केंद्रीय मंत्री को पत्र, हर जिले में हो हॉल मार्किंग सेंटर की स्थापना
सांकेतिक फोटो
रायपुर। रायपुर सराफा एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष हरख मालू ने केंद्रीय उपभोक्ता मामले के मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर पूरे देश के हर जिले में हाल मार्किंग जेवर का विक्रय अनिवार्य किए जाने तथा हर जिले में हॉल मार्किंग सेंटर की स्थापना किए जाने की मांग की है।
मालू ने अपने पत्र में लिखा है कि केंद्र सरकार 1 अप्रैल 2023 से देश के 399 जिलों में जिस तरह हर शख्स की पहचान के लिए आधार कार्ड है, ठीक उसी तरह ज्वेलरी की पहचान के लिए हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (एचयूआईडी) नंबर को विक्रय के लिए अनिवार्य कर दिया है और देश में 1397 हॉलमार्किंग सेंटर हैं। यदि छत्तीसगढ़ की बात करें तो यहां रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, राजनादगांव के साथ ही 10 हॉल मार्किंग सेंटर है लेकिन छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में हॉल मार्किंग सेंटर की स्थापना नहीं हुई है यहां के सराफा कारोबारियों को हाल मार्किंग सेंटर नहीं होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और मजबूरन दूसरे जिलों में जाकर जेवर का हॉल मार्किंग करना पड़ रहा है। छत्तीसगढ़ में जहां जेवर के उत्पादन की इकाइयां नहीं है वहां हॉल मार्किंग सेंटर की स्थापना नहीं हुई है। भारतीय मानक ब्यूरो के नियमानुसार कोई भी सराफा व्यापारी जेवर को हॉल मार्किंग करकर बेच सकता है और जिसके पास पंजीयन नहीं है वह हॉल मार्किंग जेवर नहीं बेच सकता है।
मालू ने बताया कि अभी तक देश के कई जिलों में हॉलमार्किंग सेंटर की स्थापना भी नहीं हुई है इस कारण वहां के सराफा व्यापारी दूसरी जगह से हाल मार्किंग कराकर या बिना हाल मार्किंग के ज्वैलरी का विक्रय कर रहे है। मालू ने कहा कि यदि देश के सभी जिलों में हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन (एचयूआईडी) के ज्वेलरी बेचना केंद्र सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2023 से अनिवार्य किया जा रहा है तो यह औचित्य विहीन है। इस योजना को लागू करने के लिए आवश्यक है कि देश में स्थापित सभी उत्पादक इकाइयों को चाहे वह छोटी हो या बड़ी को निर्देशित किया जाए कि वे अनिवार्य रूप से हाल मॉर्किंग जेवर का निर्माण करें इससे सभी उपभोक्ताओं को हाल मॉर्किंग जेवर ही मिलेगा और पूरे देश में बिकेगा भी।
मालू ने कहा कि जहां हॉल मार्किंग सेंटर है और जहां नहीं है सभी जगह पर हाल मार्किंग ज्वेलरी का विक्रय पूरे देश में अनिवार्य किया जाए नहीं तो भारत सरकार की सूचना को लागू नहीं किया जाए। श्री मालू ने केंद्रीय उपभोक्ता मंत्री गोयल से अनुरोध किया है कि बेसिक तैयारियों के बिना या तो हाल मार्किंग अनिवार्य ना करें या 1 अप्रैल 2023 से पूरे देश में हाल मार्किंग अनिवार्य घोषित करें। अगर केंद्र सरकार को इस योजना को लागू करना है तो पहले पूरे देश में स्थापित सभी उत्पादक इकाइयों से निकलने वाले जेवर में हाल मॉर्किंग लगाकर व्यापारियों को भेजे।