छत्तीसगढ़

इवेंट के नाम पर परोस रहे शराब और शबाब...

Nilmani Pal
20 March 2023 5:25 AM GMT
इवेंट के नाम पर परोस रहे शराब और शबाब...
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रशियन और जापानी डांस का देते हैं इनविटेशन, कॉर्पोरेट पास बांट कर रहे हैं जीएसटी की चोरी

इवेंट कंपनियों के जद में विधायक-मंत्री और मंत्रियों के रिश्तेदार, बड़े-बड़े द्योगपति, उच्चअधिकारी और छुटभैया नेता

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर । इवेंट के नाम से शराब-शबाब परोसने और रशियन और जापानी डांस के प्रजेंटेंशन का गोपनीय तरीके से लोगों को निमंत्रित कर लाइफ फुल इंजाय का मौका नहीं चूके जैसे स्लोगन मेसेस कर लोगों को इवेंट में सहपरिवार पहुंचने का अनुनय करते हुए धीरे से फीस और इंट्री की जानकारी देकर ठगी का खेल राजधानी में पनप रहा है। इवेंट मेनेजर और होटल मालिक मिल कर कॉर्पोरेट सेक्टर में थोक में पास बांट कर जीएसटी चोरी का कर रहे हैं खेल। जैसे इवेंट को सक्सेस करने के लिए इवेंट कंपनियों का जाल मंत्री और मंत्रियों के रिश्तेदार, बड़े-बड़े उद्योगपति,आईएएस-आईपीएस के साथ छुटभैया नेताओं को टिकट बांटकर या बेचकर शासन-प्रशासन को अनुमति में अटकाने वाले रोड़ों को पहले साफ कर लेते है। फिर खुलेआम कालेज स्टूडेंट और कामकाजी निजी सेक्टर से जुड़े मोटी तनख्वाह वाले युवाओं को शानदार-जानदार फुल इंटरटेनमेंट की गारंटी देकर आयोजन स्थल में आने की इंट्री फीस के साथ एसएमएस या फोन से आमंत्रित करते है। जब स्टार कास्ट और आयोजन के खर्चे जितना टिकट बिक जाते है तब तरह-तरह के हथकंड़े अपनाकर आयोजन से एक दिन पहले या आयोजन के दिन कार्यक्रम शुरू होने के ठीक बाद रफू चक्कर हो जाते है। हजारों लोगों को इमोशनल ब्लेकमेल कर टिकट खरीदने के लिए मजबूर करते है। फिर सारा माल समेट लेते है और विवाद की स्थिति खुद निर्मित करते ताकि भागने में आसानी से रास्ता मिल सके। इस तरह का खेल राजधानी में हर फेस्टिवल पर आयोजित हो रहे है और करोड़ों का चूना लगाकर होटल वालों को बदनाम कर रहे है। जिसके कारण अब इवेंट जैसे आयोजनों से लोगों का मोह भंग होते जा रहा है। लोग अब समझने लगे है कि इवेंट मैनेजर बड़े -बड़े राजनीतिक पहुंच का झांसा देकर सिर्फ चूना लगाने का काम कर रहे है। उसके बाद भी प्रशासन इवेंट कंपनियों पर कार्रवाई नहीं कर रही है। बल्कि इवेंट के लिए प्रोत्साहित कर रही है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में फर्जी इवेंट कंपनी का बोलबाला जैसे जैसे शहर बढ़ता जा रहा है वैसे ही शहर की आबोहवा में रंगीन मिजाजी और अय्याशी और गाना बजाने की धुन सवार होते जा रही है हाल के दिनों में लगातार हर प्रकार के इवेंट करने वाली कंपनियां रायपुर में कुकुरमुत्ता के जैसे पैदा हो गई दो चार दोस्त मिलकर ऐसे ही बैंड कंपनियों को कुछ भी उटपटांग नाम देखकर सामने लाते हैं सोशल मीडिया फेसबुक में वायरल करते हैं हद तो तब हो जाती के बड़े-बड़े आर्टिस्टो का बैनर पोस्टर बड़े-बड़े सिंगरों का बैनर पोस्टर लगाकर फर्जी टिकट बेचने का प्रयास करते हैं जबकि ऐसे ही कुछ इवेंट पिछले दिनों में कराने का वादा करने वाली कई कंपनियां पैसे वसूल हो चुकी है हाल ही दिनों में रायपुर में फिल्मी क्रिकेट के नाम से लूट गया और चला गया इसका उदाहरण सभी ने देखा कि बड़े-बड़े नाम फिल्म डिस्टिक के लिए गए थे लेकिन इंडस्ट्री का बड़ा नाम तो कोई नहीं आया छूट गई है अभिनेता के अलावा एक बड़े अभिनेता से अभिनेता से से राजनेता बने शख्सियत को देखने जरूर मिला लेकिन उस फिल्मी क्रिकेट फिल्मी क्रिकेटक्रिकेट इवेंट में रायपुर शहर के लोगों ने टिकट नहीं खरीदी और रायपुर का हाल यही है कि कोई भी इवेंट हो फ्री में पास मिलता है जुगाड़ से पास मिलता है ऊपर लेवल में जुगाड़ कर लेंगे यह कहानी आम हो चली है इवेंट कंपनियों को रायपुर में टिकट बेचना बहुत मुश्किल होता और टिकट बिकती भी नहीं है विगत कुछ वर्ष पहले सुपरस्टार सिंगर हनी सिंह का प्रोग्राम जनता से रिश्ता के माध्यम से कराया गया था लेकिन इस शहर की तासीर है कि कोई भी सो या इवेंट या सिंगर का लाइव कंसर्ट टिकट के माध्यम से नहीं देखा जाता ना सफलता पाता है यही हाल फिल्मी क्रिकेट का अभी रहा जहां आम आदमी के लिए ओपन फ्री में कर दिया गया कंसर्न फिर भी दर्शक क्रिकेट देखने नहीं पहुंचे चार दोस्तों के द्वारा बनाई गई ऐसी कई सारी फिल्म इवेंट कंपनियां रायपुर में फर्जी तौर पर बड़े-बड़े सिंगरों के पोस्टर के साथ कार्य करने के लिएबाजार में उतरी हुई है

