छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ पुलिस के हाथ में जानें कैसे सुरक्षित हैं सांप, सापों को दे रहे बड़ा योगदान
Deepa Sahu
12 Aug 2021 6:27 PM GMT
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प्रकृति की खाद्य श्रृंखला में सांपों का बड़ा योगदान है।
बिलासपुर। प्रकृति की खाद्य श्रृंखला में सांपों का बड़ा योगदान है। इसी दृष्टि से छत्तीसगढ़ के न्यायधानी बिलासपुर के कई युवा सांपों को पकड़कर सुरक्षित ठिकानों पर छोड़ रहे हैं। इनमें दो युवाओं ने संरक्षण की दिशा में अनूठा तरीका अपनाया है। स्नेक रेस्क्यू करने वाले चकरभाठा निवासी किशोर आडवानी और सरकंडा निवासी दीपक मेहरा पुलिस के जवानों को विशेष प्रशिक्षण देते हैं। इसका परिणाम यह हुआ कि कई जवान सांपों को पकड़कर नवजीवन प्रदान कर रहे हैं। जंगल में छोड़कर ग्रामीणों को जागरूकता का पाठ भी पढ़ा रहे हैं।
न्यायधानी के दो युवाओं के प्रयास से बढ़ी समाज में जागरूकता
पुलिस एक ओर जहां अपराधियों को सलाखों के पीछे ले जाते हैं लेकिन, यहां स्थिति एकदम विपरीत है। पुलिस सांपों को सुरक्षित तरीके से जंगल में छोड़ रहे हैं। स्नेक रेस्क्यू करने वाले किशोर का मानना है कि जब पुलिस के जवान सांपों को बचाने के साथ आसपास के लोगों को समझाइश देते हैं तो समाज में उसका व्यापक असर होता है। पुलिस को देखकर गांव व जंगल के लोग सांप को मारने से कतराने लगे हैं।
अब ग्रामीणों और पुलिस के बीच सांपों के संरक्षण को लेकर एक अच्छा संबंध भी स्थापित होने लगा है। किशोर वर्तमान में आठ हजार से अधिक सांपों की जान बचा चुके हैं। इतना ही नहीं पुलिस अधीक्षक से सम्मान भी प्राप्त कर चुके हैं। इसके अलावा दीपक बीते पांच साल के भीतर ढाई हजार से अधिक सांपों को नई जिंदगी दे चुके हैं। पुलिस के माध्यम से अब सांपों को बचाने की मुहिम चला रहे हैं, ताकि समाज में जागरूकता के साथ इनका संरक्षण किया जा सके।
पुलिस के पास आता है काल
चकरभाठा थाने में पदस्थ सिपाही सुनील सिंह का कहना है कि उन्हें सांपों को पकड़ने का कभी शौक नहीं रहा। लेकिन, जब लोगों को सांप को मारते और कुछ युवाओं को बचाते देखा तो मेरा भी मन किया कि मैं भी संरक्षण की दिशा में काम करूं। किशोर के माध्यम से मैं अभी प्रशिक्षण ले रहा हूं। गांव में जब सांपों को बचाने ग्रामीणों को कहता हूं तो वे हमें अपना साथी मानते हैं। सांप दिखने पर अब वे पुलिस को फोन करते हैं।
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