पहली बार हुई हार्निया की लेप्रोस्कोपी सर्जरी, मरीज की हालत स्थिर
अंबिकापुर। मेडिकल काॅलेज अस्पताल में पहली बार दूरबीन पद्धति से एक युवक के हार्निया की लेप्रोस्कोपी सर्जरी की गई। इसमें कम समय में बिना बड़ा चीरा लगाए बड़े ऑपरेशन आसानी से किए जाते हैं। मरीज भी जल्द स्वस्थ हो जाता है। इस सफल ऑपरेशन से अब मेडिकल काॅलेज अस्पताल भी लेप्रोस्कोपी सर्जरी की सुविधा से दक्ष हो गया है। लेप्रोस्कोपी सुविधा के लिए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की पहल से कुछ माह पहले ही इसके लिए उपकरण आ गया था।
अस्पताल प्रबंधन के अनुसार ऑपरेशन सफल रहा और मरीज की हालत भी बेहतर है। अस्पताल के अनुसार बलरामपुर जिले के चलगली निवासी 18 वर्षीय युवक सुजीत कुमार बीते कुछ महीने से इंग्वाइनल हार्निया से पीड़ित था। पिछले दिनों सर्जरी विभाग में चेकअप के बाद एचओडी डाॅ. एसपी कुजूर के नेतृत्व में डाॅक्टरों ने युवक का मंगलवार को लेप्रोस्कोपी सर्जरी कर हार्निया को ठीक किया। ऑपरेशन में डॉ. नितेश रॉय, डॉ. प्रवीण, एनेस्थीजिया विभाग के एचओडी डॉ. मधुमिता मूर्ति, डॉ. रजनी व कविता नर्सिंग स्टाफ शामिल थीं।
हार्निया की लेप्रोस्कोपी सर्जरी में प्राइवेट में ही 50 हजार के आसपास खर्च आता है। अंबिकापुर के निजी हाॅस्पिटलों में पहले से इसकी सुविधा है, लेकिन यहां खर्च उठा पाना सभी के बस की बात नहीं होती है। मेडिकल काॅलेज अस्पताल प्रबंधन के अनुसार महीने में इस तरह के पहले चार से पांच केस अस्पताल में आते थे, जिनका चीरा लगाकर सर्जरी होती थी। अब ऐसे मरीजों का लेप्रोस्कोपिक सर्जरी अंबिकापुर में निशुल्क हो जाएगी।