रायपुर। राष्ट्र-संत श्री ललितप्रभ जी महाराज ने कहा कि जीवन ऐसा जिएँ कि आप जहाँ रहें सब आपको प्यार करें, जहाँ से आप जाएँ पीछे सब आपको याद करें और आप जहाँ जा रहे हैं वहाँ पर सब आपका इंतजार करें। या तो हम 100 किताबें लिख कर जाएँ कि हमारे जाने के बाद भी यह दुनिया उन्हें पढ़कर जीना सीख सके या फिर ऐसा जीवन जीकर जाएँ कि हम पर 100 किताबें लिखी जा सके।
संतप्रवर गुरुवार को टैगोर नगर स्थित सरदार बगीचे में आयोजित प्रवचन में श्रद्धालु भाई बहनों को संबोधित कर रहे थे। संतप्रवर ने कहा कि तलवार की कीमत होती है धार से, पर अच्छे इंसान की कीमत होती है सद्व्यवहार से। याद रखें, सुंदर चेहरा दो मिनट याद रहता है, पर सुंदर व्यवहार हमें जीवन भर याद रहता है। हम हाथ उठा कर दस लोगों को भी जीत नहीं सकते, पर हाथ जोड़कर लाखों लोगों का दिल जीत सकते हैं। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि पुरुष लोग शादी से पहले जैसा व्यवहार करते हैं अगर वैसा ही व्यवहार शादी के बाद भी करें तो तलाक की कभी नौबत नहीं आएगी और महिलाएँ शादी के बाद जैसा व्यवहार करती हैं अगर वैसा ही व्यवहार शादी से पहले करें तो इस दुनिया में कोई शादी ही न करेगा।
इससे पूर्व मुनि श्री शांतिप्रिय सागर जी ने सभा को संबोधित करते हुए सदा खुश रहने और दूसरों को खुशियां बांटने की प्रेरणा दी।