जानें ले नियम: कटे-फटे, दागदार झण्डे न फहरायें, क्षतिग्रस्त झण्डे सड़कों पर या कचरे में ना फेंके
रायपुर। स्वतंत्रता सप्ताह (11 से 17 अगस्त 2022 ) के दौरान 'हमर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर भुरे ने जिलेवासियों से अपने-अपने घरों में तिरंगा झंडा लगाकर इस अभियान को सफल बनाने की अपील की है। अभियान के तहत सभी शासकीय कार्यालयों, सार्वजनिक उपक्रमों, सामाजिक संगठनों एवं नागरिकों के निवास स्थानों पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया जायेगा। जिले के स्थानीय स्व-सहायता समूहों की दीदियों को तिरंगा बनाने के काम से जोड़कर रोजगार के अवसर प्रदान किए गए है। पैम्पलेट, बैनर एवं संचार माध्यमों से इस कार्यक्रम को सफल बनाने का प्रयास किया जाना है। जिले में स्थानीय आउटलेट के साथ उचित मूल्य की दुकानों पर भी झंडे के वितरण-बिक्री की व्यवस्था की गई है।
गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय ध्वज आंशिक संशोधन करते हुए खादी के अतिरिक्त हाथ कता हुआ, हाथ से बुना हुआ या मशीन द्वारा निर्मित सूती, पॉलिस्टर, ऊन, रेशम से बने हुए झण्डे के भी उपयोग की अनुमति दी है। झण्डे की लंबाई और ऊंचाई का अनुपात तीन अनुपात दो के हिसाब से अब किसी भी आकार का ध्वज निर्माण किया जा सकता है। भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा नए जारी निर्देश के अनुसार जहां झंडे का प्रदर्शन खुले में किया जाता है या किसी व्यक्ति द्वारा घर पर प्रदर्शन किया जाता है, वहां उसे दिन एवं रात में फहराया जा सकता है। तिरंगा झण्डा कटा-फटा ना हो, ध्वज दंड सीधा और मजबूत हो। राष्ट्रीय ध्वज फहराते समय उसके रंग क्रम का ध्यान रखें। केसरिया रंग ऊपर हो, ध्वज सम्मान की स्थिति में हो, झुका हुआ ना हो। ध्वज पर अन्य कुछ भी लिखा या छपा नहीं होना चाहिए। राष्ट्रीय ध्वज के साथ अन्य कोई ध्वज बराबर ऊंचाई पर अथवा राष्ट्रीय ध्वज से ऊपर ना हो। किसी भी प्रकार के फूल, माला या प्रतीक चिन्ह राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर अथवा ध्वज दंड पर ना हो। ध्वज फहराने के बाद, ध्वज को समेट कर, सम्मान के साथ संभाल कर घर पर ही रखें। इसे इधर-उधर सड़कों पर या कचरे में ना फेंके। यदि ध्वज क्षतिग्रस्त अथवा कट-फट जाए, तो पूरे सम्मान के साथ निपटान करें, सड़कों पर या कचरे में ना फेंके, इन नियमों का विशेष ध्यान रखा जाए।