छत्तीसगढ़

कवासी लखमा को मिलता था कमीशन, ED के वकील का बड़ा खुलासा, गिरफ्तारी के बाद राजनीति सरगर्मियां तेज

jantaserishta.com
16 Jan 2025 4:30 AM GMT
कवासी लखमा को मिलता था कमीशन, ED के वकील का बड़ा खुलासा, गिरफ्तारी के बाद राजनीति सरगर्मियां तेज
x
देखें वीडियो.
रायपुर: शराब घोटाला केस में छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा ED की रिमांड में हैं। बुधवार को वे रायपुर के ED दफ्तर पूछताछ के लिए पहुंचे थे। यहीं से उनकी गिरफ्तारी हुई। रिमांड मिलने के बाद अब ED के वकील ने दावा किया है कि, कवासी लखमा को हर महीने 2 करोड़ रुपए मिलते थे।
इससे पहले अब तक हर महीने लखमा को 50 लाख मिलने की बात सामने आई थी। वकील सौरभ पांडेय ने कहा कि, 2 साल तक कार्रवाई चली जिसमें 36 महीने में प्रोसीड ऑफ क्राइम 72 करोड़ रुपए का है। ये राशि सुकमा में बेटे हरीश कवासी के घर के निर्माण और कांग्रेस भवन सुकमा के निर्माण में लगी है।
ED के वकील सौरभ पांडेय के मुताबिक, गिरफ्तार अरुणपति त्रिपाठी और अरविंद सिंह ने पूछताछ में बताया था कि पूर्व मंत्री के पास हर महीने कमीशन पहुंचता था। अरविंद सिंह ने बताया था कि शराब कर्टल से हर महीने लखमा को 50 लाख रुपए दिए जाते थे।
वहीं AP त्रिपाठी ने कहा था कि 50 लाख रुपए के ऊपर भी 1.5 करोड़ रुपए और दिया जाता था। इस हिसाब से 2 करोड़ रुपए पूर्व आबकारी मंत्री को हर महीने कमीशन के मिलते थे।
ED के वकील सौरभ पांडे ने दावा किया कि, लखमा को 2 करोड़ रुपए हर महीने कमीशन के मिलते थे। ये बात पूछताछ में पता चली है।
आबकारी विभाग में काम करने वाले ऑफिसर इकबाल खान, जयंत देवांगन ने बताया कि वे पैसों का अरेंजमेंट कर उनको भेजते थे। कन्हैया लाल कुर्रे के जरिए पैसों के बैग कलेक्ट किए जाते थे। कवासी ने खुद अपने बयान में यह एडमिट किया है कि अरुण पति त्रिपाठी साइन करवाता था। ऐसे में उन्हें नॉलेज तो था कि कुछ चल रहा है। इनका भी इन्वॉलमेंट साफ दिखाई दे रहा है।
इधर, लखमा के वकील फैजल रिजवी ने कहा कि ये गिरफ्तारी सबूत बनाने के बाद की गई है। अगर 2 करोड़ रुपए मिलने की बात वे कह रहे हैं तो बताएं कि लखमा के घर से क्या मिला। छापे में कहीं से 20 हजार रुपए भी नहीं मिले हैं।
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच कर रही ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में दो हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के अवैध सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।
दावा है कि, साल 2019 से 2022 तक शराब दुकानों में अवैध शराब बेची गई है। इस अवैध शराब को डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेचा गया था। इससे शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है।
ED ने कार्रवाई पर क्या खुलासा किया
28 दिसंबर 2024 को ED ने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, उनके बेटे हरीश कवासी के घर छापा मारा था। टीम रायपुर के धरमपुरा स्थित कवासी लखमा के बंगले पहुंची थी। पूर्व मंत्री की कार को घर से बाहर निकालकर तलाशी ली गई। साथ ही, कवासी के करीबी सुशील ओझा के चौबे कॉलोनी स्थित घर और सुकमा जिले में लखमा के बेटे हरीश लखमा और नगर पालिका अध्यक्ष राजू साहू के घर पर भी दबिश दी गई।
Next Story