छत्तीसगढ़

मौत के सौदागरों के जद में जीवन रक्षक रेमडेसिविर

Admin2
26 April 2021 6:39 AM GMT
मौत के सौदागरों के जद में जीवन रक्षक रेमडेसिविर
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'जनता से रिश्ता' की खबर पर लगी मुहर, पुलिस प्रशासन ने मामले में लिया संज्ञान

दवाइयों की कालाबाजारी पर कोई ठोस कानून नहीं

अपराधी निजी मुचलके पर छूटने का उठा रहे फायदा

फार्मेसी और मेडकिल लाइसेंस निरस्त करने के साथ हो सजा का प्रावधान हो

हत्या के समकक्ष अपराध दर्ज होकर हो कार्रवाई

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी में मौदहापारा थाना क्षेत्र अंतर्गत रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते 4 आरोपी गिरफ्तार किये गए थे। जिस पर व्यापारी एकता पैनल के योगेश अग्रवाल ने कालाबाजारी करते रंगे हाथों पकड़े गये अभियुक्तों पर कार्यवाही करने के लिए एसपी से आग्रह किया है। व्यापारी एकता पैनल छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कामर्स रायपुर आपसे आग्रह करता है। क्राइम ब्रांच अधिकारी रमाकांत साहू के निर्देशन में रंगे हाथों पकड़ा गया, जो कि प्राणदायी दवा की कमी के चलते कई गुना दामों में ब्लैकमार्केटिंग करते हुए पकड़े गये। लेकिन कमजोर कानून व्यस्था के चलते आरोपियों को जमानत मिल गई। कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते रोजाना सैकड़ों लोगों की मौत छग में हो रही है। और सोचने वाली बात ये है कि जो युवक पकड़े गये है, उनमें दो अभियुक्त वर्तमान में छग चेम्बर ऑफ कामर्स रायपुर के हेल्प डेस्क टीम के प्रमुख सदस्य है। जिन्हें जान बचाने की जिम्मेदारी दी गई है, वे जनता की जान लेने के लिए ही मुनाफाखोरी में संलिप्त है। यह महामारी अधिनियम 1860 की धारा 188,1897 की 2 व 3, 2005 की 51-60 की इन सभी धाराओं का उलंघन जान बूझकर किया है। ऐसे आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल में बंद करना चाहिए।

रेमडेसिविर इंजेक्शन जखीरा पकड़ाया

कोरोना संकमण के बढ़ते मामलों के बीच उससे जुड़ी इलाज की दवाओं की कालाबाजारी शुरू हो गई है। इस बीमारी में सबसे कारगर माना जा रहा रेमडेसिविर इंजेक्शन बाजार से गायब हो चुका है। कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए कालाबाजारी करने वाले इसे मनमाने दामों में बेच रहे हैं। मौदहापारा थाना क्षेत्र में पुलिस ने भारी मात्रा में रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ 4 आरोपियों को पकड़ा है. पुलिस ने बड़ी मेहनत और तत्परता से पकड़ा। मिली जानकारी के मुताबिक सभी आरोपी चर्चित व्यापारी नेता के रिश्तेदार बताए जा रहे है। पुलिस की मेहनत रंग लाई क्योंकि पुलिस ने प्रॉपर प्लानिंग कर शातिर व्यापारी नेता के गैंग को पकड़ा, जानकारी के अनुसार 4 हजार में रेमडेसिविर इंजेक्शन को लाकर 30 से 35 हजार प्रति इंजेक्शन बेच रहा था। जिसकी जानकारी साइबर सेल को किसी पीडि़त ने दी। जिसके आधार पर साइबर सेल ने जाल बिछाकर स्ट्रिंग कर गिरोह को पकड़ा। प्रतिदिन 6 से 10 रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने की सूचना प्राप्त हो रही है। ज्ञात रहे कि उक्त व्यापारी नेता पर्दे के पीछे रहकर अपने आप को बचाने में कामयाब रहा। मामले में जानकारी देते हुए सायबर सेल प्रभारी रमाकांत साहू ने बताया कि चारो आरोपियों को तात्यापारा चौक से पकड़कर लाया गया है। आरोपियों में कमल रतलानी, सुमित कुमार, राहुल माहेश्वरी और राहुल गोलदानी का नाम शामिल है।

