छत्तीसगढ़

Khusur Fusur: हमारा नाम तो सुना होगा, हम सोते-सोते जागते हैं और जागते-जागते सोते हैं

Nilmani Pal
31 May 2024 5:16 AM GMT
Khusur Fusur: हमारा नाम तो सुना होगा, हम सोते-सोते जागते हैं और जागते-जागते सोते हैं
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ज़ाकिर घुरसेना/ कैलाश यादव

chhattisgarh News छत्तीसगढ़ में देखा जा रहा है कि यदि दूसरे शहरों में हादसा होता है तब यहां के अधिकारी नींद से जागते हैं। पूना और घाटकोपर में होर्डिंग गिरने के बाद आनन-फानन में नगर निगम आयुक्त ने अवैध होर्डिंग वालों को तत्काल हटाने निर्देश जारी किये, गुजरात में गेमजोन में आग लगने से कई दर्जन मौत हो जाने के बाद रायपुर में सभी गेम जोन में छापे पड़े । कमी को दूर करने आदेश दिए गए। निगम के अधिकारी ये देखने पहुंचे थे कि आगजनी की घटना न हो अरे भई इतना टेम्प्रेचर में आगजनी की घटना हो ही गई, तो क्या उपाय करें । ये सब पहले से ही तय करना चाहिए न कि हादसा होने के बाद आदेश जारी हो रहा है। जनता में खुसुर फुसुर है कि देखा गया है अधिकारियों की आंखे तब ही खुलती जब हादसे हो जाते है। जागते रहो के तर्ज पर काम करना चाहिए। मगर हमारा नाम ही निगम है, हम सोते-सोते जागते हैं और जागते-जागते सोते हैं।

अफसरों का कहना- दिल्ली और बेमेतरा में अंतर

Khusur Fusur दिल्ली के एक निजी अस्पताल में हुए अग्निकांड के बाद अस्पताल संचालक को 12 घंटे की अंदर ही गिरफ्तार कर लिया गया है। jantaserishta.com इधर बेमेतरा में हुए हादसे पर अफसरों का कहना है कि दिल्ली और बेमेतरा में अंतर है। बहरहाल रेस्क्यू के बाद मलबे में मिले शवों के चिथड़ों को डीएनए जांच के लिए रायपुर के मेडिकल कालेज भेजा गया है, जहां से इन्हें जांच के लिए हैदराबाद भेजा जाएगा। ये पुलिस वाले भी अपने कार्रवाई में अंतर निकाल लेते है। देश भर की पुलिस का काम है अपराध रोकने और अपराधियों को सजा दिलाना । इसमें अंतर और ऐसे-वैसे के चलताऊ बातों पर बहस करते रहेंगे तो अपराधी तो पुलिस के सामने से निकल जाएंगे और पुलिस अंतर ही बताती रह जाएगी। इसी बात पर पूर्व सीएम अजीत जोगी की बात याद आई उन्होंने कहा था कि ब्यूरोक्रेट घोड़ा है और नेता घुड़सवार। यदि घुड़सवार नादानी किया तो घोड़ा उनको सीधे जमीन पर ला देगा। जनता में खुसुर-फुसुर है कि जोगी जी बात अभी सच तो नहीं हो रही है?

घोड़ा ताकतवर दिख रहा है और घुड़सवार असहाय

रेत के खेल में आमजनता हलाकान है। राजधानी में देखने में आ रहा है कि शहर के बाहर एरिया में सडक़ों के आजू-बाजू रेत के पहाड़ बने हुए है। मजे कि बात है कि वहां कोई निर्माण कार्य भी नहीं हो रहा है। लोग बताते हो कि रेत का पहाड़ जादू से कुछ ही दिन में गायब भी हो जाएगा उन लोगों को पता ही नहीं है कि रेत का पहाड़ बनाता कौन है और बिगाड़ता कौन है। वैसे भी शहर में चर्चा है कि बरसात के मौसम को देखते हुए बड़े लोग को शौक होता है पहाड़ बनाने के इसलिए रेत का भंडारण करते है। बारिश में रेत खदान बंद हो जाता है इसलिए अभी से रेत इकट्ठा कर रहे है। ये सब आम जनता देख रही है। लेकिन अधिकारियों को दिखाई नहीं दे रहे है या जानबूझकर नहीं देख रहे है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि इस बात में भी स्वर्गीय अजीत जोगी की बात याद आ रही है। घोड़ा ताकतवर दिख रहा है और घुड़सवार असहाय।

