छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में जल्द दौड़ेगी लाइट मेट्रो ट्रेन...केंद्र सरकार सहमत...केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने DPR पर आगे बढ़ने को कहा

HARRY
20 Feb 2021 1:41 AM GMT
छत्तीसगढ़ में जल्द दौड़ेगी लाइट मेट्रो ट्रेन...केंद्र सरकार सहमत...केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने DPR पर आगे बढ़ने को कहा
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परियोजना का शुरुआती खाका लेकर केंद्रीय मंत्री से मिले छत्तीसगढ़ के नगरीय विकास मंत्री

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नये ट्रांसपोर्ट सिस्टम की चर्चा एक बार फिर शुरू हो रही है। प्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने लाइट रेल परियोजना को लेकर केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी से मिलने पहुंचे थे। पुरी ने इस परियोजना पर सहमति जता दी है।

अधिकारियों ने बताया, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. डहरिया ने राजधानी में प्रदूषण के बढ़ते खतरे और यातायात के दबाव को कम करने के लिए लाइट रेल परियोजना के संबंध में चर्चा की। केंद्रीय मंत्री ने लाइट रेल परियोजना को सहमति देते हुए इसकी परियोजना रिपोर्ट बनाने के लिए अपनी हरी झंडी दी है। कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद ही इस परियोजना की चर्चा शुरू हुई है। जुलाई 2019 में मुंबई की कंपनी नुआम टेक्नोप्रेन्योर रायपुर से दुर्ग के बीच लाइट रेल के परिचालन का प्रस्ताव भी रखा था। उस समय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों ने कंपनी का प्रजेंटेशन देखा था। मुख्यमंत्री ने रायपुर के शास्त्री चौक से टाटीबंध तक यह रेल चलाने के लिए सर्वे रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने को कह दिया था। बाद में यह परियोजना आगे बढ़ती नहीं दिखी। बताया जा रहा है कि उस समय केंद्र सरकार ने इसमें दिलचस्पी नहीं ली थी। अब अगर यह परियोजना परवान चढ़ती है तो रायपुर के सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा। यह परियोजना कब तक परवान चढ़ती है यह अब देखने वाली बात होगी।
ऐसी होनी है लाइट रेल
नुआम टेक्नोप्रन्योर के अधिकारियों ने बताया था, उनका लाइट रेल सिस्टम रूस की तकनीक पर आधारित है। इसमें आठ बोगी होगी जो एलिवेटेड रूट पर चलेगी। इसमें एक साथ 1068 लोग यात्रा कर सकते हैं। यह पूरी तरह वातानुकूलित है। इसमें वाईफाई सहित सभी आधुनिक सुविधाएं रहती हैं। रेल लाइन के किनारे सोलर पैनल लगेंगे जिसमें स्ट्रीट लाईट भी लगाया जा सकता है। एलीवेटेड रेल लाइन बनाने के लिए तीन गुणे तीन फीट चौड़ी जमीन की पट्‌टी चाहिये होगी
भाजपा कर चुकी है मेट्रो का वादा
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी नवा रायपुर से राजनांदगांव तक मेट्रो रेल चलाने का चुनावी वादा किया था। उस समय केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वैंकैया नायडू ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। उनका कहना था, मेट्रो रेल के प्रति वर्ग किलोमीटर पर 400 करोड़ रुपए का खर्च आता है। छत्तीसगढ़ जैसे कम बसाहट वाले क्षेत्रों के लिये इसका खर्च जुटाना काफी मुश्किल होगा।
बाद में मोनो रेल की बात आई। अंत में भाजपा सरकार भी लाइट रेल को ही इसका विकल्प बताने लगी। इसके लिए यूरोपीय देशों में संचालित लाइट रेल ट्रांजिट सिस्टम के कई मॉडल भी देखे गये थे। कुछ कंपनियों ने दिलचस्पी भी दिखाई लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई।
2021 तक चलनी थी मेट्रो रेल
पहला चरण – रायपुर के तेलीबांधा से पुलगांव (दुर्ग) तक 45 किमी में 18 स्टेशन होने थे। अनुमानित लागत थी 6 हजार करोड़ रुपए।
दूसरा चरण – दुर्ग के पुलगांव से राजनांदगांव तक 45 किमी में 15 स्टेशन बनने थे। इसकी अनुमानित लागत थी 8 हजार करोड़ रुपए।
तीसरा चरण – रायपुर के तेलीबांधा से नवा रायपुर के आखिरी छोर तक करीब 40 किमी में। इस चरण का विस्तृत सर्वे नहीं हो पाया था। यह परियोजना 2021 तक पूरी होनी थी।
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