थाने में दी धौंस, खुद को अखबार का मालिक और मीडिया घराने का बताया : खबर ये भी है कि आरोपियों को छुड़ाने व्यापारी नेता थाना पहुंचे थे । एक आरोपी अपने आप को अखबार का मालिक और मीडिया घराना का बता रहा था।

कालाबाजारियों पर पुलिस की ताबड़तोड़ कार्यवाही

पुलिस उपमहानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर अजय कुमार यादव द्वारा जिले के समस्त पुलिस राजपत्रित अधिकारियों एवं थाना/चौकी प्रभारियों को अपने-अपने थाना क्षेत्र में सूचना संकलन व मुखबीर लगाकर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों के संबंध में सूचना एकत्र कर उन पर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही करते हुये इस पर अंकुश लगाने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये है। इसी तारतम्य में कुछ दिनों से सूचना प्राप्त हो रहीं थी कि रोहित क्षेत्रपाल एवं वैभव साहू नामक व्यक्तियों द्वारा सरस्वती नगर एवं आजाद चैक क्षेत्र में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुये उनके द्वारा इंजेक्शन अधिक दाम में बिक्री किया जा रहा है। जिस पर सायबर सेल की टीम द्वारा आरोपियों को पकडऩे हेतु ट्रैप पार्टी लगाया गया तथा टीम का एक सदस्य जिससे सौदा तय हुआ था, रूपये लेकर उक्त दोनों से इंजेक्शन क्रय कर रहा था इसी दौरान टीम के अन्य सदस्यों द्वारा आरोपी रोहित क्षेत्रपाल एवं वैभव साहू को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते रंगे हाथ पकड़ा गया। आरोपी रोहित क्षेत्रपाल का गुढिय़ारी में मेडिकल स्टोर है। सायबर सेल की टीम द्वारा औषधि विभाग की टीम को बुलाकर आरोपियों की निशानदेही पर उनके कब्जे से 02 नग रेमडेसिविर इंजेक्शन एवं नगदी 20,400/- रूपये जप्त कराया गया। जिस पर औषधि विभाग की टीम द्वारा आरोपियों के विरूद्ध औषधि अधिनियम के तहत् कार्यवाही करने के साथ ही पुलिस द्वारा आरोपियों के विरूद्ध थाना सरस्वती नगर में पृथक से प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत् भी कार्यवाही किया गया। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले कारोबारियों के विरूद्ध रायपुर पुलिस का अभियान लगातार जारी रहेगा।

