छत्तीसगढ़

Khusur-Fusur: शालीनता बिना मूल्य मिलती है, पर उससे सब कुछ खरीदा जा सकता है

Nilmani Pal
26 July 2024 5:32 AM GMT
Khusur-Fusur: शालीनता बिना मूल्य मिलती है, पर उससे सब कुछ खरीदा जा सकता है
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मो.ज़ाकिर घुरसेना/कैलाश यादव

raipur news दक्षिण के दावेदार सामने आए पिछले दिनों कांग्रेसियों ने विधानसभा घेराव का ऐलान किया जिसमें राजधानी के बाहर के एक्का-दुक्का नेता आए थे। बारी अधिकतर रायपुर दक्षिण में होने वाले उपचुनाव के दावेदार दिखे जो जोश और खरोश दिखा कर अपनी टिकट पक्का करने के जुगत में थेे। महापौर एजाज ढेबर टिकट के आस में इतना उछल-कूद किए कि उनकी तबीयत बिगड़ गई । कुल 5 हजार कांग्रेसी और एक हजार पुलिस थी, उसके बावजूद भी एक भी बेरिकेट्स को तोड़ नहीं पाए। ऐसे में दक्षिण किला कैसे भेद पाएंगे। वहीं दूसरी ओर रायपुर दक्षिण से टिकट के प्रबल दावेदार पूर्व महापौर और सभापति प्रमोद दुबे भी लाव लस्कर के साथ विधानसभा घेराव स्थल पर थे। जो बड़ी शालीनता के साथ विरोध प्रकट कर रहे थे। नेताओं और जनता को उनका यह स्टाइल बहुत पसंद आया खैर विरोध प्रकट करने का अपना -अपना तरीका होता है । जनता नें खुसुर-फुसुर है कि प्रमोद दुबे की शालीनता और राजनीतिक सूझबूझ को देखकर को देखकर रायपुर दक्षिण से कांग्रेस प्रत्याशी भी घोषित कर सकती है। घेराव में एजाज ढेबर और प्रमोद दुबे के राजनीति को देखकर लोगों को एक बात याद आई -शालीनता बिना मूल्य मिलती है, पर उससे सब कुछ खरीदा जा सकता है।

बेगानी शादी में कांग्रेसी दीवाना

chhattisgarh news रायपुर के शारदा चौक से तात्यापारा चौक के बीच बहुप्रतीक्षित सडक़ चौड़ीकरण के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति बनाकर मुआवजा और चौड़ीकरण के लिए जमीन की जरूरत का परीक्षण कराकर काम आगे बढ़ाया जाएगा। बैठक में चर्चा के दौरान स्काई-वॉक के निर्माण के बारे में जानकारी दी गई। तत्कालीन मुख्यमंत्री के निर्देश पर शास्त्री चौक पर पैदल चलने वाले यात्रियों की गणना की गई थी। उस समय अक्टूबर-2016 में पाया गया कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर चिकित्सालय चौक पर 14 हजार और शास्त्री चौक पर 27 हजार पैदल चलने वाले यात्री निकलते हैं। यही हाल कमोबेस शास्त्री चौक से मेकाहारा जाने वाले रास्ते का भी है। पिछले दिनों महापौर और पार्षदों ने जनता को समस्याओं से निजात दिलाने खुद रोड में उतर गए थे जिसमें कोई बड़ा नेता शामिल नहीं था, क्योंकि उनको मालूम है कि स्काईवॉक और शारदा चौक चौड़ीकरण का कार्य हमने रोके थे, हम कैसे बनाएंगे। उसके जवाब में भाजपाइयों ने नारा दिया कि हमने बनाया हम ही संवारेंगे। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ को अटल बिहारी बाजपेयी ने बनाया और भाजपाई संवार रहे है। और शारदा चौक से आमापारा तक आधा रोड भाजपा के महापौर सुनील सोनी के कार्यकाल में बना था, जिसे अब प्रदेश में भाजपा की सरकार पूरा कर रही है इसे कहते है बेगानी शादी में कांग्रेसी दीवाना।

