आला कमान के अनुमोदन के बाद बटेंगे पद... हो गया मंथन
दो से तीन पत्रकारों को भी उपकृत करने की चर्चा...
सूची लेकर पुनिया दिल्ली रवाना हुए
17 को खतरा बताने वालो का मंसूबा फेल
संभवत: सप्ताहभर में पहली सूची अनुमोदित होने की उम्मीद
ज़ाकिर घुरसेना
रायपुर। 15 साल के राजनितिक वनवास के बाद कांग्रेस सत्ता में आयी तो वर्षों से मेहनत करने वाले कांग्रेसियों को लालबत्ती की उम्मीद जागी थी। कुछ निगम मंडलो में नियुक्ति के बाद बाकी का मामला ठन्डे बस्ते में चला गया था। बीच बीच में ढाई ढाई साल वाला जिन्न भी बाहर आने लगा था लेकिन अब पुन: बोतल में बंद कर दिया गया। सतरा (17) जून पर सबकी नजऱे टिकी हुई थी अब वो सतरा का खतरा भी टल गया, और विरोधियों के मनसूबे फेल हो गए। परन्तु अब तक निगम मंडल की नियुक्ति का इंतजार कार्यकर्ताओं को अभी है। हालांकि कोरोना काल के पहले निगम मंडल की सुगबुगाहट काफी तेज हुई थी। अंत में प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी पी.एल.पुनिया के छत्तीसगढ़ प्रवास के बाद होने की उम्मीद थी लेकिन वो भी पूरी नहीं हो पायी कार्यकर्ताओ को मायूसी हाथ लगी, हालांकि कांग्रेस के बड़े नेताओ ने किसी को मायूस नहीं होने की ताकीद की है, और कहा है की कोरोना काल के कारण सूची में देर जरूर हुई लेकिन अब जल्द से जल्द सूची जारी कर दिए जाने की खबर मिल रही है। ढाई साल सरकार को हो गए अभी तक निगम मंडलों में नियक्ति नहीं होना भी एक प्रकार से कार्यकर्ताओ के लिए मृग मरीचिका से प्यास बुझाने जैसा साबित हुआ। निगम मंडल की नियुक्ति का इंतजार कार्यकर्ताओं को अभी है। हालांकि कोरोना काल के पहले निगम मंडल की सुगबुगाहट काफी तेज हुई थी। इस दौरान कई नाम चर्चा में आए थे तथा दावेदार अपने-अपने पक्ष में लाबिंग भी करने में भी पीछे नहीं रहे, किंतु कोरोना के कारण इनकी मेहनत पर पानी फिर गया । पिछले दिनों जब प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पुनिया रायपुर में थे तब संभावित दावेदार राजधानी में डेरा डाले हुए थे तथा अपने-अपने पक्ष में लाबिंग करने दिन रात एक कर दिए थे।
छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया के दिए बयान से नेताओं और पद के दावेदारों की बेचैनी भी बढ़ गई थी। बहरहाल इन तमाम बनते बिगड़ते समीकरणों में अब कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं तथा कई चेहरे ऐसे हैं, जिन्हें निगम मंडल में जगह मिलने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता। जिसके चलते वहां खुले रूप से कोई भी अपना नाम और दावेदारी करने से बच रहे हैं। इन नामों पर अंतिम मुहर किस नाम पर लग पाता है यह तो सूची जारी होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी में संगठन के नए पदाधिकारियों को जोडऩे के आलावा सभी नेताओ की सूची सम्मिलित करने के उपरांत फाइनल लिस्ट पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी सहमति देते हुए आगे बढ़ाई है। जानकर यह बताते हैं कि दोनों सूची प्रदेश प्रभारी पुनिया विगत दिनों छत्तीसगढ़ प्रवास पर थे तब सभी नेताओ से मिलकर सबकी सूची फाइनल कर अपने साथ आलाकमान से अनुमोदन हेतु दिल्ली ले गए हैं। संभवत सप्ताह या पंद्रह दिन में आलाकमान से अनुमोदन पश्चात सूची जारी किये जाने की सम्भावना है। विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कुछ निगम मंडलो के पद जिस पर विवाद नहीं है इसी सप्ताह जारी होने की उम्मीद जताई जा रही है, बाकी बचे निगम मंडलों की सूची दिल्ली में बड़े नेताओ की होने वाली प्रस्तावित बैठक में रायशुमारी के बाद घोषित की जाने की उम्मीद जताई जा रही है। अब देखना ये होगा कि प्रदेश के वरिष्ठ नेता अपने-अपने सहयोगियों और निष्ठावान कार्यकर्ताओ को कितनी जगह दिला पाते हैं । सूत्रों से जानकारी मिली है कि नियुक्ति में पत्रकारों की भी लाटरी लगने की उम्मीद है।
नजदीकी और संगठन में सक्रिय रहने वालों को फायदा
निगम मंडल के लिए रोज बन रहे समीकरण के बीच दावेदार अपनी दावेदारी को इसलिए भी मजबूत बताया जा रहा है कि उन्हें कहीं अपने नेताओं के नजदीकी का भरोसा है, हालांकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्पस्ट कर चुके हैं कि निगम मंडलों में नियुक्ति उनका विशेषाधिकार है लेकिन मंत्रियो की सूची को भी वे नजऱअंदाज़ नहीं करेंगे ऐसा एक मंत्री ने बताया। पार्टी में कई वरिष्ठ नेता हैं जो वर्षो से पार्टी की खिदमत कर रहे हैं ऐसे लोगों को भी तवज्जो मिलने की खबर है। उन्हें पार्टी संगठन में सक्रिय होने का लाभ मिलने का भरोसा जताया जा रहा है। अब पार्टी के निर्धारित मापदंड में कौन खरा उतर पाता है, किसके नाम को सूची में जगह मिल पाती है, यह सूची जारी होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा, जिसका इंतजार पार्टी के नेता तथा कार्यकर्ताओं को भी है।
पुनिया के साथ गुप्त मीटिंग की चर्चा...
विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली है कि जिस दिन पुनिया रायपुर प्रवास पर थे तब होटल में देर रात 20-30 कांग्रेस के बड़े नेताओं ने गोपनीय रूप से मीटिंग की लेकिन अभी तक इस बात की पुष्टि किसी नेता ने आधिकारिक तौर पर नहीं की। ना ही इस बैठक की जानकारी सामने आ रही है। लेकिन प्रदेश प्रभारी पुनिया ने अपने किसी एक मित्र से गुफ्तगू के दौरान इस बैठक की जानकारी दी है। विस्तृत जानकारी के लिए पत्रकार भी आतुर दिखे। लेकिन सच और झूठ क्या है जिसकी सच्चाई आना बाकी है। सच्चाई जो भी हो सामने तो आएगी ही। एक चौकाने वाली खबर जरूर सत्ता के गलियारे से आ रही है कि दो तीन पत्रकारों की भी लाटरी लग सकती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दो सलाहकार भी वरिष्ठ पत्रकार हैं, बाद में दो पत्रकारों को सूचना आयोग में आयुक्त बना कर उपकृत किया गया है। अब दो से तीन या इससे अधिक पत्रकारों को निगम मंडल की सूची में जगह मिलने की खबर आ रही है।