छत्तीसगढ़

जलियांवाला बाग के बाद सबसे बड़ा शहीद स्थल कुडोपाली : बृजमोहन अग्रवाल

Nilmani Pal
30 Dec 2022 10:47 AM GMT
जलियांवाला बाग के बाद सबसे बड़ा शहीद स्थल कुडोपाली : बृजमोहन अग्रवाल
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कूडोपली(जिला-संबलपुर)/पश्चिम ओडिशा। उड़ीसा राज्य के संबलपुर जिले के कुडोपाली नामक गाँव में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया। जिसके तहत इस ऐतिहासिक गांव के स्वतंत्रता सेनानी वीर सुरेंद्र साय और छबीला साय जी जैसे गुमनामी वीरों के नाम को स्मरण किया गया। आज ही के दिन अंग्रेजों से लड़ते हुए वीर छबीला साय युद्ध के मैदान में शहीद हो गए थे। उनकी ही स्मृति में पूरे गांव ने एकत्रित होकर यह आयोजन किया साथ ही वीरों को सच्ची श्रद्धांजलि दी। इस कार्यक्रम के मुख्य आयोजक वीर छबीला साय स्मृति समिति के समन्वयक जयब्रत दे जी रहे। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ शासन के पूर्वमंत्री एवं वर्तमान विधायक बृजमोहन अग्रवाल, बीजेडी के पूर्व सांसद प्रशन्ना आचार्य जी व क्षेत्र के विधायक नौरी नायक, पद्मश्री सम्मानित कवि हलधर नाग जी उपस्थित रहे।

इस दौरान पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, मैं आज संता सेनानियों की इस धरती पर खड़ा होकर अत्यंत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। यहां पर शहीद हुए वे वीर 57 लोग जिन्होंने अपनी कुर्बानी दी, मैं ऐसी मिट्टी को नमन करता हूं अपने माथे पर लगाता हूं। समलेश्वरी माता की आरती पर मैं यह कहना चाहता हूं कि, माता समलेश्वरी ने जिस प्रकार राक्षसों का नाश किया। उन्हीं से ताकत लेकर सुरेंद्र साय व छबीला साय जैसे वीरों ने ये महान कार्य किया। अग्रवाल जी ने यह भी कहा कि, शायद जलियांवाला बाग के बाद ये सबसे ज्यादा लोग कहीं शहीद हुए तो यहीं शहीद हुए हैं। पढ़ने लिखने के 18 वर्ष की उम्र में ही विद्रोह छेड़ने वाले सुरेंद्र साय और छबीला साय ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ाना शुरू कर दिए थे। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ परम्परागत हथियार के माध्यम से गोरिल्ला युद्ध लड़ा। वीर छबीला साय तो 1857 में शहीद हो गए पर वीर सुरेंद्र साय ने अंत तक अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लगी। अंत में उन्हें अंग्रेजों ने धोखे से पकड़ लिया। अपनी जिंदगी के 37 साल उन्होंने जेल में गुजारे। ऐसे वीर सुरेंद्र साईं को मेरा शत-शत नमन। उनके वंशजों को भी नमन; जो आज भी यहाँ निवासरत है।

बृजमोहन अग्रवाल ने अपने सम्बोधन के अंत में बीजेडी के पूर्व सांसद प्रसन्न आचार्य जी सहित यहां के तमाम जनप्रतिनिधियों से यह निवेदन करते हुए कहा कि इस धरती इन शहीदों का स्मारक बनाया जाए जिससे यहां पर पूरे देश के लोग; नौजवान, बूढ़े, बच्चे सभी प्रेरणा ले सकें। इन वीर शहीदों को स्मरण करते हुए हमें उत्सव मनाना चाहिए ताकि ऐसे गुमनाम शहीद को पूरा भारत वर्ष ही नहीं बल्कि पूरा विश्व जान सके। इसके लिए पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अपनी ओर से 5 लाख रुपये की भी घोषणा की।

पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने इस अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आजादी के इस अमृत महोत्सव में इस प्रकार के आजादी के दीवानों के गुमनाम नामों को सामने लाने का काम मोदी जी कर रहे हैं। अगर प्रधानमंत्री जी ने यह बीड़ा नहीं उठाया होता, तो ना जाने कितने वीर शहीदों की शहादत के बारे में युवा पीढ़ी जान ही नहीं पाती।

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