कोण्डागांव। शुक्रवार को केशकाल में स्थित टाटामारी पर्यटन क्षेत्र में केशकाल एडवेंचर फेस्टिवल का शुभारंभ नगर पंचायत अध्यक्ष रौशन जमील खान द्वारा किया गया। इस एडवेंचर फेस्टिवल में कर्नाटक, पश्चिम बंगाल सहित राज्य के कोने-कोने से आये ट्रेवल ब्लॉगर एवं पर्यटकों का आदिवासी परम्परा के अनुसार स्वागत किया गया। जहां पर्यटकों द्वारा टाटामारी की सुंदरता एवं यहां के विहंगम दृश्यों की सराहना की गई। इसके पश्चात् पर्यटकों को मांझिनगढ़ स्थित विभिन्न व्यू पाइंट, झरने, गुफा, विलक्षण वनस्पतियां एवं प्रागैतिहासिक शैल चित्र दिखाये गये। प्रागैतिहासिक शैल चित्रों एवं आदिम जनजातिय संस्कृति की झलक को देखकर सैलानी अभिभूत हो गये। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ प्रेमप्रकाश शर्मा, एसडीएम केशकाल डीडी मण्डावी, डिप्टी कलेक्टर भूपेन्द्र गावरे सहित अन्य अधिकारी एवं जिले के नागरिक उपस्थित रहे।
इस संबंध में बैंगलुरू से ट्रेवल माई नेशन से अर्चना एवं विधूर तथा ऑफ बीयर एंड अनटोल्ड के अमृता एवं अग्नि ने बताया कि उन्होंने अब तक कई स्थानों पर भ्रमण किया है। परंतु यहां की जनजातिय संस्कृति विलक्षण है तथा मांझिनगढ़ में पहाड़ के ऊपर से एक अलग ही दुनिया होने का अनुभव होता है। यहां से आस-पास के वनों को देखकर क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता का अनुमान लगाया जा सकता है। इसके आगे उन्होंने कहा कि वे रात को टाटामारी में होने वाले बोन फायर एवं रात्रि कैंपिंग के लिये उत्साहित हैं। जिला प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं की उन्होंने प्रशंसा करते हुए कहा कि जनजातिय संस्कृति को सहेजते हुए यहां के स्थानीय युवाओं को पर्यटन समिति के माध्यम से इस कार्यक्रम से जोड़ा जाना सराहनीय है। स्थानीय युवा जो टूर गाइड एवं पर्यटन स्थल संचालन एवं प्रबंधन का कार्य कर रहे हैं उन्हें अच्छी तरह से प्रशिक्षण दिया गया है। उनकी मेहमान नवाजी सभी को पसंद आ रही है।
आगामी दो दिनों में इस फेस्टिवल में बस्तर की पुरानी राजधानी बड़ेडोंगर, प्राचीन भोंगापाल के बौद्ध विहारों, शिल्पग्राम, पारधी जनजातिय ग्राम का भ्रमण, जलप्रपात दर्शन तथा स्थानीय व्यंजनों के साथ एडवेंचर स्पोर्ट के रूप में रॉक क्लाइंबिंग, पैरामोटर, रैपेलिंग, जीपलाईन, कैंपिंग एवं ट्रैकिंग की व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक शाम विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन किया जायेगा। इस फेस्टिवल के द्वारा जिला प्रशासन जिले में उपलब्ध पर्यटन की क्षमताओं का विकास कर पर्यटन मानचित्र में इसे पहचान दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।