एक तरफ कालाबाजारी तो दूसरी तरफ मदद करने वालों की कमी नहीं

कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए कालाबाजारी करने वाले इसे मनमाने दामों में बेच रहे हैं। एक ओर जहां अवसरवादी इस मौके का फायदा उठाने से नहीं चूक रहे हैं वहीं दूसरी ओर मानवता से ओत प्रोत लोग भी है जो मानवता के लिए लोगों की खिदमत करते नजर आ रहे हैं। पुरानी बस्ती थाने के बाजू गैस वेल्डिंग करने वाले ताज मोहम्मद ने अपना आक्सीजन सिलेंडर देकर एक मरीज का जान बचाया था, ऐसे ही आनंद नगर निवासी दवा व्यवसायी असद सिद्दिकी ने मानवता की सेवा कर मिसाल कायम किया। उन्होंने इन्द्रावती कालोनी के युवा व्यवासायी अनंत जैन के रिश्तेदार को रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराकर दिल जीत लिया। दरअसल अनंत जैन के रिश्तेदार जो देवेन्द्र नगर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती थे और उन्हें रेमडेसिविर के 6 इंजेक्शन लगना था चूंकि अस्पताल प्रबंधन को रेमडेसिविर का पूर्ण स्टाक नहीं मिल पाया था इस वजह से अस्पताल प्रबंधन मरीज के परिजनों को बाजार से इंजेक्शन लाने की बात कह रहे थे। इस बात की जानकारी असद भाई को हुई उन्होनें सब काम छोड़कर डिस्ट्रीब्यूटर से अस्पताल संचालक की बात कराकर बाकी का डोज भी उनको दिलवाया और अनंत जैन के मरीज परिजन को पूरा छह डोज अस्पताल में ही उपलब्ध हो गया। जैन और उसका परिवार असद भाई के इस नेक कार्य के भूरि-भूरि प्रशंसा कर रहे और उनका आभार मान रहे हैं। इनका परिवार हमेशा जनकल्याणकारी कार्यो में आगे रहता है। असद भाई की पत्नी श्रीमति रूही आफरीन जो कि नगर निगम रायपुर में लेखा अधिकारी हैं उनके तत्परता से ही 70 लाख का वेतन आहरण घोटाला भी पकड़ में आया था। असद सिद्दकी जनता से रिश्ता अखबार के नियमित पाठक हैं उन्होंने अखबार द्वारा नशा, गांजा, भांग, अफीम, नाइट क्लब, हुक्काबार, सट्टा-जुआ के खिलाफ चला रहे मुहिम की तारीफ करते हैं और कहा कि सभ्य समाज में ऐसे घृणित कार्यों का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने जनता से रिश्ता परिवार को बधाई देते हुए कहा कि अखबार को हमेशा सकारात्मक भूमिका निभाना चाहिए।

कालाबाजारी मामले में व्यापारी नेता के रिश्तेदारों को जमानत मिलने की खबर

राजधानी के मौदहापारा थाना क्षेत्र में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबजारी करते पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। लेकिन इस मामले में व्यापारी नेता के दबाव से चारों की गिरफ्तारी होने के बाद ही मुचलके में जमानत मिल गई है। शहर में लगातार इस तरह के काले धंधे में लोग अपनी जेब गर्म कर रहे है। जिसकी वजह से कई मरीजों तक ये इंजेक्शन समय पर पहुच नही पाता। पुलिस ने रसूखदारों के दबाव के चलते ही आरोपियों की जमानत कर दी गई।

पुलिस को सूचना मिली थी, कि राहुल गोयदानी नामक व्यक्ति द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की जा रहीं है। बही मामले को गंभीरता से लेते हुये सायबर सेल की टीम को आरोपी की पतासाजी कर रंगे हाथ पकडऩे निर्देशित किया गया था। जिस पर सायबर सेल की टीम द्वारा राहुल गोयदानी के संबंध में पतासाजी कर तस्दीक किया गया तथा टीम का एक सदस्य ग्राहक बनकर राहुल गोयदानी से संपर्क कर रेमडेसिविर इंजेक्शन को 25,000/- रूपये में क्रय करने का सौदा तय किया। जिस पर राहुल गोयदानी द्वारा टीम के सदस्य को थाना मौदहापारा क्षेत्र में इंजेक्शन देने हेतु बुलाया गया। जिस पर सायबर सेल की टीम द्वारा आरोपी को पकडऩे हेतु ट्रैप पार्टी लगाया गया तथा टीम का एक सदस्य जिससे सौदा तय हुआ था, रूपये लेकर राहुल गोयदानी से इंजेक्शन क्रय कर रहा था इसी दौरान टीम के अन्य सदस्यों द्वारा आरोपी राहुल गोयदानी को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते रंगे हाथ पकड़ा गया।

राहुल, कमल एवं सुमित कुमार का कालाबाजारी सिंडीकेट

टीम के सदस्यों द्वारा कड़ाई से पूछताछ करने पर आरोपी द्वारा अपने अन्य साथी राहुल माहेश्वरी, कमल रतलानी एवं सुमित कुमार मोटवानी के साथ मिलकर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुये 01 नग इंजेक्शन को 25,000/- रूपये में बिक्री करना बताया गया। जिस पर टीम के सदस्यों द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में संलिप्त आरोपी राहुल माहेश्वरी, कमल रतलानी एवं सुमित कुमार मोटवानी को पकड़ा गया था तथा सायबर सेल की टीम द्वारा औषधि विभाग की टीम को बुलाकर आरोपियों की निशानदेही पर उनके कब्जे से 07 नग रेमडेसिविर इंजेक्शन, नगदी 1,38,000/- रूपये एवं 05 नग मोबाईल फोन जप्त कराया गया।

