छत्तीसगढ़

बिरयानी सेंटर के बाहर युवकों की लाश रखकर क्रांति सेना कर रहा प्रदर्शन

Shantanu Roy
19 April 2024 3:34 PM GMT
बिरयानी सेंटर के बाहर युवकों की लाश रखकर क्रांति सेना कर रहा प्रदर्शन
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रायपुर। रायपुर के बिरयानी में 2 कर्मचारियों की मौत के बाद लगातार प्रदर्शन का दौर जारी है। घटना के एक दिन बाद शुक्रवार को भी जमकर प्रदर्शन हुआ। इस बीच देर शाम परिजनों ने दोनों लाश को होटल के दरवाजे पर रखकर नारेबाजी की। तेलीबांधा थाना क्षेत्र के जीई रोड स्थित बिरयानी में गटर साफ करने के दौरान दोनों की मौत हुई थी। इस मामले में प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ये मौत घटना नहीं है, बल्कि प्रबंधन ने हत्या की है। मौके पर पुलिस बल भी तैनात किया गया है, लेकिन वहां मौजूद लोग आक्रोशित हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहना है कि पुलिस एक हाफ बिरयानी में बिक गई है और होटल के मैनेजमेंट के लोग जो बयान दे रहे है उसी को आधार मानकर एक तरफा कार्रवाई की गई है। वही होटल के मैनेजरों द्वारा पोस्टमार्टम की रिपोर्ट बदलने की भी बातें सामने आ रही है। प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि कोई न कोई छुटभैया कांग्रेसी नेता होटल स्टाफ और मैनेजमेंट को बचाने के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगा रहा है।
पुलिस के जांच का विषय ये है
मृतकों ने गटर में घुसने से पहले अपने परिजनों में से किससे आखिरी कॉल बात किया था ? और उससे क्या बातचीत हुई ? हादसे से पहले मृतकों को किसके साथ देखा गया था कौन मृतकों के सबसे करीब था ? किसके साथ दोनों मृतक ज्यादा देर तक बातें करते थे और बिरयानी सेंटर में मृतकों का सबसे अच्छा दोस्त कौन था इसकी भी जांच पुलिस दोनों मृतकों के कॉल डिटेल निकालकर करें। पुलिस को चाहिए कि मृतकों के एक हफ्ते का पुराना कॉल डिटेल सर्च करना चाहिए और मृतकों के परिजनों का बयान दर्ज कर मामलें में कार्रवाई आगे बढ़ानी चाहिए तब जांच सही दिशा में जाएगी।

कर्मचारियों के मौत के मामलें केस दर्ज नहीं, मारपीट के आरोपियों को बचा रही पुलिस

तेलीबांधा क्षेत्र में स्थित बिरियानी सेंटर में दो कर्मचारियों की गटर में संदिग्ध मौत के मामलें में पुलिस ने अभी तक कोई केस दर्ज नहीं किया है। जबकि पत्रकारों से मारपीट मामलें में 6 कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया है। मगर पुलिस का एक नया कारनामा देखने को मिला है कि पुलिस ने मामलें में आईपीसी की धारा 294, 323, 506, 427, 34 के तहत अपराध तो दर्ज कर लिया मगर SDM कोर्ट में आरोपियों को आईपीसी की धारा 151 के तहत पेश किया और न्यायालय के मजिस्ट्रेट को बिरयानी सेंटर में हुए संदिग्ध मौत के मामलें को संज्ञान में नहीं लाया गया जिसकी वजह से मजिस्ट्रेट ने मारपीट के मामलें में पेश हुए 6 आरोपियों को 26 अप्रैल तक जेल भेजा है। पुलिस की इस एकतरफा कार्रवाई के चलते दो युवकों के संदिग्ध मौत मामलें में कोई कार्रवाई नहीं की गई।

दोनों मृतकों के परिजनों ने कहा कि घटना को 24 घंटे से ज्यादा हो चुके हैं। अभी तक एक भी होटल मैनेजमेंट का व्यक्ति बातचीत करने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि जब तक मैनेजमेंट का कोई जिम्मेदार व्यक्ति हमसे बातचीत करने नहीं आएगा। तब तक हम अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। इस मामले में साहू संघ शहर जिला प्रकोष्ठ और छत्तीसगढ़ी क्रांति सेना लगातार बिरयानी के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मामले में साहू संघ के युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष देवदत्त साहू ने कहा कि दोनों की मौत से समाज में बहुत आक्रोश है। ये गटर सफाई करने वाले नही थे। उनके शरीर में चोट के निशान भी थे। दोनों परिवारों को प्रबंधन की ओर से 1-1 करोड़ रुपये मुआवजा मिलना चाहिए। साथ ही इस मामलें में FIR भी होना चाहिए।
18 अप्रैल को पुलिस को सूचना मिली कि बिरयानी के तेलीबांधा स्थित ब्रांच में दो लोगों की मौत हो गई है। बताया गया कि गटर की सफाई के दौरान कर्मचारी बेहोश हो गए। जब वे काफी देर तक बाहर नहीं आए, तो होटल में काम करने वाले दूसरे कर्मचारी गटर के पास गए। आवाज लगाने पर कोई जवाब नहीं आया। जिसके बाद कुछ कर्मचारियों ने गटर में उतरकर दोनों को बाहर निकाला। पुलिस टीम मौके पर पहुंची और दोनों सफाई कर्मचारियों को तेलीबांधा के निजी हॉस्पिटल लाया गया। यहां जांच के बाद डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।
मृतकों में एक 30 साल का नीलकुमार पटेल जांजगीर-चांपा जिले के खूंटादहरा का रहने वाला था। वहीं दूसरा 19 साल का डेविड साहू धमतरी के खम्हरिया का रहने वाला था। रायपुर के बिरयानी में गुरुवार को हुई 2 मौत को कवर करने गए पत्रकारों के साथ मारपीट भी हुई थी। होटल स्टॉफ इस घटना को कवर करने से रोक रहा था। इस मामले में एक पत्रकार के गर्दन के पास चोट आई। साथ ही न्यूज चैनल का कैमरा भी तोड़ दिया गया। पुलिस ने बिरयानी की 3 महिला स्टाफ समेत 6 आरोपियों के खिलाफ मारपीट और अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था। गिरफ्तार कर आरोपियों को SDM कोर्ट में पेश किया गया। पत्रकारों की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता विवेक तनवानी ने सभी 6 आरोपियों की जमानत का विरोध किया। इसे स्वीकार कर सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया।
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