छत्तीसगढ़
नक्सल क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने ‘लियोर ओयना’ बना रोल मॉडल
Shantanu Roy
22 Jun 2025 6:06 PM GMT

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छग
New Delhi/Raipur. नई दिल्ली/रायपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों के जीवन को बदलने वाली एक सराहनीय पहल – 'लियोर ओयना' योजना – अब धरातल पर सकारात्मक परिवर्तन ला रही है। यह योजना उन मासूम बच्चों के भविष्य को नई दिशा दे रही है, जिन्हें कभी नक्सलियों ने अपने स्वार्थ के लिए हिंसा और बंदूक की राह पर धकेलने की कोशिश की थी। अब वही बच्चे शिक्षा, आत्मनिर्भरता और आशाओं के रास्ते पर चल पड़े हैं। राज्य सरकार द्वारा संचालित इस अभिनव योजना के तहत बीजापुर जिले के उसूर और गंगालूर विकासखंड के युवाओं को रायपुर लाया गया है। यहां उनके लिए विशेष शैक्षणिक, सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है ताकि वे देश और समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें। इस योजना के अंतर्गत आने वाले बच्चों को न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बल्कि सुरक्षा, काउंसलिंग, पोषण, कौशल विकास और करियर मार्गदर्शन जैसी सुविधाएँ भी दी जा रही हैं।
जिन मासूम बच्चों के हाथों में कभी नक्सलियों ने बंदूकें थमा दी थी, आज उनके हाथों में किताबें देकर उनका भविष्य सँवारा जा रहा है।
— Amit Shah (@AmitShah) June 22, 2025
छत्तीसगढ़ सरकार की 'लियोर ओयना' योजना के अंतर्गत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों को रायपुर लाकर उन्हें मुख्यधारा से जोड़, उनका आत्मविश्वास बढ़ाया जा… pic.twitter.com/wmt8bdWpLw
'लियोर ओयना' का अर्थ होता है – "नई सुबह", और यह सचमुच इन बच्चों के जीवन में एक नई सुबह लेकर आया है। योजना से जुड़े अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने बताया कि इससे पहले ये बच्चे नक्सल हिंसा, असुरक्षा और डर के वातावरण में पले-बढ़े थे, लेकिन अब वे आत्मविश्वास और विकास की भावना के साथ जीवन जीना सीख रहे हैं। राज्य सरकार का यह प्रयास युवाओं को हिंसा की जगह शिक्षा और सशक्तिकरण के रास्ते पर लाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है। आज नवा रायपुर में जब इन बच्चों से मुलाकात हुई तो उनका उत्साह, जिज्ञासा और आत्मविश्वास देखकर सभी अधिकारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का मन आनंदित हो गया। कई बच्चों ने भविष्य में डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक और पुलिस अफसर बनने की इच्छा जाहिर की। छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल न केवल नक्सल उन्मूलन की नीति को सामाजिक दृष्टिकोण से मजबूती प्रदान कर रही है, बल्कि यह राष्ट्रीय स्तर पर एक मॉडल भी बन रही है कि कैसे शिक्षा और संवेदनशील योजना निर्माण से कट्टरपंथ और हिंसा को समाप्त किया जा सकता है।
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Shantanu Roy
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