छत्तीसगढ़

Land Mafia और सटोरिया बने फिर रहे हैं धर्मात्मा

Admin2
3 Jun 2024 5:01 AM GMT
Land Mafia और सटोरिया बने फिर रहे हैं धर्मात्मा
x

सटोरिए, भूमाफिए और नशे के सौदागर के लिए नेताओं और पुलिस के नजदीक आने का खुला रास्ता...

सटोरिए, भूमाफिए और नशे के सौदागर पैसे को धर्म में लगाकर पुण्य कमाने और पुलिस को धौंस और सेटिंग का नया तरीका इजाद कर रहे

लोगों को चूना लगाने वाले धर्म का चोला पहन कर लोगों ठगने का काम कर रहे

धार्मिक-सामाजिक आयोजनों की आड़ में स्वहित साधना मकसद - आयोजन कर्ताओं को प्रवचन कराने की इतनी भी क्या जरूरत थी, नौतपा में आयोजन कराने की इतनी जल्दी क्या थी? सूत्रों से जानकारी मिली है कि आयोजन खत्म होने के तुरंत बाद आचार संहिता खत्म होगी। आयोजन के बहाने सरकार से नजदीकी बना कर अपने गैर कानूनी काम को अंजाम देना ही इनका मकसद है। आम जनता को हो रही परेशानी से इनको कोई सरोकार नहीं है। सरकार को चाहिए इनके बैकग्राउंड की जांच करें। इस तरह के धार्मिक आयोजनों के आड में समाज विरोधी लोग और गैर कानूनी काम करने वाले लोग अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि आयोजक सिर्फ धन उगाही के लिए ही आयोजन कर रहे हैं साथ ही पुलिस पर दबाव और उनके नजदीकी बनने का अनोखा खोज निकाला है।

रायपुर raipur news सट्टे की कमाई में, भूमाफिया और नशे के कारोबार से होने वाली कमाई में जब अड़चन आने लगे तो कोई धार्मिक कार्यक्रम Religious programs का आयोजन करा दो तो सारे पाप धूल जाते है। पूर्व में जितने में कथा आयोजक रहे है वो सभी सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले बिल्डर है या फिर सट्टा खिलाने वाले है जिनका सीधा संबंध सौरभ से रहा है। सट्टे की कमाई में अंकुश लगते ही सटोरियों की मंडली ने एक तरकीब निकाल लिया कि किसी कथा वाचक की कथा आयोजित कर दिया जाए। प्रदश में इस समय सटोरियों में प्रतिस्पर्धा चल रही है कौन बड़े से बड़े पंडि़त का कथा करवा सकता है। सारे सटोरियों ने एख प्लानिंग के तहत सरकार और पुलिस को चमका देने के नया खेल शुरू कर दिया है कथा कराओ पुलिस और नेताओं का संरक्षण पाओ। कल के सटोरिये, जमीन दलाल आज बड़े धार्मिक आयोजन कर पुलिस और नेताओं के नजदीकी हासिल करना चाहते है। यहां देखा गया है कि लोग जमकर सट्टा, गांजा, भांग, और अन्य आपराधिक कार्य में लिप्त रहते हैं और घड़ा भर जाने के बाद वे पुलिस से नजदीकी बढऩे प्रवचन का सहारा लेने लग गए हैं।

छत्तीसगढ़ Chhattisgarh में इन दिनों यही देखने को मिल रहा है। पुलिस वाले भी कहते हैं की कल तक जो अपराधी पुलिस से खौफ कहते थे आज बड़े बड़े संत का प्रवचन करवाकर नेताओं को अपने मंच पर बुला लेते हैं मजबूरी में उन सटोरियों के भी सम्मान देना पद रहा है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया की कल तक जो लोग सत्ता खिलाने और नशे के सौदागर बन पुलिस के नाक में दम किये हुए थे तथा समाज के युवाओ को जुर्म की दुनिया में और नशे के दलदल में धकेलने से का ही काम करते थे वे आज बड़े बड़े संतों के प्रवचन का आयोजन करवा कर अपना पाप धोने में लगे हैं। कालीबाड़ी में रवि साहू नमक युवक जो नशे का बहुत बड़ा सौदागर था और सट्टा किंग के नाम से जाना जाता था , गणेश चतुर्थी के समय गणेश स्थापना कर मुख्यमंत्री Chief Minister को भी अपने गणेश पंडाल में बुला लेता था और पुलिस वालों को सीएम के साथ मंच की फोटो दिखाकर धमकाने से बाज नहीं आता था, लेकिन पुलिस की सख्ती ने उसे जिले से बाहर रहने मजबूर कर ही दिया। आईबी और एलआईबी को चाहिए कि ऐसे धार्मिक आयोजन जो किसी भी समाज से सम्बन्धित हो आयोजक का बैकग्राउंड चेक करके सीएम और नेताओं देना चाहिए ताकि कार्यक्रम के आयोजक की कुंडली जानने के बाद विचार करना चाहिए कि कार्यक्रम में शामिल होना है या नहीं।

