छत्तीसगढ़

पशुपालक, किसान और ग्रामीण गोबर बेचकर बन रहे लखपति

Nilmani Pal
7 Oct 2022 9:58 AM GMT
पशुपालक, किसान और ग्रामीण गोबर बेचकर बन रहे लखपति
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जांजगीर-चांपा। गोबर बेचकर जिले के ग्रामीणजन लखपति बनकर कोई ट्रेक्टर खरीद रहा, कोई मोटर साइकिल, किसी ने टीवी, फ्रिज खरीदा, तो भूमिहीन परिवार ने भी घर बनवा लिया, किसी ने अपने बच्चों की बेहतर शिक्षा, शादी करने आदि कार्यों के लिए गोबर बेचकर प्राप्त हुए राशि को खर्च किया। यह सब संभव हो सका राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना से, जिससे जुड़कर पशुपालक, किसान, ग्रामीण गोबर बेचकर हजारों से लेकर लाखों रूपए तक कमा रहे हैं।

सुराजी गांव योजना के तहत जिले में गौठान बनाने के बाद उसे गोधन न्याय योजना से जोड़कर गोबर की खरीदी की जा रही है। जिले में 358 गौठानों में गोबर की नियमित रूप से खरीदी की जा रही हैं। जिले में सक्रिय गोबर विक्रेताओं ने गौठानों में 3 लाख 55 हजार 45 क्विंटल गोबर बेचा और इससे 7 करोड़ 10 लाख 9 हजार रूपये की कमाई की। कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देशन एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ फरिहा आलम के मार्गदर्शन में जिले में गोधन न्याय योजना का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। गौठानों में निरीक्षण करते हुए उनके द्वारा प्रत्येक कार्यों की जानकारी ली जा रही है। कलेक्टर श्री सिन्हा ने बताया कि जिले में ग्रामीण, शहरी एवं आवर्ती चराई की 566 गौठानों को स्वीकृति दी गई है, जिसमें से 430 गोठानों का निर्माण कर लिया गया है, इनमें से 358 गौठानों का गोधन न्याय योजना से जोड़कर गोबर की खरीदी कराई जा रही है और इस गोबर से वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण कराया जा रहा है। गोबर बेचकर पशुपालकों को पैसा मिल रहा है तो वहीं दूसरी ओर वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण से महिला समूहों, खेती में जैविक खाद से किसानों, ग्रामीणों को लाभ भी हो रहा है।

अमृतलाल ने बनवाया मकान-

बलौदा विकासखण्ड के जर्वे (च) गौठान में 57 हजार 380 किलोग्राम गोबर बेचकर श्री अमृतलाल यादव ने 1 लाख 14 हजार 760 रूपए अर्जित किये। भूमिहीन परिवार के अमृतलाल ने इस राशि का उपयोग मकान बनाने के लिए किया। जिसमें वह अपने परिवार के साथ बेहतर जिंदगी गुजर-बसर कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर बलौदा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत बछौद की रहने वाली श्रीमती रूकमणी बाई ने गौठान में 1 लाख 5 हजार 259 किलोग्राम गोबर बेचकर 2 लाख 10 हजार 518 रूपए कमाए। वे बताती हैं कि उन्होंने इस राशि से बोर खनन पशुओं के लिए कोठा निर्माण एवं घरेलू सामान को खरीदने में खर्च किया।

किसी ने बेटी तो किसी ने बेटे की शादी की-

ग्राम पंचायत बछौद की रहने वाली गंगोत्री बाई यादव बताती हैं कि गोबर से भी पैसा कमाया जा सकता है वह भी इतना कि बेटी की शादी कर सकूं यह तो सिर्फ गोधन न्याय योजना के माध्यम से ही हो सका। उन्होंने बताया कि 97 हजार 605 किलोग्राम गोबर बेचकर उन्हें 1 लाख 95 हजार 210 रूपए की आमदनी हुई। इस राशि से उन्होंने गर्मी में अपनी बेटी की शादी के लिए सोने के आभूषण बनवाए और शादी के घरेलू सामानों के लिए खर्च किये। तो वहीं डभरा विकासखण्ड की ग्राम पंचायत केकराभाठ के रहने वाले प्रहलाद पटेल बताते हैं कि गौठान में उन्होंने 1 लाख 29 हजार 930 किलोग्राम गोबर बेचकर 2 लाख 59 हजार 860 रूपए कमाए। उन्होंने गोबर की राशि से एक गाय को खरीदा और शेष जो राशि बची उससे बेटे की शादी धूमधाम से की।

खेती के लिए खरीदा ट्रेक्टर-

जनपद पंचायत बम्हनीडीह के ग्राम पंचायत कपिस्दा के रहने वाले डेयरी व्यवसाय से जुड़े प्रखर मिश्रा ने 72 हजार 551 किलोग्राम गोबर बेचकर 1 लाख 45 हजार 102 रूपए की राशि प्राप्त की और इस राशि को देकर उन्होंने ट्रेक्टर लोन पर खरीदा। उन्होंने बताया कि यह ट्रेक्टर उन्हें खेती किसानी में बहुत काम आ रहा है। नवागढ़ विकासखण्ड के ग्राम पंचायत खोखरा के रहने वाले श्री भुवा यादव ने 34 हजार 329 किलोग्राम गोबर बेचकर 68 हजार 658 रूपए प्राप्त किये इससे उन्होंने टीवी, फ्रिज एवं घरेलू सामान खरीदा, जिससे उनका पूरा परिवार एक साथ बैठकर टीवी देख पा रहा है। इसी प्रकार अकलतरा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत खटोला की अपूर्वा तिवारी ने 48 हजार 367 किलोग्राम गोबर को बेचकर 96 हजार 734 रूपए कमाए और इस राशि से इलेक्ट्रिक मोटर साइकिल खरीदी।

गोबर की राशि से चुकाया कर्ज-

बलौदा विकासखण्ड के बालपुर में रहने वाले भोलाराम मन्नेवार ने 1 लाख 13 हजार 436 किलोग्राम गोबर बेचकर 2 लाख 26 हजार 872 रूपए की कमाई की। इस राशि से उन्होंने मकान बनाने के लिए जो कर्जा लिया था उस राशि को चुकाया और कर्जमुक्त हुए और जो पैसा बचा उससे उन्होंने परिवार के लिए मोटर साइकिल भी खरीदी। वह गोबर बेचने के बाद मिल रही राशि से बेहद खुश हैं।

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