आरोपी 01. राहुल गोयदानी पिता स्व. बी.एन. गोयदानी उम्र 28 साल निवासी नेमीचंद गली नंबर 03 थाना आजाद चौक रायपुर। 02. राहुल माहेश्वरी पिता संजय माहेश्वरी उम्र 25 साल निवासी शक्ति बाजार फौव्वारा चौक थाना कोतवाली रायपुर। 03. कमल रतलानी पिता हरिराम रतलानी उम्र 32 साल निवासी गायत्री नगर अवंति विहार थाना खम्हारडीह रायपुर। 04. सुमित कुमार मोटवानी पिता गिरधारी लाल मोटवानी उम्र 27 साल निवासी कचहरी चौक सिंधी गली ।

दवाई असली या नकली इस पर भी शंका-

आरोपीगण पूछताछ के दौरान अपना नाम और पता गलत बता रहे है। पुलिस सभी की वोटर आईडी मंगाकर सही और विस्तृत जानकारी लें। दवाई असली या नकली इस पर भी शंका-अब पुलिस के लिए ये जांच का विषय है, कि दवा असली है, कि नकली, अगर आरोपियों से कड़ाई से पूछताछ की जाए तो नकली दवा फैक्ट्री का भी पर्दाफाश होगा। पुलिस को ये भी जांच करनी चाहिए- रेमडेसिविर इंजेक्शन को आरोपी कौन से हॉस्पिटल से ला रहे थे।

आपदाकाल में मदद के बजाय हो रही लूट की कोशिश: सीएम भूपेश

मुख्यमंत्री ने वैक्सीन की कीमतों पर उठाए सवाल

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना वैक्सीन की अलग-अलग कीमतों को लेकर मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि वैक्सान की कीमतों के विरोध में खुद भूपेश सरकार भी खड़ी है। वहीं कांग्रेस ने भी एक राष्ट्र एक दाम का दबाव बनाते हुए घेराबंदी शुरू कर दी है। खुद भूपेश बघेल भी मोदी सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने तंज कसे कि आपदा काल में मदद के बजाय आपदा को अवसर में बदल कर लूटने की सिस्टम तो मौजूदा केंद्र सरकार का है।

मुख्यमंत्री ने दवाओं के मूल्य नियंत्रण प्रावधानों के तहत वैक्सीन की न्यूनतम संभव दरें निर्धारित करने केंद्र सरकार से आग्रह किया है। हालांकि इस पर अब तक केंद्र सरकार की ओर से कोई संकेत नहीं मिले है। वहीं 1 मई से टीकाकरण शुरू होने से पहले वैक्सीन की समान दरों को लेकर केंद्र पर दबाव बढ़ा दिया है।

आपदा भी झेले और बोझ भी झेले ये कैसा न्याय

मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर वैक्सीन की कीमतों पर सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने कहाकि केंद्र सरकार को डेढ़ सौ रुपए में मिलने वाली कोवैक्सीन अगर आप निजी अस्पताल में लगवाएंगे तो आपको 1200 रुपए खर्च करने पड़ेंगे। मुख्यमंत्री ने तल्ख लहजे में कहाकि आपदा बी जनता झेले और आपदा से बचने का बोझ भी झेले? ये कैसा न्याय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहाकि केंद्र सरकार ने आपदा को अवसर में बदलकर अपनी ही जनता को लूटने वालों का सिस्टम केंद्र सरकार ही है ना?

