छत्तीसगढ़

जिंदगी भीख में कुछ नहीं देती, मौत भी देती है जिंदगी लेकर...

Nilmani Pal
19 Nov 2021 6:12 AM GMT
जिंदगी भीख में कुछ नहीं देती, मौत भी देती है जिंदगी लेकर...
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'जनता से रिश्ता' वेब डेस्क

जाकिर घुरसेना-कैलाश यादव

पिछले दिनों पद्मश्री पुरस्कार ग्रहण करने के बाद अभिनेत्री कंगना रानौत ने अतिउत्साह में या जैसे भी हो विवादित बयान दे दिया था। कगंना ने कहा था कि 1947 में तो भारत को भीख में ही आजादी मिली, जिसकी इंग्लैंड में मजाक उड़ाया जा रहा है। अंगे्रज वहां बैठकर भारतीयों के इस तरह इतराने पर थू-थू करते हुए कह रहे है कि 70 साल बाद भी आजादी नहीं पचा पा रहे है। गांधी पर भी कंगना ने कमेंट कर अहिंसा के पुजारी का अपमान करने बाज नहीं आ रही है। जो स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान की कुर्बानी दी वो सब बेकार था। कंगना के बयान पर बवाल खड़ा हुआ और कांग्रेस,आप और शिवसेना सहित विपक्षी पार्टियों ने कंगना पर देशद्रोह का केस लगाकर पद्मश्री वापस लेने की मांग की है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की बहू दीपा मांझी ने तो यहां तक कहा कि अगर कंगना यही बयान बिहार में दी होती तो उनके मुंह को कीचड़ में डुबो दिया गया होता। जनता में खुसुर-फुसुर है कि कंगना को अपने दादा-परदादा से पूछना चाहिए कि उनके पूर्वज कहांं से आए थे,स्वतंत्रता के 72 साल तक भारतीय भूमि का अन्न खाने के बाद भी कंगना के दिमाग के पीछे कौन है जो ऐसे बयान देते के लिए उसे उकसाती है। यदि आजादी 2014 में मिली तो बाकी से सालों के आपके ठाठबाट भी भीख का हिस्सा ही है। इसी भीख में मिली आजादी वाले जमीन की मिट्टी से उपजी अन्न की रोटी खाकर हिरोइन बनी क्या ये इसे भी भीख का हिस्सा मानती है? किसी ने ठीक ही कहा है सम्भल कर चलना तक जिन्हे नहीं आता वो भी अब हमें सीख दे रहे थे, मांगी थी हमने फक़त मुहब्बत उनसे और वो नादान हमें भीख दे रहे थे।

कांग्रेस-भाजपा नेताओं को मिला काम

विपक्ष और सत्तारूढ़ पार्टियों को लोगों की नजरों में बने रहने के लिए कोई न कोई फितरत करना ही पड़ता है। अब पेट्रोल और महंगाई ने दोनों प्रमुख पार्टियों को मुद्दा दे दिया है। जहां कांग्रेस केंद्र सरकार की गलत नीतियों से बढ़ी महंगाई को लेकर कोस रही है, तो भाजपाई इसके जवाब में पेट्रोल में राज्य के हिस्सा का टैक्स माफ करने के लिए पदयात्रा कर रही है। दोनों प्रमुख पार्टियों के ऐसे नेताओं जिनको कांग्रेस में पदाधिकारी नहीं बनाया गया या सत्ता में भागीदार नहीं बनाया गया है तथा भाजपा में जो पदों पर मनोनीत तो है, पर काम करने का मौका नहीं मिल रहा है उन्हें उनके प्रमुखों ने काम सौंप दिया है। अब वे एक-दूसरे के जवाबी कार्रवाई करने के लिए सड़क पर उतर गए है। ये काम भी सौ फीसदी कमाई वाला है। पार्टी खर्च पर अपना खर्च पूरा करने का बड़ा अवसर दोनों पार्टियों अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को सौंप दिया है। दोनों ओर से रोज हजारों की संख्या में कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ताओं को अब चुनाव तक काम मिल गया है। अब बेरोजगारी को लेकर कोई आंदोलन नहीं करेंगे। क्योंकि उन्हें अब मनमाफिक काम मिल गया है। भाजयुमो बाइक पदयात्रा के बाद सीमेंट, रेट और निर्माण सामग्री के दामों के साथ शराबबंदी के अधूरे वादे और किसानों के साथ हो रहे अन्याय को लेकर भी यात्रा निकलेगी। भाजपा के नेता लोगों के बीच जाकर पेट्रोल के दाम के मुद्दे पर बात करेंगे। यह पदयात्रा 29 नवंबर तक जारी रहेगी। वहीं छत्तीसगढ़ में महंगाई के विरोध में कांग्रेस केंद्र सरकार के खिलाफ पदयात्रा निकाल रही है। जनता में खुसुर-फुसुर है सारे नेता सड़क पर होंगे तो घरों से राजनीति दूर रहेगी घर वाले भी टीवी सीरियल का आनंद ले सकेंगे। नेताओं की बयानबाजी और चुनावी शगूफें से जनता जनार्दन का इंटरटेनमेंट होता रहेगा।

