एससी वोटरों को साधने की रणनीति
जसेरि रिपोर्टरे
रायपुर। कांग्रेस के विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत जांजगीर-चांपा से हो सकती है। 11 अगस्त को मिनीमाता की पुण्यतिथि के अवसर पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे छत्तीसगढ़ आ सकते हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा के साथ बैठक में कहा था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे और राहुल गांधी की सभा कराई जाए। इसके बाद यह संकेत मिल रहा है कि खरगे जांजगीर आ सकते हैं। विधानसभा चुनाव की दृष्टि से अविभाजित जांजगीर जिले की छह में सिर्फ दो सीट पर कांग्रेस विधायक हैं। बाकी दो सीट पर भाजपा और दो सीट पर बसपा विधायक हैं। ऐसे में कांग्रेस खरगे से चुनाव प्रचार अभियान की जांजगीर से शुरुआत करके अनुसूचित जाति बहुल विधानसभा क्षेत्र के वोटरों को साधने की फिराक में है।
प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए दस विधानसभा सीट आरक्षित है। वर्तमान में सात पर कांग्रेस, दो पर भाजपा और एक सीट पर बसपा के विधायक हैं। कांग्रेस ने एससी वोटरों को साधने के लिए हर ब्लाक में जैतखाम बनाने की घोषणा की है। इसके साथ ही एससी वर्ग के लिए कई योजनाएं भी शुरू की है। उधर, एससी वोटरों को साधने के लिए भाजपा भी अनुसूचित जाति मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक छत्तीसगढ़ में करने जा रही है। इसमें मोर्चा के शीर्ष 80 नेता शामिल होंगे।
खरगे-सैलजा से मिले बैज-मरकाम
नई दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा से प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं मंत्री मोहन मरकाम ने मुलाकात की। इस दौरान राष्ट्रीय सचिव सप्तगिरीशंकर उल्का, चंदन यादव और विजय जांगिड़ भी मौजूद थे। बताया जा रहा है कि सैलजा ने चुनावी तैयारी को लेकर मंथन किया। इसके साथ ही वरिष्ठ नेताओं के दौरे और चुनावी समितियों के नामों पर भी विचार किया।
पहली महिला सांसद हैं मिनीमाता
मिनीमाता प्रदेश की पहली महिला सांसद हैं। वह वर्ष 1951 से 1971 तक लोकसभा सदस्य रहीं। अविभाजित मध्यप्रदेश में बिलासपुर-दुर्ग-रायपुर आरक्षित सीट से लोकसभा की प्रथम महिला सांसद चुनी गईं। इसके बाद परिसीमन में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित जांजगीर लोकसभा क्षेत्र से चार बार चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंची। मिनीमाता भूपेश सरकार में मंत्री रुद्र गुरु की दादी थीं।
किसान आंदोलन में पीडि़त किसानों को मिलेगा 5-5 लाख का मुआवजा, छत्तीसगढ़ सरकार ने किया ऐलान
धमतरी. साल 2009 में हुए किसान आंदोलन के 14 साल बाद भूपेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. इस हिंसक आंदोलन में पीडि़त 34 किसानों को 5-5 लाख का मुआवजा देने का ऐलान किया गया है. इन 34 किसानों में से 9 किसान अब इस दुनिया में नहीं हैं. उन किसानों के परिवार को मुआवजे की रकम दी जाएगी. सरकार के इस फैसले का किसानों ने स्वागत किया है. लेकिन साथ ही ये मांग भी रखी है कि उस समय जिन पुलिस वालों ने किसानों पर बर्बरता की थी उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए. इधर कांग्रेस पार्टी ने सरकार के इस फैसले को सरकार की किसानों के प्रति संवेदनशीलता बताया है.बता दें कि धान पर बोनस सहित कई मांगो को लेकर नवंबर 2009 में किसानों ने धमतरी के सिहावा चौक पर चक्काजाम किया था. लेकिन देखते ही देखते ये आंदोलन हिंसक हो गया. इसमें पुलिस और किसानों के बीच बवाल हुआ था. दोनों ओर लोग जख्मी हुए थे. आंदोलन में कई सरकारी और निजी वाहन जला दिए गए थे. आंदोलनकारियों के पथराव और हमले में पुलिस के कई अधिकारी और सिपाही घायल हुए थे. इसे रोकने के लिए आसपास के जिलों से भारी पुलिस बल बुलाना पड़ा. इतना ही नहीं रायपुर एसपी को धमतरी आकर कमान संभालनी पड़ी थी. पर्याप्त बल मिलने के बाद पुलिस ने उपद्रवियों पर सख्ती से बल प्रयोग किया था. तब जाकर दंगा रुक सका था. पुलिस ने दंगा फसाद, बलवा, मारपीट और लूट के मामले दर्ज किए थे. जिसमें बड़ी संख्या में किसानों को जेल जाना पड़ा और मुकदमे का सामना करना पड़ा था।