सरकार की बदनामी होती है

भूमाफिया, सटोरिया और नशे के सौदागर सीएम और अन्य नेताओं के साथ फोटो खिंचवाकर पुलिस का मोरल डाउन कर अपने आसामाजिक धंधे को बढ़ाते हैं। सीएम के साथ सटोरी, भूमाफिया, नशे के सौदागरों की तस्वीर आने से निश्चित तौर पर सरकार की बदनामी होती है। जनमानस public opinion में सरकार की छवि खराब होती है और विपक्ष को ऐसे मुद्दों की तलाश भी रहती है। जो चुनाव के समय उठाती है। धार्मिक या सामाजिक आयोजनों में सीएम या सरकार के मंत्री जरूर जाते हैं। गैरकानूनी तरीके से अर्जित किए पैसे को ठिकाने लगाने का जरिया भी प्रवचन, सत्संग और अन्य धार्मिक आयोजन को समझने लगे हैं।इसी तरह से कई समाज विरोधी काम करने वाले और एक समय में पुलिस के क्राइम ब्रांच में निगरानीशुदा रहने वाले सटोरिये और भूमाफिया भी इसी राह में चलने लगे हैं। जिधर देखो ऐसे सफेदपोश लोग ही धार्मिक आयोजन करवा रहे हैं।

कानून को दे रहे धोखा

भारतवर्ष में सदा कानून'को धर्म के रूप में देखा जाता है। आज एकाएक माफियाओं ने कानून और धर्म में अन्तर कर दिया गया है। धर्म को धोखा नहीं दिया जा सकता, कानून को दिया जा सकता है। कानून को धोखा देने वाले लोग आज समाज को भी धोखा देने में लगे हैं, यही कारण है कि जो लोग धर्मभीरु हैं वे इनकी पुरानी हरकतों को नहीं जानते और उनके द्वारा कराये जा रहे प्रवचनों को शोभा बढ़ाने जरूर पहुंच जाते हैं , इनका पुराना इतिहास देखा जाये तो कई घरो को इन्होने तहस नहस कर दिया है सट्टा और नशे के कारोबार में लिप्त ये सफेदपोश लोग समाज में सम्माननीय बने बैठे हैं। ऐसे लोगों के बारे में पुलिस के पास पर्याप्त प्रमाण मिल सकता है। समाज के ऊपरी वर्ग में चाहे जो भी होता रहा हो, समाज के भीतर-भीतर ये सटोरिए खोखला ही कर रहे हैं। सटोरियों के लिए सिफऱ् पैसा कमाना ही मुख्य उद्देश्य हो गया है। साथ ही ऐसे किसी भी प्रकार का धार्मिक आयोजन करवा कर यह संदेश देते हैं कि धर्म कानून से बड़ी चीज है।

धार्मिक आयोजन कर पाप धो रहे

कल के सटोरिया, भूमाफिया, नशे के सौदागर आज सेवा, ईमानदारी, सच्चाई और आध्यात्मिकता के मूल्य बने हुए हैं। आज भी वह मनुष्य से प्रेम करता है, महिलाओं का सम्मान करता है, झूठ और चोरी को गलत समझता है, दूसरों को पीड़ा पहुँचाने को पाप समझता है। लेकिन उनके अतीत को देखें तो उन लोगों का सब काम कानून सम्मत न होकर कानून के खिलाफ ही रहा है अब वे बड़े बड़े धार्मिक आयोजन कर अपना पाप धो रहे हैं।

Next Story