प्रमुख पूजारी रामअवतार महात्यागी, गणेश शंकर मिश्रा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु एवं आमजन उपस्थित थे।
Shantanu Roy

Shantanu Roy

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