छत्तीसगढ़

जाने क्यों लोग मोहब्बत किया करते हैं दिल के बदले दर्दे दिल दिया करते हैं...

Admin2
27 Nov 2020 6:04 AM GMT
जाने क्यों लोग मोहब्बत किया करते हैं दिल के बदले दर्दे दिल दिया करते हैं...
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ज़ाकिर घुरसेना/कैलाश यादव

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लव जिहाद को लेकर एक्शन मूड में नजर आ रहे हैं। मध्यप्रदेश और हरियाणा में इस पर कानून बनाने की घोषणा हो चुकी है। हमारे मुख्यमंत्री भूपेश दाऊ पहले ही बोल चुके हैं कि जहां लव होगा वहां जिहाद का काम ही नहीं है। दोनों अलग-अलग चीज है। बहरहाल जनता में खुसुर-फुसुर है कि लव करने से पहले पूछना होगा तुम किस जाति के हो। ऐसा कहा जाता है कि लव अंधा होता है, ठीक है। कुछ सरकारों का मानना है कि लव देख नहीं सकता जबान तो चला सकता है। जबान खोलकर पूछा तो जा सकता है जाति के बारे में। जाति पूछ कर लव को परवान चढ़ाइए, वरना अंजाम तो मालूम है। एक पुरानी कहावत है जाति न पूछो साधु की पूछ लीजिए ज्ञान। अब ऐसा हो गया है कि जाति ही पूछो लवर की, फिर चढ़ाओ परवान, वरना हो जाओगे कुरबान।

जिसका डर था वही हुआ : हम पूर्व अंक में प्रकाशित कर चुके हंै कि मानीटरिंग ढंग से नहीं हुई तो कई घोटालों में गोबर घोटाले का नाम भी जुड़ जाएगा। वाकया पिछले दिनों का है कोटा विकासखंड में दो ऐसे बैल पाए गए हंै जो एक दिन में एक हजार किलो गोबर कर रहे हैं। है न चौकाने वाली बात। शासन को तत्काल संज्ञान में लेकर मामले की जांच करनी चाहिए वरना बड़े तादात में गोबर माफिया पैदा हो जाएंगे और गोबर घोटाला शुरू हो जाएगा।

वाह.. शिव डहरिया जी : पिछले दिनों नगरीय प्रशासन मंत्री ड़ॉ. शिव डहरिया ने ऐसा काम कर दिखाया कि सर्वत्र तारीफ हो रही है। हुआ ये कि पलौद की सरपंच ने एक इंजीनियर की शिकायत गुणवत्ता मापने को लेकर सुबह मंत्री से की, और दोपहर में मंत्री जी खुद इंजीनियर को हटाने का आदेश लेकर गांव पहुंच गए । जनता में खुसुर फुसुर है कि काश सभी मंत्री इस प्रकार तुरंत निर्णय लेने लग जाएं तो छत्तीसगढ़ का कायाकल्प हो जाएगा।

अचानक नशेड़ी कहां से पैदा हो गए : अभी हाल में यह देखा गया है कि युवा वर्ग नशे के शौकीन दिख रहे हैं इसके पहले इस प्रकार की छुटपुट खबरें ही मिलती थी, अभी तो युवाओं ने हदें पार कर दी है, जिधर देखों उधर नश का अड्डा और नशेड़ी पाए जा रहे है। ये हाई लेवल और लोवर लेवल में सब जगह देखा जा रहा है। बड़े होटलों और क्लबों, हुक्काबारों में जो नहीं जा पा रहे है, वे मोहल्ले में ही सुट्टा क्लब बनाकर नशा कर रहे है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि क्या पहले ये नशेड़ी नहीं थे, क्या पहले की सरकार और पुलिस ध्यान नहीं दे रही थी, या अभी की सरकार इस पर ध्यान देकर इनको पकड़कर भविष्य सुधार रही है या सरकार को बदनाम करने की साजिश तो नहीं हो रही है। कही भूपेश बघेल के विरोधी लोगों के षडयंत्र का हिस्सा तो नहीं है।

अति संवेदनशील हो गए भाजपाई : पिछले दिनों अभनपुर के केंद्री गांव में एक परिवार के पांच लोग मौत के मुंह में समा गए, बैठे बिठाए भाजपाइयों को मुद्दा मिल गया। फिर क्या था संवेदना की गंगा बह निकली जो अब सूखी पड़ी थी। पूरे भाजपाई बारात लेकर पीडि़त के घर में दस्तक दे दी और ग्रुप फोटो खीचवाकर वापस आ गए। जनता में खुसुर फुसुर है कि भाजपाई अति संवेदनशील हो गए हैं।

कहां हो अभिमन्यु : यहां हम महाभारत के अर्जुन पुत्र अभिमन्यु की बात नहीं कर रहे हैं, हम तो छत्तीसगढ़ में महाभारत करने वाले अजीत जोगी के पुत्र अमित की बात कर रहे है। उन्होंने विरोधी खेमे के हर चक्रव्यूह को भेदकर छग में जनता कांग्रेस को फिर से स्थापित करने का बीड़ा उठाया है, जनता में खुसुर-फुसुर है कि जब अजीत जोगी जीवित थे तो सारे चक्र को भेदने का अस्त्र था, तब नहीं कर पाए तो अब क्या होगा। अमित जोगी विरोधी खेमा के चक्रव्यूह तो तब भेद पाएंगे जब विरोधी खेमा उसके चक्रव्यूह में फंसेगा अभी तो अमित जोगी अपने ही खेमे के चक्रव्यूह में फंसे नजर आ रहे हैं।

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