मिला मौका, मारो चौका

पिछले दिनों पुणे में एक रईस कारोबारी के साहबजादे ने मंहगी पोर्श गाड़ी में दो इंजीनियर को कुचलकर मार दिया था, रईस महोदय ने तो कई विभागों को खरीद लिया था और अपने हिसाब से मामला सेट भी कर लिया था, अंत में सरकारी अस्पताल में खून जाँच करने भेजा कि आरोपी वाहन चलाते वक्त दारू तो नहीं पिए हुआ था। डाक्टरों को भी मौका मिला जहां बहती गंगा में हाथ धो रहे हैं तो हम भला पीछे कैसे। उन लोगों ने भी ब्लड सेम्पल बदलने तीन लाख ले लिए बाद में मामला खुला और कारोबारी के साथ वे भी जेल अंदर। जनता में खुसुर फुसुर है कि जब बवंडर आता है तो कई बड़े बड़े पेड़ भी जद में आते हैं अंत में वही हुआ। नाबालिग ने रौंदा उसके बाप को गिरफ्तार किया और ड्राइवर कोर्ट में खड़ा हो गया कि मैं गाड़ी चला रहा था। ऐसौ ही एक मामला मेग्नेटोमाल के पास हुआ। वहां सो रहे यात्री प्रतिक्षालय में एक मजदूर के ऊपर बोलेरो कार चढ़ा दिया। मजो की बात ये है कि गाड़ी को पुलिस को पकड़ ली ड्राइवर फररा हैं। पुलिस के अनुसार मरने वाले की मौत सामान्य एक्सीडेंट में होना बताया गया जबकि प्रत्यक्ष दर्शियों, घटना स्थल के हालात और मजदूर को आई चोट को देखकर लग रहा है कि ड्राइवर ने सीधा-सीधा गाड़ी प्रतिक्षालय में सो रहे मजदूर पर चढ़ा दिया और वहीं उसकी मौत हो गई। लगता है यह गाड़ी वाला भी कोई रईस कारोबारी होगा तभी तो पुलिस ड्राइवर को पता लगाने में गंभीरता नहीं दिका रही है। तथा स्वर्गीव अजीत जोगी के बात को सच करते दिखाई दे रहे हैं।

लारेंस हो या फारेंस ऐसे लोगों को ठोका जाएगा

बड़े कारोबारियों की हत्या करने की योजना बनाकर रायपुर पहुंचे अंतरराष्ट्रीय शूटर लारेंस बिश्नोई गैंग के शूटरों के पकड़े जाने पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा है कि लारेंस बिश्नोई हो या फारेंस बिश्नोई छत्तीसगढ़ में ऐसे लोग बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। ऐसे लोगों को ठोका जाएगा। आइजी अमरेश मिश्रा ने बताया कि अमन साहू गैंग की ओर से रायपुर के कारोबारी को रंगदारी नहीं देने पर हत्या करने की धमकी दी थी। कारोबारी ने इसकी शिकायत पुलिस में की थी। इसके बाद 72 घंटे चले आपरेशन में पुलिस ने शूटरों को पकड़ा। जनता में खुसुर-फुसुर है कि डिप्टी सीएम का जवाबी फायर लोगों को बहुत पसंद आया है। जनता चाहती है कि सरकार रायपुर में छुट्टा घूम रहे लारेंसों को फारेंसों बनाओ तो गुंडे बदमाशों अपराध से तौबा कर लेंगे। इसीलिए कहते हैं छत्तीसगढिय़ा सबले बढिय़ा।

भूपेश ने दमदारी सेे दागे सवाल

भूपेश की दमदारी के तो कांग्रेस ही नहीं भाजपाई भी कायल हैं। भूपेश में पूरे दमदारी से बेमेतरा ब्लास्ट कांड में सवाल पूछकर सरकार के पेट में मरोड़ पैदा कर दी है। पूर्व मंत्री भूपेश बघेल ने सरकार ने पांच सवाल पूछते हुए हादसे के आरोपितों को बचाने का आरोप लगाया है। स्पेशल ब्लास्ट फैक्ट्री में हुए हादसे में लापता लोगों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। हादसे के बाद से अब तक हाजिरी का रजिस्टर ही प्रशासन के हाथ नहीं लगा है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि सरकार को बारूद फैक्ट्री पर बिना लाग लपेट के तत्काल एफआईआर कर कार्रवाई करना था, ऐसे में तो विपक्ष को मौका मिलेगा तो, सवाल खड़े करेंगे ही, फिर वो तो सीएम रहे हंै, सब जानते हैं कि किसकी गारंटी और किसका न्याय काम करता है, बाकी आप समझदार हैं।बखान करने की जरूरत नहीं हैं।

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