छत्तीसगढ़

लूट सके तो लूट...छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड को मिला कमाई का रास्ता

Admin2
21 Nov 2020 6:14 AM GMT
लूट सके तो लूट...छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड को मिला कमाई का रास्ता
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पीपीपी मॉडल से डेढ़ साल में तैयार होगा शांतिनगर प्रोजेक्ट

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी रायपुर के शांति नगर पुनर्विकास योजना (मल्टीस्टोरी काम्पलेक्स) पर मंत्रिमंडलीय उप समिति ने अपनी सहमति दे दी है। इसे पीपीपी मॉडल पर गृह निर्माण मंडल बनाएगा। पुनर्विकास का कार्य 12 से 18 माह में चार चरणों में होगा। उप समिति ने अपनी यह अनुशंसा कैबिनेट को भेज दी है। 28 नवंबर को कैबिनेट इस पर निर्णय लेगी। लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू की अध्यक्षता में हुई बैठक में आवास मंत्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, सचिव आवास एवं पर्यावरण अंकित आनंद और छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के आयुक्त अयाज तंबोली उपस्थित थे। यहां सचिव आवास अंकित आन?ंद ने बताया कि जल संसाधन विभाग द्वारा जी, एच, एवं आई टाइप के भवनों को भूमि सहित समस्त परिसम्पत्तियों के साथ आवास एवं पर्यावरण विभाग को हस्तांतरित किया गया है। इन भवनों को जीर्ण-शीर्ण घोषित करने के लिए प्रकरण सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा गया है। लोक निर्माण विभाग के सभी बी, सी, डी, ई एवं एफ टाइप आवासों को जीर्ण-शीर्ण घोषित किया जा चुका है। प्रथम चरण में 10 आवासों को हटा दिया गया है तथा 2 आवास शेष है। प्रथम चरण में 31 अवैध निर्मित झुग्गी-झोपड़ी है, इन्हें हटाने के लिए नगर निगम के माध्यम से सर्वे कर आबंटन की प्रक्रिया जारी है। द्वितीय एवं तृतीय चरण में 18 ई एवं एफ टाइप के भवनों को आवंटन के बाद हटाया जा रहा है। इन्ही दो चरणों में 268 जी, एच एवं आई टाइप के भवनों को रिक्त करना आवश्यक है। गृह निर्माण मण्डल के वर्तमान में रिक्त 268 भवनों को जी.ए.डी. पूल से उपलब्ध कराना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि बोरियाकला में 2-3 बीएचके भवन उपलब्ध है। जी श्रेणी आवास के विरूद्ध 3 बीएचके तथा एच एवं आई के विरूद्ध 2 बीएचके भवन जी.ए.डी पूल में दिया जाएगा। इन भवनों की अनुमानित लागत 69 करोड़ 50 लाख रुपए है। चतुर्थ चरण में रिक्त किए जाने वाले आवासों का निर्माण नया रायपुर में प्रगति पर है।


निजी बिल्डर्स और डेवलपर करेंगे निर्माण

उपसमिति ने निर्णय लिया कि गृह निर्माण मण्डल भूमि के अग्रिम आधिपत्य पश्चात आर्किटेक्चरल फर्म के लिए निविदा आमंत्रित करेगा। आर्किटेक्ट के माध्यम से कॉन्सेप्ट को निर्धारित किया जाएगा। निर्धारित कान्सेप्ट के ऊपर निविदा आमंत्रित करते हुए भूमि के मूल्य, समायोजित भवनों की लागत, इसकी कुल राशि को ऑफर रेट माना जाएगा।

फ्री-होल्ड पर बेच सकेगा

गृह निर्माण मण्डल चरणबद्ध तरीके से भूमि रिक्त कर डेवलपर को निश्चित समयावधि में उपलब्ध कराएगा। संबंधित चरण के भूमि मूल्य के संपूर्ण राशि के भुगतान होने पर पावर अटार्नी प्राप्त कर डेवलपर फ्री-होल्ड पर विक्रय कर सकेगा, किन्तु इसमें शासन का भूमि स्वामित्व समाप्त होगा।

गृह निर्माण मंडल करेगा निगरानी

बैठक में बताया गया कि समेकित भूमि मूल्य की गणना हस्तांतरित भवन के मूल्य एवं भूमि का प्रचलित मूल्य दोनों को जोड़कर मानी जाएगी। निर्माण कार्य की निगरानी बोर्ड करेगा। चरणबद्ध तरीके से भूमि रिक्त कर विकासक को निश्चित समयावधि में उपलब्ध कराएगा तथा विक्रय के लिए विकासक को अधिकृत करते हुए समन्वय से प्रक्रिया निर्धारित करेगा।

भूमि की 10 फीसदी शुल्क देने पर फ्री होल्ड

भूमि के कुल लागत के विरुद्घ 10 फीसद राशि मंडल को पर्यवेक्षण शुल्क के रूप में भुगतान करेगा। राशि के भुगतान होने पर पावर आटार्नी प्राप्त कर विकासक फ्री होल्ड पर विक्रय कर सकेगा, किंतु शासन का भूमि स्वामित्व समाप्त नहीं होगा। यदि लाग लीज के माध्यम से विकास किया जाता है तो लाग लीज की स्थिति में प्रीमियम के अलावा लीज अवधि के लिए लीज रेंट की राशि प्राप्त होगी, किंतु एकमुश्त राशि जो फ्री होल्ड विक्रय में होगी। उससे कम की प्राप्ति होगी। लीज आधार या फ्री होल्ड विक्रय के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। बैठक में आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डा. शिवकुमार डहरिया, सचिव आवास एवं पर्यावरण अंकित आनंद और छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के आयुक्त अयाज तंबोली उपस्थित थे।

31 अवैध झुग्गी-झोपड़ी हटाने की कार्रवाई

प्रथम चरण में 31 अवैध निर्मित झुग्गी-झोपड़ी हैं। इन्हें हटाने नगर निगम के माध्यम से सर्वे कर आवंटन की प्रक्रिया जारी है। द्वितीय एवं तृतीय चरण में 18 ई एवं एफ टाइप के भवनों को आवंटन के बाद हटाया जा रहा है। इन्हीं दो चरणों में 268 जी, एच एवं आइ टाइप के भवनों को रिक्त करना आवश्यक है। गृह निर्माण मंडल के वर्तमान में रिक्त 268 भवनों को जीएडी पूल से उपलब्ध कराना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि बोरियाकला में टू व थ्री बीएचके भवन उपलब्ध हैं। जी श्रेणी आवास के विरुद्घ थ्री बीएचके तथा एच एवं आइ के विरुद्घ टू बीएचके भवन जीएडी पूल में दिया जाएगा। इन भवनों की अनुमानित लागत 69 करोड़ 50 लाख रुपये है। चतुर्थ चरण में रिक्त किए जाने वाले आवासों का निर्माण नवा रायपुर में प्रगति पर है। कार्य पूर्ण होने पर सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा नवीन आवंटन आदेश होने के बाद आवास रिक्त हो सकेंगे।

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