जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। कोरोना का टीका सबसे पहले कोरोना वारियर्स (स्वास्थ्य कर्मचारियों) को लगेगा। रायपुर जिले में निजी और सरकारी सहित करीब 23 हजार स्वास्थ्य कर्मी ने पोर्टल पर आनलाइन डेटा अपलोड कर दिया है। इसमें जिले के उपस्वास्थ्य केंद्रों से लेकर प्राथमिक, सामुदायिक, जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल, आयुर्वेदिक अस्पतालों के कर्मी के साथ ही निजी क्षेत्र के स्वास्थ्य कर्मचारी भी शामिल हैं। जिले के स्वास्थ्य कर्मचारियों के डेटा फीडिंग का काम तेजी से जारी है। प्रदेश में सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को ही कोरोना की वैक्सीन लगेगी।
फोन नंबरों का किया जा रहा सत्यापन : स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार निजी और सरकारी अस्पतालों के स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य कर्मचारियों की जानकारी एकत्र कर ली गई है। सबसे पहले इन्हीं को टीका लगाया जाएगा। फिलहाल, इनके फोन नंबर सत्यापित करने का काम चल रहा है। इसके लिए जिला स्तर पर इन मोबाइल नंबरों पर बात करके पता किया जा रहा है।
पोलियो की तर्ज पर दी जाएगी खुराख : जानकारी के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग ऐसी तैयारी कर रहा है कि कोरोना की वैक्सीन आने के बाद टीकाकरण में कोई परेशानी न आए। इसके लिए पोलियो ड्रॉप पिलाने के लिए जैसे बूथ बनाए जाते थे, लगभग वैसे ही व्यवस्था कर बूथ बनाकर लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर टीका लगवाने के लिए बुलाया जाएगा। जिले में डीप फ्रिजर व आइस लाइंड रेफ्रिजरेटर की व्यवस्था की जा रही है। इसमें ज्यादा से ज्यादा वैक्सीन स्टोर की जा सकती है।
टीकाकरण टीम में पांच लोग होंगे शामिल
दिशानिर्देशों में कहा गया है कि हर सत्र में सिफऱ् 100 लोगों को कोविड वैक्सीन दी जाएगी. लेकिन अगर उक्त सेंटर पर कोई वेटिंग रूम, निगरानी केंद्र, अधिक भीड़ को संभाल पाने और सामान रखने की व्यवस्था होती है तो वहां पर एक और वैक्सीनेटर ऑफि़सर को तैनात किया जाएगा। इसके बाद वहां पर 200 लोगों को वैक्सीन दी जा सकेगी।
सीएमएचओ ने कहा
मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डा मीरा बघेल ने बताया कि वैक्सीन का टीकाकरण सफलता पूर्वक संचालित करने के लिए अंतर विभागीय समन्वय समिति भी गठित की गई है। वैक्सीन लगाने के बाद किसी तरह साइड इफेक्ट होने की सूचना मिलने पर स्पेशल टीम द्वारा आपात चिकित्सा उपलब्ध कराने एंबुलेंस के साथ 24 घंटे अलर्ट पर रहेंगे।
प्रतिकूल प्रभाव के प्रबंधन के लिए रैपिड रिस्पांस टीम का होगा गठन
कोरोना टीकाकरण के बाद के प्रतिकूल प्रभाव से निपटने के लिए भी डॉक्टरों की टीम तैयार की जा रही हैं। एडवर्स इवेंट्स फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन (एईएफआई) के प्रबंधन के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार जिला स्तर पर टीमों का गठन होगा। इसको लेकर जारी किये गए गाइडलाइन में कहा गया है कि कोरोना वायरस वैक्सीन से संबंधित दुष्प्रभावों से निपटने की व्यवस्था भी रखी जाएगी।
प्रत्येक टीकाकरण टीम के साथ रहेंगे मेडिकल अफसर: नियमित टीकाकरण में प्रतिकूल प्रभाव के प्रबंधन के लिए चिकित्सकों की टीम एलर्ट रहती है। अब कोविड टीकाकरण में भी टीम के साथ मेडिकल अफसर निगरानी में रहेंगे। टीकाकरण के बाद यदि कोई दिक्कत आती है तो नजदीकी अस्पताल में प्रतिकूल असर के प्रबंधन के लिए भी तैयार रहेंगे।
4 चरणों में होगा टीकाकरण: टीकाकरण की प्रक्रिया 4 चरणों में पूरी की जाएगी। आवश्यकता और रिस्क के मुताबिक समूह बनाकर टीकाकरण किया जाएगा। पहले चरण में 1 करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स का वैक्सिनेशन किया जाएगा। दूसरे चरण में 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स का वैक्सिनेशन किया जाएगा, जिसमें पुलिस बल और सुरक्षा बल एवं सफाईकर्मी होंगे।
जबकि तीसरे चरण में 50 साल के ऊपर के लोगों और 50 साल से काम के उन लोगों का टीकाकरण किया जाएगा जो किसी और बीमारी से ग्रसित है।चौथे चरण में 50 साल के नीचे के लोगों का टीकाकरण होगा। इसके लिए वोटर लिस्ट और आधार कार्ड से सूची बनाई जा रही है.