रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने राजीव भवन में पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुये कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था बद से बद्तर होते जा रही है। दीपावली के तीन दिनों में राजधानी रायपुर में 7 हत्यायें हुई है। राजधानी से लगे भिलाई, दुर्ग जिले में 4 हत्यायें हुई है। तीन से चार दिनों में राजधानी क्षेत्र में रायपुर भिलाई में कुल 11 हत्यायें हुई है। जब देश का सबसे बड़ा त्योहार हो तब यह उम्मीद की जाती है, सरकार और पुलिस कानन व्यवस्था को बनाये रखने के लिये अतिरिक्त सतर्कता बरतेगी। उस समय चार दिनों में 11 हत्यायें होना राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। छत्तीसगढ़ की स्थिति तो बिहार, यूपी से भी ज्यादा डरावनी हो गयी है। यह सरकार छत्तीसगढ़ को मणीपुर बनाने पर तुली है। प्रदेश में पहली बार हो रहा कि जातीय आधार पर संघर्ष हो रहा है। राजधानी के सकरी गांव में दंगा हो गया, एक घर में आग लगा दिया गया, वाहनों को जला दिया गया, यदि परिवार वाले गांव छोड़कर नहीं जाते 11 सदस्य का पूरा परिवार घर में जिंदा जल गया होता।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि प्रदेश में अब धार्मिक स्थल भी सुरक्षित नही है। दामाखेड़ा जो कबीर पंथ का दुनिया का सबसे बड़ा तीर्थ स्थान माना जाता है। दामाखेड़ा आश्रम के बाहरी इलाके में 50-60 लोग पहुंचे और आश्रम परिसर में आग लगाने का प्रयास किया। उपद्रवियों ने आश्रम के मुख्य द्वार के पास जलता हुआ बम फेंका, जिससे आग लग गई और परिसर में अफरा-तफरी मच गई। इसके बाद उपद्रवियों ने पत्थरबाजी भी शुरू कर दी, जिसमें आश्रम में मौजूद कई लोगों को चोटें आईं। आश्रम के उदित मुनि साहब को टारगेट कर हमला किया गया। अब धार्मिक स्थल सुरक्षित नहीं है तो आम आदमी की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि बलौदाबाजार में धार्मिक स्थल पर तोड़फोड़ हुआ सरकार ने ध्यान नहीं दिया। एसपी, कलेक्टर कार्यालय जला दिया गया। लोहारीडीह में एक आदमी की हत्या के बाद पुलिस की लापरवाही के कारण एक व्यक्ति को जिंदा जला दिया गया। उसके बाद एक की पुलिस प्रताड़ना से मौत हो गयी। सूरजपुर में जनता का आक्रोश सरकार के खिलाफ इतना ज्यादा था कि एसडीएम को मारने भीड़ ने दौड़ा दिया। बलरामपुर के थाने में मौत के बाद महिलाओं ने पुलिस थाने पर हमला किया, महिला आईपीएस पर आक्रमण हुआ। प्रदेश की रोज-रोज घट रही अपराधिक घटनाओं उन घटनाओं के बाद जनता की प्रतिक्रिया यह बताने के लिये पर्याप्त है। प्रदेश में अराजकता का माहौल है। जनता का सरकार पर से पुलिस पर से भरोसा उठ गया है। विपक्ष के रूप में हमने सबसे ज्यादा सवाल कानून व्यवस्था को लेकर सदन से सड़क तक उठाया है, लेकिन सरकार है कि उसकी नींद नहीं टूट रही। विधानसभा घेराव किया, विधानसभा में सवाल उठाया, मुख्यमंत्री निवास घेरा, दर्जनों बार विरोध प्रदर्शन किया, पदयात्रा किया, लेकिन सरकार न जनता की आवाज सुन रही, न ही विपक्ष की आवाज।