छत्तीसगढ़
ऐग हैचरी व चिक प्रोडक्शन यूनिट को बनाया अपने आजीविका का आधार
Shantanu Roy
3 Feb 2023 2:11 PM GMT
x
छग
जशपुर। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत (बिहान) जशपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत महिलाओं को समूह के रूप में गठित व प्रेरित कर स्व रोजगार से जोड़े जाने की महत्वाकांयोजना सार्थक साबित हो रही है। आज एनआरएलएम की महिलाएं स्व सहायता समूह से जुड़ कर सफलता की नयी कहानियॉ लिख रहीं हैं और अपने सपने को पंख देकर नयी उड़ान के लिए तैयार हैं। तीनों स्तर की पंचायतों व एनआरएलएम बिहान टीम की सहायता से इन महिलाओं की सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है। कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के मार्गदर्शन और जिला पंचायत सीईओ जितेन्द्र यादव के दिशा निर्देश में आजीविका से जुड़कर महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही है। इसी कड़ी में कांसाबेल विकासखंड के ग्राम चेटबा के सहेली स्व सहायता समूह की ओर से ऐग हैचरी व चिक प्रोडक्शन यूनिट को अपने आजीविका का आधार बनाया है। इस समूह में 12 महिलाएं शामिल हैं। सहेली स्व सहायता समूह बिहान योजना की ओर से संचालित है। जिसका गठन को करके क्षमता वर्धन का कार्य विकासखंड मिशन प्रबंध इकाई व अभिसरण के माध्यम से किया गया है।
सहेली स्व सहायता समूह बिहान में जुडऩे के बाद जिन्दगी में कुछ कर गुजरने व अच्छे मुकाम में पहुंचने की प्रेरणा मिली। जिससे अपने आर्थिक विकास के लिए कुछ न कुछ आजीविका संबंधित कार्य करना चाहती थी। इसलिए वे समूह के 11 सूत्रों का नियमत: पालन करते हुए चक्रीय निधि राशि 15000 रुपए, सामुदायिक निवेश कोष राशि 60000 रुपए व बैंक लिंकेज की राशि 60000 रुपए प्राप्त कर स्व सहायता समूह की ओर से जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में एग हैचरी व चिक प्रोडक्शन यूनिट प्रारंभ किया गया। एग हैचरी व चिक प्रोडक्शन यूनिट में सर्वप्रथम 720 अंडा हैचिंग के लिए डाला गया। जिसमें से 634 अंडे से फूट कर चूजा प्राप्त हुआ। सहेली स्व सहायता समूह की ओर से 720 अंडा 10800 रु में खरीदा गया व उस अंडे से चूजा उत्पादन कर 634 चूजे को विक्रय कर कुल लाभ राशि 34870 रुपए प्राप्त किया गया। चुकिं स्थानीय एरिया में समूह के सभी दीदियों की ओर से मुर्गी पालन किया जाता है। जिससे अंडा हैचिंग के लिए आसानी से समूह की ओर से एकत्रित कर लिया जाता है व कुछ अंडे मुर्गी पालकों से खरीद कर उसे मशीन द्वारा हैचिंग करवाकर चूजा प्राप्त कर लिया जाता है। इस प्रकार सहेली स्व सहायता समूह एक उद्यमिता की सोच लेकर आगे बढ़ रही है। समूह में जुडऩे से पहले समूह के सभी सदस्यों का आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी और जीवन एक सामान्य मेहनत-मजदूरी पर निर्भर था। कम आय की वजह से समूह की दीदियॉ घर व परिवार की समस्या से हमेशा घिरी हुई रहती थी।
Tagsछग खबरछग न्यूज़छत्तीसगढ़ की ख़बरेंखबर छत्तीसगढ़खबर छग कीछत्तीसगढ़ ख़बरेंख़बरें लगातारChhattisgarh newsChhatish newsnews continuouslyदिन की बड़ी ख़बरअपराध खबरजनता से रिश्ता खबरदेशभर की बड़ी खबरताज़ा समाचारआज की बड़ी खबरआज की महत्वपूर्ण खबरहिंदी खबरजनता से रिश्ताबड़ी खबरदेश-दुनिया की खबरराज्यवार खबरहिंदी समाचारआज का समाचारबड़ा समाचारनया समाचारदैनिक समाचारब्रेकिंग न्यूजBIG NEWS OF THE DAYCRIME NEWSLATEST NEWSTODAY'S BIG NEWSTODAY'S IMPORTANT NEWSHINDI NEWSJANATA SE RISHTABIG NEWSCOUNTRY-WORLD NEWSSTATE-WISE NEWSTODAY NEWSNEWS UPDATEDAILY NEWSBREAKING NEWS
Shantanu Roy
Next Story