छत्तीसगढ़

आम लोगों की जमीनों पर भू-माफिया की टेढ़ी नजर

Nilmani Pal
1 May 2022 5:25 AM GMT
आम लोगों की जमीनों पर भू-माफिया की टेढ़ी नजर
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  1. जमीन कब्जाने लोगों को आत्महत्या के लिए कर रहे मजबूर
  2. जीएसटी कर्मी की सुसाइड मामले में नया मोड़, कांग्रेस नेता पर आरोप, भाजयुमो ने की जांच की मांग
  3. सरकारी और मीडिया वालों की जमीन भी नहीं छोड़ रहे
  4. रसूखदारों से साठगांठ कर भेजा नोटिस - रसूखदारों ने गंगाराम पर मानसिक दबाव बनाने के लिए पुलिस के माध्यम से नोटिस भेजकर गंगाराम मारकंडे की मानसिक संतुलन ही बिगाड़ दिया। मृतक गंगाराम मारकंडे के घर के सामने जब आरोपियों ने ईंट की दीवार बनाकर उन्हें हलाकान करने लगे तो इसकी शिकायत फरवरी माह में ही तेलीबांधा थाने और नगर निगम में की थी। लेकिन इस शिकायत पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो सकी और न ही उसके घर के सामने रखी ईंट को हटाया गया। दूसरी ओर जब कारोबारी ने गली में निर्माण सामग्री रखने की शिकायत की तो तुरंत तेलीबांधा पुलिस पहुंच गई। जगमीर सिंग और उनका भांजा सत्ता के नाम पर दबाव बना रहे थे। जिसके चलते गंगाराम मारकंडे ने ऐसा घातक कदम उठाया।

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। शंकर नगर स्थित मिड-डे अखबार जनता से रिश्ता की जमीन पर तथाकथित भू-माफिया बिल्डर ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ा। इस तरह की घटनाओं से लगता है कि राजधानी में भू-माफिया के हौसले इतने बुलंद है कि वो प्रेस मालिक की जमीन को नहीं छोड़ रहे है तो आम आदमी की जमीन का तो कोई माईबाप नहीं है। भू-माफिया की नजर पड़ते ही जमीन कब्जाने के लिए पूरे राजनीतिक रसूख का जोर लगा देते है। कांग्रेस के एक रसूखदार नेता ने सरकारी कर्मचारी को इतना हलाकान किया कि उसे आत्महत्या करना पड़ा। यह बात उसने अपने सुसाइड नोट में लिखा है। सरकारी कर्मचारी भी भू-माफिया से त्रस्त है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि प्रदेश में रसूखदारों की गुंडागर्दी में कही कोई लगाम नहीं है। ताजा मामला रायपुर के तेलीबांधा इलाके में रहने वाले एक बुजुर्ग ने खुदकुशी कर ली। वो पिछले कुछ दिनों से परेशान चल रहा था। एक कारोबारी के साथ उसका जमीन का विवाद था। मामला थाने पहुंचा। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बुजुर्ग को घेरना शुरू कर दिया था। कारोबारी भी उसकी जमीन पर नियत गड़ाए बैठा था इन्हीं बातों से तंग आकर उसने जान दे दी। खुदकुशी करने वाले बुजुर्ग का नाम गंगा मारकंडे है।

तेलीबांधा के ओवरब्रिज के पास मुख्य सड़क पर ही जीएसटी दफ्तर में क्लर्क की नौकरी करने वाले गंगा प्रसाद मारकंडे का घर है। सड़क की गली के पिछले हिस्से में ट्रांसपोर्ट कारोबारी जगमीर गरचा की जमीन है और पास ही सरकारी जमीन का बड़ा हिस्सा है। पिछले कुछ दिनों से गरचा और गंगा के बीच इसी बात को लेकर विवाद था। गंगा के परिजनों का कहना है कि सरकारी जमीन और हमारी जमीन हथियाने की नीयत से गरचा और उसका रिश्तेदार हमें धमकाते थे। गंगा प्रसाद के बेटे राकेश मारकंडे ने बताया कि पिता जी को अक्सर जगमीर और उसका रिश्तेदार कांग्रेस नेता आकाश दीप उठवा लेने, घर वालों को जान से मारने की धमकियां दिया करता था। राकेश ने बताया कि कुछ दिन पहले जब पिता जी दफ्तर से घर लौट रहे थे तो रास्ता रोककर जगमीर ने पिता जी जमीन उसे बेच देने की धमकी दी। ऐसा नहीं करने पर परिवार के लोगों को और उन्हें जान से मारने की और केस में फंसाने की धमकी दी। राकेश ने कहा कि ये बात पिता जी ने मुझ से बताई थी। हमने थाने में शिकायत की मगर पुलिस उल्टा हम पर ही कार्रवाई का दबाव बनाने लगी थी। इस बात से पिता जी करीब 15-20 दिनों से परेशान थे। माना में हमारा एक और मकान है वहां जाकर उन्होंने फांसी लगा ली, पड़ोसियों ने हमें खबर दी। इस पूरे विवाद को लेकर तेलीबांधा थाने के प्रभारी सोनल ग्वाला ने बताया कि सुसाइड के इस केस में हम जांच कर रहे है, तथ्यों के सामने आने के बाद जगमीर या आकाशदीप के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जांच जारी है। मृतक ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि 9 अप्रैल की तारीख दर्ज है, इससे आशंका जताई जा रही है कि आरोपियों ने उन्हें इतना ज्यादा सताया होगा कि वे खुदकुशी करने के लिए बाध्य हो गए।

मंगलवार की रात तेलीबांधा पुलिस ने एक नोटिस भेजकर बुजुर्ग और उसकी पत्नी को थाने बुलाया था। इसके बाद मृतक और ज्यादा विचलित हो गया और यह गातक कदम उठाने से पीछे नहीं हटा।

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