जानें होलिका दहन की अग्नि के विशेष महत्व के बारे में, माना जाता है पवित्र
होली का पर्व आने में बस कुछ ही दिन बचे हैं. हिंदू धर्म में होली (Holi 2022) और इससे पहले आने वाली होलिका दहन का विशेष महत्व होता है. होलिका दहन एक ऐसा पर्व है जब हम पाप और संताप को जलाने के लिए अग्नि को प्रज्वलित करते हैं. हमारा शरीर और संपूर्ण ब्रह्मांड पंच तत्वों से मिलकर बना है ऐसे में होलिका (Holika Dahan 2022) की अग्नि को काफी ज्यादा पवित्र माना जाता है. इस साल होलिका दहन 17 मार्च 2022 को किया जाएगा, जबकि इसके अगले दिन चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि को रंगवाली होली खेली जाती है.
होलिका दहन की बात करें तो इस दिन का खास महत्व माना जाता है. होलिका दहन का मुहूर्त विशेष रूप से बहुत खास होता है. हालांकि होलिका दहन में प्रह्लाद की बुआ और हिरण्यकश्यप की बहन का दाह संस्कार किया जाता है लेकिन जिस प्रकार रावण का दाह संस्कार पुण्य का भागी होता है उसी प्रकार से होलिका दहन भी परम पुण्य देता है. शास्त्रों में होलिका दहन की अग्नि के विशेष महत्व के बारे में बताया गया है. ऐसे में आचार्य कमल नंदलाल ने होलिका दहन की अग्नि के कुछ वास्तु उपायों के बारे में बताया है जो आपके वारे-न्यारे कर सकते हैं. आइए जानते हैं इन वास्तु टिप्स के बारे में-
जहां भी सार्वजनिक होली जलती है वहां पर पूजा करें और होलिका की अग्नि (Holika Agni Vastu Tips) की 12 परिक्रमा करें. इसके बाद होलिका में से एक कंडे को उठाकर अपने घर ले आएं. फिर होलिका की अग्नि से एक दीपक जला लें और उसे अपने घर लेकर आएं. लगातार 16 दिन तक इस दीपक की अखंड ज्योति घर की दक्षिण पूर्व दिशा में जलाएं. ऐसा करने से आपको काफी फायदा मिलता है. जैसे-
- इससे घर की महिलाओं का स्त्री दोष दूर होता है.
- बच्चों का पढ़ाई-लिखाई में बेहतर प्रदर्शन नजर आने लगता है.
- घर में खान-पान के कारण होने वाली बीमारियां दूर हो जाती हैं.
- पारिवारिक कलह चल रही हैं तो इससे वह दूर हो जाती है.
- दांपत्य जीवन में चल रही दिक्कतें भी इससे दूर होती हैं.
होलिका दहन पूजा का शुभ मुहूर्त (Holika Dahan 2022 Puja Ka Shubh Muhurat)
होलिका दहन बृहस्पतिवार, मार्च 17, 2022 को
होलिका दहन मुहूर्त - रात 9 बजकर 6 मिनट से लेकर 10 बजकर 16 मिनट तक
अवधि - 01 घण्टा 10 मिनट्स
रंगवाली होली शुक्रवार, मार्च 18, 2022 को
भद्रा पूंछ - रात 9 बजकर 6 मिनट से लेकर 10 बजकर 16 मिनट तक
भद्रा मुख - रात 10 बजकर 16 मिनट से लेकर 18 मार्च 2022 की दोपहर 12 बजकर 13 मिनट तक