बधाई हो दाऊ जी...

सीएम भूपेश बघेल देश में नंबर-वन मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश को भी स्वच्छता उत्कृष्टता कार्यों से प्रदेश के 61 नगरीय निकायों को सम्मान दिलाने में आगे हो गए है। बधाई हो दाऊजी। छत्तीसगढ़ को स्वच्छता उत्कृष्टता कार्य के लिए सभी 28 जिलों के नगर निगम, नगर पंचायत और नगर पालिका को रैकिंग में पुरस्कार मिला है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि भूपेश है तो भरोसा है अक्षरश: सच साबित हो रहा है। सीएम ने प्रदेश के नगरीय निकायों को भरपूर फंड देकर गार्विज सेंटर बनाकर नगर को कचरों से मुक्त करने को लिए प्रोत्साहित किया जिसके फलस्वरुप प्रदेश को स्वच्छता उत्कृष्टता कार्य में पुरस्कार मिला है। यह पुरस्कार सभी अन्य पुरस्कारों से इसलिए भी श्रेष्ठ है कि स्वच्छता को बनाए रखना सबसे दुष्कर कार्य है। वह भी सीएम ने कर दिखाया। सीएम पार्टी सारे कचरों को पहले ही बाहर कर चुके है अब नगर और शहरों को भी कचरा मुक्त कर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।

दिल्ली को प्रबंधन मामले में छत्तीसगढ़ ने पछाड़ा

दिल्ली में प्रदूषण और कोरोना के चलते वहां की सरकार ने स्कूलों को बंद कर शराब दुकानों को खोल रखा है। 21 वर्षीय युवाओं को शराब पीने की छूट भी दे दी है। वहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने श्रेष्ठ प्रबंधन से दिल्ली को पछाड़ते हुए नशीले पदार्थों की बिक्री पर कड़ाई से रोक लगाकर प्रदेश में पूरी तरह गांजा, अफीम, चरस की तस्करी पर अंकुश लगाकर स्कूलों को खोल दिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नबंर वन का मिले खिताब के अनुसार बेस्ट गवर्नमेंट होने के परिचय देते हुए स्कूलों को खोलकर बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने का उपक्रम जारी रखा है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपनी प्रशासनिक क्षमता का लोहा पूरे देश को मनवा चुके है। अब बच्चों और आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत बनने की दिशा में भी कदम बढ़ा चुके है।

यूपी के चुनाव में जिन्नावादी पार्टी

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। अब यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने एसपी प्रमुख अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें अपना नाम बदल कर अखिलेश अली जिन्ना रख लेना चाहिए और अपनी पार्टी का नाम जिन्नावादी पार्टी कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा, समाजवादी पार्टी बहुत बौखलाहट में है। तीन चुनाव हार चुके हैं, चौथा हारने जा रहे हैं। मौर्या ने कहा सपा के पास गुंडे, अपराधी, माफिया तुष्टीकरण के साथ अब जिन्ना मियां भी आ गए। इसलिए मैं अखिलेश यादव जी को कहा करता हूं कि वे अपना नाम बदलकर अखिलेश अली जिन्ना रख लें और अपना पार्टी को जिन्नावादी पार्टी बना लें। जनता में खुसुर-फुसुर है कि राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है। क्या पता मौर्या की बात अखिलेश यादव मान लें और चुनाव में कुछ नया रंग दिखाने लगेे। क्योंकि मौर्या भी राजनीति की शुरूआती दिनों में मायावती और अखिलेश की बात माना करते थे। उनकी अंगुली पकड़कर ही राजनीति की सीढ़ी चढ़े है।

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