जिले के किसान परंपरागत धान की खेती करने के अलावा अन्य फसल लेकर भी मुनाफा कमा रहे हैं। आर्थिक मजबूती की राह में चल रहे किसान धान के अतिरिक्त सरसों, अरहर, गेहूं की फसल लेकर खूब लाभ कमा रहे हैं। फसल उत्पादन के साथ मछली पालन ने किसानों को तरक्की की राह पर चलने में सहयोग किया है। किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने जिला प्रशासन भी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचा रहा है। किसानों को योजनाओं की सभी जानकारी तथा उन्नत खेती करने तकनीकी मार्गदर्शन भी कृषि विभाग द्वारा दिया जा रहा है। शासन की योजनाओं के सहयोग से ऐसे ही एक किसान श्री जेठूराम मिश्रित खेती कर आर्थिक लाभ कमाकर अन्य किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत का काम कर रहे हैं।
विकासखण्ड पोड़ी-उपरोड़ा ग्राम सेमराकछार निवासी श्री जेठूराम ने मिश्रित तरीके से खेती करके लगभग तीन लाख रूपए कमा लिए हैं। जेठूराम धान की परंपरागत खेती के अलावा अपने खेतों में अरहर, सरसों ओर गेहूं लगाकर अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं। फसल उत्पादन के अलावा जेठूराम ने मछली पालन भी किया और मछली बेचकर भी खूब लाभ कमाए। जेठूराम बताते हैं कि पहले परम्परागत तरीके से खेती करने से लागत अधिक आती थी तथा फसल की उपज भी कम होती थी। कम उपज होने के कारण आय भी कम होती थी जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा था। जेठूराम ने बताया कि अधिक उत्पादन के लिए मैंने कृषि विभाग से संपर्क किया। कृषि विभाग से लाभकारी योजनाओं का लाभ तथा तकनीकी मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया कि मुझे विभाग में संचालित योजनाओं, डीएमएफ, सौर सुजला योजना तथा राज्य पोषित योजनाओं से नलकूप खनन, सोलर पंप, स्थापना का लाभ मिला। इसके साथ स्प्रिंकलर सेट, हस्त चलित स्प्रेयर भी विभाग की सहायता से प्राप्त हुआ।
जेठूराम ने बताया कि कृषि विभाग से आत्मा योजनांतर्गत प्रशिक्षण और कृषि विभाग के मार्गदर्शन से डबरी निर्माण किया हूँ। पहले मैनें दो एकड़ भूमि में शासन की योजना से लाईन ट्रांसप्लांटिंग धान प्रदर्शन एवं मेड़ों पर अरहर का फसल लिया और रबी के सीजन में सरसों और गेहूं का खेती किया। इस तरह फसल लेने से मुझे अच्छी आमदनी हुई। वर्तमान में मैं साढ़े पांच एकड़ भूमि में श्री विधि से धान फसल, मेड़ों पर अरहर लगाने के साथ आधा एकड़ जमीन में सब्जी उत्पादन भी कर रहा हूँ। विभाग के मार्गदर्शन से निर्मित डबरी में मछली पालन कर रहा हूँ। जेठूराम अपने आय से खुश होते हुए बताते हैं कि धान, अरहर, सरसों, गेहूं तथा सब्जी उत्पादन से पिछले साल दो लाख 20 हजार रूपए की आमदनी प्राप्त हुई थी। इस वर्ष धान फसल, सब्जी उत्पादन से अभी तक ढाई लाख रूपए का आय प्राप्त हो चुका है। रबी फसल समाप्त होते तक तथा मछली पालन से डेढ़ लाख और आय होने की संभावना है। जेठूराम विभाग के मार्गदर्शन में अच्छी आय प्राप्त कर बहुत खुश हैं और अपने परिवार की स्वास्थ्य एवं शिक्षा की अच्छी तरह व्यवस्था कर पा रहे हैं।