ग्रीन स्टील समिट में निवेशक की बाढ़

छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव सरकार राज्य से बाहर के उद्योगों को छत्तीसगढ़ में निवेश के लिए पर्याप्त अवसर दो रही है। ग्रीन स्टील समिट में सीएम ने बताया कि देश में स्टाल के कुल उत्पादन में छत्तसीगढ़ का 20 प्रतिशत योगदान है। सरकार की नीति है कि अधिक से अधिक निवेशकों को छत्तीसगढ़ लाया जाए ताकि राष्ट्रीय उत्पादन के साथ राष्ट्रीय आय में वृद्धि कर सके। जनता में खुसुर-फुसुर है यही विष्णु का सुशासन है। ग्रीन समिट में जो भीड़ दिखा उससे तो यही कहा जा सकता है कि प्रदेश में भारी भरकम निवेश होना तय है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि निवेशकों की भीड़ तो कांग्रेस सरकार में भी लेकिन एक भी बड़ा उद्योग नहीं खुला जिसमें 2-4 हजार लोग नौकरी कर सके। अब विष्णुदेव सरकार में समिट हुआ है जिसे वही अफसर लोग कराए है जो भूपेश काल में समिट कराने का ठेका लेते थे। निवेशकों की बाढ़ नहीं आनी चाहिए निवेश की बाढ़़ आए ताकि प्रदेश का आर्थिक सेहत सुधरा रहे।

नगर निगम को पैसा बहाने के शौक

नगर निगम जो करे सो कम है। वैसे भी नगर निगम पानी बहाने में उस्ताद है। जनता को भले स्वच्छ पानी नहीं मिले पर बहाते जरूर है। शास्त्री मार्केट में पालीथिन का उपयोग रोकने के लिए अब नगर निगम ने नया झोला एटीएम लगाया है जो नाम के अनुरूप झोला छाप एटीएम साबित हुआ, जो दूसरे दिन ही बंद हो गया। इसी तरीके से पिंक टायलेट बनाए वो भी बंद हो गया । जगह-जगह वाटर एटीएम लगाया गया वो भी बंद हो गया और तो और हद तब हो गई जब निगम ने खुद वेंडर्स से दो-दो लाख लेकर स्मार्ट ठेले दिए अब उन्हें चौपाटी भेजने के बजाय हटाने का नोटिस दे दिया और कई जगह हटा दिया । तेलीबांधा मरीन ड्राइव में तो हटा भी दिया है। मजे की बात ये है कि इन्हें कहां विस्थापित किया जाएगा निगम के अधिकारियों को नहीं है? जनता में खुसुर-फुसुर है कि ये तो ऐसा हो गया माले मुफ्त दिले बेहरम।

भ्रष्टाचार निवारण मंत्री बनाएं

विधानसभा के मानसून सत्र सदन में कई तरह के सवाल सामने आए है। सत्ता पक्ष जहां पूर्ववर्ती सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है वहीं वर्तमान साय सरकार भ्रष्टाचार के लिए जांच पर जांच समिति बनाते जा रही है। विधानसभा में विपक्ष ने सड़ा चना सहित कानून व्यवस्था को लेकर सरकार को घेरा तो सत्ता पक्ष ने कांग्रेस के घोटालों को लेकर पिटारा खोल दिया है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि ये तो सत्ता पक्ष और विपक्ष का नूरी कुश्ती है जो दिखाने के लिए गरजते है और शाम होते ही एक छतरी के नीचे हो जाते है। यदि सरकार घोटालों की जांच मं ंलग जाए जनहितृैषी काम करने के लिए समय ही नहीं बचेगा। इसलिए सरकार को चाहिए कि एक अलग से भ्रष्टाचार निवारण मंत्रालय बनाकर और किसी खाटी भाजपाई को उसका मंत्री बना देना चाहिए जो सिर्फ कांगे्रस सरकार के घोटालों की जांच करें। क्योंकि 5 साल में कांग्रेसियों ने इतने घोटाले कर दिए है कि स्थिति ऐसी हो गई है रोड में गड्ढा या गड्ढे में रोड?

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