छत्तीसगढ़

कोरबा : मनरेगा के कुएं से निकली समृद्धि की जलधारा

Nilmani Pal
29 Nov 2021 3:38 PM GMT
कोरबा : मनरेगा के कुएं से निकली समृद्धि की जलधारा
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कोरबा। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से कोरबा जिले के किसान मंगल सिंह कंवर को समृद्धि की नई राह मिल गई है। मनरेगा के तहत मंगल सिंह की घर-बाड़ी में नया कुंआ खुदाया गया है और इस कुंए से ही मंगल सिंह ने घर बाड़ी में सब्जी उगाकर 50 हजार रूपए की अतिरिक्त आमदनी कर ली है। स्वयं मंगल सिंह बताते हैं कि कटघोरा विकासखण्ड की ग्राम पंचायत सलोरा के सिरबिदा गांव में वे पहले मनरेगा मजदूर के रूप में रोजी-मजदूरी करते थे। भूमि समतलीकरण, तालाब गहरीकरण जैसे कई कामों में उन्होंने बरसों मजदूरी की है। अकुशल श्रमिक के रूप में उन्हें मनरेगा की निर्धारित मजदूरी भी मिलती थी। परंतु यह राशि घर परिवार के भरण-पोषण के लिए पूरी नहीं पड़ती थी।

मंगल सिंह बताते हैं कि उन्होंने अपने घर से लगी बाड़ी में कुंआ खुदाने के लिए मनरेगा के तहत पंचायत में आवेदन दिया था। पंचायत के प्रस्ताव पर मंजूरी मिलते ही मंगल सिंह की घर-बाड़ी में साढ़े आठ मीटर गहरा और लगभग साढ़े चार मीटर चौड़ा कुंआ खोदा गया। कुंए की पक्की जगत भी बनाई गई। मंगल सिंह के कुंआ खोदने के इस काम से गांव वासियों को भी रोजगार मिला। मंगल सिंह की बाड़ी में इस कुंए को खोदने में लगभग 72 हजार रूपए का शासकीय व्यय हुआ। आज इस कुंए में पर्याप्त पानी है और इस पानी से ही सिंचाई कर मंगल सिंह अपनी बाड़ी में सब्जी का उत्पादन कर रहे हैं। उन्होंने पिछले सीजन में आलू, प्याज, बैंगन, टमाटर, हरि मिर्च, मूली, भाजी, जैसी सब्जियां उगाई थी और उन्हें स्थानीय बाजार में बेचकर लगभग 50 हजार रूपए की अतिरिक्त आय प्राप्त की है। मंगल सिंह बताते हैं कि कुंआ बन जाने के बाद वे बाड़ी के साथ लगे खेत में भी जरूरत के हिसाब से धान और गेहूं की फसल के लिए सिंचाई का पानी भी लगा देते हैं। इससे उनकी फसल भी अच्छी होती है।

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