कमाई का नया जरिया ढूंढ निकला

राजधानी में इन दिनों इवेंट का नाम लेकर लोग कमाई का नया जरिया ढूंढ निकले हैं। इवेंट के नाम पर लोग हाई फाई प्रोफइल बनाकर भी लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं। जिन एक्टर और एक्ट्रेस के नाम से इवेंट किया जाता है और वो इवेंट में आते ही नहीं और आयोजक कोई न कोई बहाना बनाकर पल्ला झाड़ लेते हैं। परिवार में जन्मदिन हो या शादी हो या कोई अन्य प्रोग्राम हर जगह इवेंट कम्पनिया पहुंच कर बड़े से बड़े और छोटे कलाकारों को बुलाने का सब्जबाग दिखाकर इवेंट करने का वादा करते हैं। यह भी देखा गया है की चार दोस्त मिलकर एक इवेंट कंपनी बना लेते हैं और फिर काम शुरू कर देते हैं।

कमौई के चक्कर में इवेंट की बाढ़

एयर फर्जीवाड़ा करने में भी नहीं चूकते। कुछ साल पहले टॉप के सिंगर हनी सींग का लाइव कंसर्ट रायपुर में हुआ था जिसमे रायपुर के काफी तादात में युवा बिना टिकट के प्रोग्राम स्थल पर आए थे और सबने कार्यक्रम का जमकर लुत्फ भी उठाया था। पिछले दिनों रायपुर के शहीद वीर नारायण सिंह इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में फिल्मी स्टारों का मैच सेलिब्रिटी क्रिकेट लीग होना था जिसके लिए आयोजक टिकट बेचने जगह जगाय काउंटर भी लगाए थे लेकिन टिकट बिकी ही नहीं मजबूरन दूसरे दिन रविवार को मैच फ्री में दिखाया जाना था लेकिन भीड़ जुटी ही नहीं , रायपुर में इस प्रकार के इवेंट की बाढ़ सी आ गई है जिसे देखो दो चार लोग मिलकर एक इवेंट कंपनी बना लेते हैं और आकर्षक ब्रोशर जिसमे एक्टर और एक्ट्रेस के फोटो डालकर रेट भी फिक्स कर देते है

कुमार विश्वास के नाम पर फर्जीवाड़ा

फिर वहीँ से से फर्जीवाड़ा का खेल चालू होता है। इस प्रकार का फर्जीवाड़ा मशहूर कवि डा. कुमार विश्वास का आजमगढ़ जिले में कवि सम्मेलन कराने के नाम पर फर्जीवाड़ा उजागर भी हो चुका है । ठगी के शिकार कार्यक्रम के आयोजकों में से कुछ आयोजक इसकी शिकायत करते है और कुछ नहीं कराते जिसका फायदा इवेंट कंपनी के संचालक उठाते है क्योंकि अधिकतर आयोजक कानूनी पचड़े में पडऩा नहीं चाहते और इवेंट कंपनी के साथ बैठकर समझौता करना पड़ता है। यह भी देखा गया है की इवेंट कंपनियों ने बिना एक्टर और एक्ट्रेस के सहमति लिए कार्यक्रम रखकर आयोजकों से पैसा ऐंठ लेते है और कार्यक्रम में उक्त एक्टर और एक्ट्रेस आते ही नहीं। राजधानी रायपुर में भी बड़े बड़े सिंगारों के आने के नाम पर इवेंट किया जा रहा है जिसमें यह बताने वाला कोई नहीं है जो यह जानकारी दे कि जिस सिंगर का लाइव प्रोग्राम हो रहा है उनके आने की कन्फर्मेशन मिली है की नहीं। क्योंकि देश में महशूर कवि कुमार विश्वास, गौहर खान- वरुण धवन, अक्षय कुमार, सुनिधि चौहान और सलमान खान के नाम पर भी फर्जीवाड़ा हो चूका है। इवेंट कंपनी वाले धड़ाधड़ टिकट बेच रही है और एक्साइज पैट रहा है की नहीं जीएसटी की के स्थिति है, बिजली विभाग वाले भी सही ढंग से मॉनिटरिंग नहीं कर पते परिणामस्वरूप खुले आम नियमो की धज्जिया उड़ाई जाती है। अधिकारी अगर इस सम्बन्ध में जानकारी लेना चाहें तो वहां से पता यही चलेगा कि किसी प्रोग्राम के विषय में उनसे कोई बात ही नहीं हुई है।

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