जिले में संचालित बॉयोटेक किसान हब परियोजना जो कि जैव तकनीकी विभाग (डी बी टी), भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा वित्त पोषित है और इसके अंतर्गत परियोजना हेतु चिन्हित ग्राम बागडोंगरी के किसानों को 40 एकड़ रकबे हेतु धान की बायो फोर्टिफाइड किस्म जिंको राईस का वितरण किया गया। धान की यह किस्म राज्य के एकमात्र कृषि विश्वविद्यालय इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा विकसित की गई है। यह ग्रामीण क्षेत्रों में कुपोषण से लड़ने के लिए एक बेहतर विकल्प है। चूंकि इसमें जिंक की मात्रा लगभग 25 से 27 पीपीएम है जो सामान्य धान की किस्मों में पाई जाने वाली मात्रा से काफ़ी अधिक है। कृषि विज्ञान केंद्र के शस्य वैज्ञानिक मनीष वर्मा ने बताया कि राज्य की लगभग 60 से 70 प्रतिशत आबादी जिंक, आइरन और विटामिन ए की कमी से ग्रस्त है। ऐसे में आदिवासी बहुल क्षेत्र में धान की यह किस्म कुपोषण से लड़ने में कारगर सिद्ध होगा।
इस परियोजना के अंतर्गत कृषक प्रशिक्षण समेत समस्त तकनीकी सलाह परियोजना के यंग प्रोफेशनल आंचल नाग द्वारा किसानों को दी जा रही है।