जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर ना केवल महंगे होटलों के लिए मशहूर है बल्कि पर्यटन के लिए भी काफी रोचक मानी जाती है। जहां एक तरफ ये शहर सुंदरता के नाम पर सातवें आसमान को छू रहा है तो वही दूसरी तरफ इस शहर में काफी सरकारी जमीने है जिसमें भू-माफियाओं ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। भू-माफिया शहर के अंदर और बाहर दोनों जगहों की जमीनों पर अपना कब्जा करके रखते है।
जिले में भू-माफिया और रसूखदारों पर सख्ती के साथ नेस्तनाबूद करने का सिलसिला जारी है। जिसके चलते भू-माफिया लोगों की सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे की रफ़्तार को कम करने के लिए नगर निगम ने मुहिम छेड़ी और पचपेड़ी नाका स्थित नवजीवन सोसायटी की दुकानों को सील किया। मगर सोसायटी के लोगों ने मीडिया को बताया कि नगर निगम जोन 6 को सोसायटी के कुछ रहवासियों ने शिकायत किया था कि सोसायटी में एक तथाकथित भू-माफिया शत्रुघन पांडेय जो कि वर्तमान में जमीन दलाली का काम करता है उसने अपने घर और दुकान पर अवैध कब्जा कर रखा है। इस बात पर निगम ने संज्ञान लेते हुए भू-माफिया की दुकान के साथ-साथ सोसायटी की 8 और दुकानों को भी सील कर दिया। सोसायटी के रहवासियों ने आरोप लगाते हुए बताया है कि शतन्रुघन पांडेय ने 3000 वर्गफीट की जूमीन पर कब्जा किया हुआ है।
इस बात की जानकारी सोसायटी के लोगों ने सूचना का अधिकार लगाकर पता किया तो नगर निगम ने इसके जवाब में बताया कि शत्रुघन पांडेय सिर्फ 700 वर्गफीट जमीन के टैक्स का भुगतान करता है तो बाकि के 2300 वर्गफीट जूमीन का नाप-झोक क्?यों नहीं किया जा रहा ? और 2300 वर्गफीट जमीन के टैक्स का भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा। इसी बात की शिकायत जब सोसायटी के रहवासियों ने निगम को दी तो निगम ने आव देखा ना ताव और शत्रुघन पांडेय की 3 दुकान के साथ-साथ सोसायटी के रहवासियों की 8 और दुकानों को भी सील कर दिया।
भू-माफिया लोगों की नजूरें विवादित जमीनों पर
छत्तीसगढ़ राज्य में विवादित संपत्तियों को हड़पने के लिए भू-माफिया और छुटभैय्या नेताओं से जुड़े लोग सबसे आगे रहे है। आए दिन बलात कब्जा कर जुमीनों पर अवैध धंधे भी शुरू कर दिए जाते है। शहर में इस तरह के लोगों पर सरकार द्वारा कार्रवाई भी की गई, लेकिन इसके बावजूद भूमि विवादों में छुटभैय्या नेता जो राजनीति में लीपापोती की प्रवृत्ति से जुड़े लोगों लगातार शामिल होते जा रहे है। शहर में कई विवादित संपत्तियों को लेकर मामले विचाराधीन है, जिसे जानबूझकर विवादों में डाला जाता है, ताकि इन जमीनों को सस्ती दरों पर खरीदा जा सकें। इसके लिए कई सालों से शहर में भू- माफिया भी सक्रिय है। हालांकि, कई ऐसे भू-माफियाओं के नाम भी उजागर हुए है। जिन पर पुलिस द्वारा कार्रवाई भी की गई है, लेकिन इसके बावजूद लगातार भू-माफियाओं द्वारा खेल खेला जा रहा हैं।
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भू-माफिया वो लोग होते है जो सरकारी और निजी संपत्तियों पर अवैध कब्जा करते है। जो शासन एवं प्रशासन स्तर पर सरकारी जूमीनों में अपना अवैध कब्जा बना लेते है। भू-माफिया लोग किसी भी निजी जुमीन पर भी अपना दमखम दिखाकर उस पर कब्जा जमा लेते है। ऐसा ही एक तथाकथित भू- माफिया है जो कि पचपेड़ी नाका इलाके में अपना अवैध लेथ मशीन दुकान में संचालित करवाता था जिसकी वजह से काफी लोगों की दुकानों को निगम ने सील कर दिया।
सोसायटी के रहवासियों ने बताया कि शिकायत के आधार पर निगम ने कार्रवाई तो की मैगर उनकी कार्रवाई से आम लोगों को भी काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। सोसायटी के लोगों ने मीडिया के माधयम से निगम से गुहार भी लगाई कि जिसकी शिकायत मिली उसके दुकान को छोड़कर सभी के दुकानों का सील हटाया जाए ताकि सभी लोग अपना काम धंधा शुरू कर सकें।
भू-स्वामी बन रहे भू-माफिया
ंराजधानी में घड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग का काम चल रहा है। और शासकीय जमीन बहुत ही कम बची हुई है। अब भू-माफिया शहर व आसपास के गांव की ओर रुख कर रहे हैं। भू-माफियाओं के द्वारा कृषि योग्य भूमि को बिना किसी वैध अनुमति के प्लाटिंग करके खुलेआम बेचा जा रहा है। नगर निगम के प्रत्येक जोन के आउटर के वार्डों में भू-माफिया इस खेल को अंजाम दे रहे हैं। निगम के प्रत्येक जोन में प्रतिदिन इसकी शिकायत आ रही है। शिकायत मिलने पर निगम कुछ जगहों पर कार्रवाई कर शांत बैठ जा रहा है। भू- स्वामी अवैध प्लाटिंग कर उस पर कॉलोनी बसा दे रहे हैं। निगम के प्रत्येक जोन में बदस्तूर यह खेल चल रहा है। भू-माफिया ले आउट और नक्शा पास नहीं करवा रहे हैं, जिससे निगम को राजस्व का नुकसान हो रहा है।
भू-माफियाओं का जमीनों पर खुलेआम कब्जा
ज़मीनों पर खुलेआम हो रहा कब्जा किसी से छुपा नहीं है, शहर में लगातार भू-माफिया गैंग सक्रिय हो गए है। कहीं पर भी खाली जमीन देखे जाने पर उसके फर्जी कागजात बनवाकर कब्जा करना शुरू कर देते हैं। ज्यादातर भू-माफिया लोग जमीन दलाली का काम करते है या फिर बड़े रसूखदार जो अपने पद और ढकोसले ताकत का नमूना दिखाकर जूमीनों पर अवैध रूप से कब्जा कर वहां प्लॉट, मॉल, बार, कैफे, होटल या रेस्टोरेंट बनवा लेते है। जिससे ना तो प्रशासन से कोई दबाव मिलता है और ना ही पुलिस से और निगम तो इन मामले में अपनी कार्रवाई को ठंडे बस्ते में डालकर रखती है। यही नहीं शासकीय जमीनों में अवैध कब्जा करने वाले भू-माफिया लोग अब बड़े-बड़े सोसायटी और कालोनियों की जुमीनों पर भी अपने नजरें जमाए बैठे है। और कुछ भू- माफिया तो बिहार और उत्तरप्रदेश जैसे दबंग राज्यों से राजधानी आकर यहां अपना बसेरा बना लेते है। राजधानी में भी कई ऐसे भू-माफिया है जो बिहार की ताकत दिखाकर अपना काम निकलवा लेते है।