श्रीचंद सुंदरानी, भाजपा जिलाध्यक्ष रायपुर - मौत के सौदागरों के पीछे कौन ? सार्वजनिक हो - रेमडेसिविर की कालाबाजारी राजधानी के लिए दुर्भाग्यजनक और चिंता का विषय है, मौत के सौदागरों के पीछे कौन बड़े चेहरे है जो कालाबाजारी को पर्दे के पीछ छिपकर अंजाम दे रहे है। इन आरोपियों के पिछले 15 दिनों का काल डिटेल निकाल कर सार्वजनिक करना चाहिए, नहीं तो माना जाएगा कि बड़े चेहरे को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।

वरिष्ठ व्यापारी नेता योगेश अग्रवाल ने पूछा-

दो अभियुक्त वर्तमान चेम्बर हेल्प डेस्क टीम के प्रमुख सदस्य

छग चेम्बर ऑफ कामर्स रायपुर द्वारा बनाई गई हेल्प डेस्क में उक्त अभियुक्त शामिल नहीं?

क्या यह हेल्प डेस्क टीम छग चेम्बर ने नहीं बनाई?

जब सभी कुछ सही था,तो बनाई गई हेल्प डेस्क समिति को तत्काल भंग क्यों कर दिया गया ?

रेमडेसिविर की कालाबाजारी,अभियुक्तों पर सख्त से सख्त कार्यवाही हो

ललित जैसिंघ - इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कारवाई हो: भाजपा के जिला उपाध्यक्ष ललित जैसिंघ ने कहा की रेमडेसिविर इंजेक्शन जिसकी भारी किल्लत है उसकी कालाबाजारी करने वालों पर सख्त सख्त सजा हो ऐसे लोग समाज के सबसे बड़े दुश्मन है और साथ में जांच भी होना चाहिए कहा से इनको इंजेक्शन मिल रही है, पुलिस विभाग को धन्यवाद की ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया।

मो. फिरोज समाजसेवी व पर्यावरण प्रेमी - व्यापारी इस तरह के घिनौने कार्य नहीं कर सकता। व्यापार के आड़ में असामाजिक तत्व इस तरह के कार्य कर रहे है। गंभीर अपराध के बावजूद थाने से मुचलके से छूट जाना पुलिस की कार्रवाई पर प्रश्न चिन्ह लगाती है। ऐसे लोगों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो। इन सबके पीछे बड़ा चेहरा कौन हैं, उसका भी पर्दा फाश होना चाहिए।

अलीम अंसारी , महासचिव युवा इंटक - कोरोना फैलाने के नाम पर प्रशासन ने किराना कारोबार को बंद कर रखा है। यदि कोई खोल कर सामान दे दो 15 दिनों तक दुकान सील और जुर्माना वसूलने का प्रावधान है, कोरोनाकाल में मौत से जूझ रहे मरीजों की जीवन रक्षक इंडेक्शन रेमडेसिविर की कालाबाजारी पर सख्त कानूनी सजा का प्रावधान क्यों नहीं है।

आंजनेय वाष्णेय, सीएसपी(आईपीएस)कोतवाली - मुखबिरों से सूचना मिली थी कि 4 लोग रेमडेविसिर की कालाबाजारी कर रहे है और लोगों को ऊंचे दाम पर मुहैया करवा रहे है, जिस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए साइबर सेल की टीम ने मौके पर जाकर कार्रवाई की। रेमडेसिविर के साथ 4 लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने धारा 151 के तहत कार्रवाई की थी, और निजी मुचलके पर छोड़ दिया है। क्योंकि यह ड्रग्स एंड कास्मेटिस्क एक्ट के तहत कार्रवाई होती है इसलिए ड्रग एंड कास्मेटिस्क विभाग को सौंप दिया है। अब वे ड्रग एंड कास्मेटिस्क के तहत कार्रवाई को आगे बढ़ाएंगे।

रमाकांत साहू साइबर सेल प्रभारी - लगातार रेमडेसिविर की कालाबाजारी की सूचना जैसे ही मिलती है जिस साइबर सेल तत्काल कार्रवाई कर रही है। ऐसे कालाबाजारी करने वालों पर पुलिस लगातार कार्रवाई करती रहेगी।

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