छत्तीसगढ़

ऐसे जिएं कि आप खुद पर गौरव कर सकें

Nilmani Pal
27 Sep 2022 3:11 AM GMT
ऐसे जिएं कि आप खुद पर गौरव कर सकें
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रायपुर । राष्ट्र-संत श्री ललितप्रभ जी महाराज ने कहा कि जीवन बांसुरी की तरह है, जिसमें बाधाओं रूपी कितने भी छेद क्यों ना हों ,लेकिन जिसको उसे बजाना आ गया, समझ लीजिए उसी जीना आ गया। उन्होंने कहा कि लोग कैसा जीवन जीते हैं उसे देख कर मत जियो, बल्कि जैसा जीवन जीना श्रेष्ठ होता है वैसा जिओ ।अच्छा जीवन तो खुद को भी अच्छा लगता है और दूसरों को भी।

संत प्रवर सोमवार को श्री श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ द्वारा विवेकानंद नगर स्थित जैन मंदिर के विशाल प्रांगण में आयोजित तीन दिवसीय प्रवचन माला के पहले दिन जीवन जीने की कला पर श्रद्धालु भाई बहनों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जीवन को सुकून भरा बनाने के लिए 5 मंत्र अपने साथ जोड़ सकते हैं

पहला है विचार शैली को पॉजिटिव बनाएं ताकि आपके व्यवहार में हमेशा माधुर बना रहे।दूसरा जीवन में जो मिल रहा है उसका स्वागत कीजिए शिकायत मत कीजिए क्योंकि शिकायत आपके मन को हमेशा दुखी करती रहेगी। तीसरा जीवन में संतुष्ट रहने की आदत डालिए दुनिया में किसी को क्या मिल रहा है यह देख कर अपने मन को निराश करने की वजह एक बात हमेशा याद रखिए कि भगवान ने जो दिया है वह भाग्य से ज्यादा दिया है। चौथा सूत्र देते हुए संत श्री ने कहा कि मुस्कुराने के अवसर हमेशा तलाश थी रहिए मुस्कुराता हुआ इंसान जहां रहता है वही स्वर्ग होता है। पांचवा मंत्र देते हुए उन्होंने कहा कि जिंदगी में कभी लोग ना लें और जो प्राप्त है वह पर्याप्त है अगर यह बातें हमारे जीवन में उतर जाती हैं तो हम मानसिक रूप से तो स्वस्थ रहेंगे ही और हमारा जीवन स्वर्ग और सुकून से भर जाएगा। कार्यक्रम में साध्वी श्री शुभकंरा श्री जी महाराज साहब ने भी श्रद्धालु भाई बहनों को धर्म लाभ प्रदान किया।

गणमान्य जनों ने प्रज्जवलित किया ज्ञान दीप

चातुर्मास समिति विवेकानंदनगर के श्यामसुंदर बैदमुथा, पुखराज मुणोत, मांगीलाल बरड़िया व महेंद्र सराफ ने बताया कि धर्मसभा का शुभारंभ गजराज पगारिया, कस्तूरचंद बुरड़, मानकचंद बाघमार, गौतम गोलछा, अनिल लोढ़ा व स्वरूपचंद श्रीश्रीमाल के हाथों दीप प्रज्जवलन से हुआ। धूप दर्शन का सौभाग्य श्रीऋषभदेव मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय कांकरिया, कार्यकारी अध्यक्ष अभय भंसाली व ट्रस्टी राजेंद्र गोलछा को प्राप्त हुआ। ऋषभ बहु मंडल ने स्वागत गीत की मधुर प्रस्तुति दी। सभा संचालन सुरेश बरड़िया ने किया। राष्ट्रसंतों के प्रवचन मंगलवार को भी विवेकानंद नगर स्थित जैन मंदिर के विशाल प्रांगण में सुबह 9:00 से 11:00 बजे तक होंगे।

शाश्वत नवपदजी की ओली की आराधना 1 अक्टूबर से

श्रीऋषभदेव मंदिर ट्रस्ट एवं श्रीदिव्य चातुर्मास समिति के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रसंत श्रीललितप्रभ सागरजी एवं डॉ. मुनिश्री शांतिप्रिय सागरजी के पावन सानिध्य में महामंगलकारी शाश्वत श्रीनवपद ओली की आराधना 1 अक्टूबर से 9 अक्टूबर तक एमजी रोड स्थित श्रीजिनकुशल सूरी दादाबाड़ी में होगी। राष्ट्रसंत 1 से 10 अक्टूबर तक दादाबाड़ी में विराजित रहेंगे, प्रतिदिन प्रवचन प्रात: 9 से 10.15 बजे तक, प्रतिदिन नवपद की ओली की क्रिया विधि प्रात: 10.30 से 11.30 बजे तक, आयंबिल प्रात: 11.45 बजे से की जाएगी। तपस्वियों का पारणा 10 अक्टूबर को प्रात: 8 बजे से कराया जाएगा। नवपदजी की ओली की आराधना व अनुष्ठान के लाभार्थी हैं- श्रीमती संपतबाई मोतीलाल संतोषचंद रंजना देवी दुग्गड़ परिवार धमतरी-रायपुर।

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