कवर्धा : महात्मा गांधी नरेगा योजना एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अभिसरण से प्रतिदिन महिलाएं कमा रही 1200 रुपए की आमदनी
कवर्धा। जीवन में आगे बढ़ने की इच्छा यदि हो तो रास्ते अपने आप खुल ही जाते हैं। आर्थिक रूप से तरक्की करना हर व्यक्ति का सपना होता है और अपने प्रतिदिन के आवश्यकता की पूर्ति के लिए घर के पास ही काम करने का अवसर मिले तो यह और बेहतर हो जाता है। अपने परेशानियों को अवसर में बदलने की यह कहानी है ग्राम पंचायत राजानवागांव के महिला स्व. सहायता समहू की जिन्हें विभागीय अभिसरण का लाभ मिलने से जीवन में बदलाव आने लगा है। जिले के विकासखंड बोडला के ग्राम पंचायत राजानवागांव में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के तहत कार्य कर रही भारत माता स्व सहायता समूह की महिलाएं बिहान कैंटीन के नाम से स्वल्पाहार केंद्र चला रही हैं। प्रतिदिन एक हजार रुपये से बारह सौ रुपये तक की आमदनी महिलाओं को हो रही है। भोरमदेव आजीविका केंद्र के पास संचालित बिहान कैंटीन में आसपास के क्षेत्रों के ग्रामीणों एवं राहगीरों को गरमा-गरम चाय, नाश्ता मिल रहा है जिसमें समोसा, बड़ा, भजिया एवं चाय आदि की सुविधा प्राप्त हो रही है।
बिहान कैंटीन की आमदनी से हम महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत होकर अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने में हो रही है सफल : उर्मिला धुर्वे
बिहान कैंटीन को चलाने वाली उर्मिला धुर्वे बताती है कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के द्वारा भारत माता स्व सहायता समूह से जुड कर कार्य कर रही है। हम चार महिलाएं जिसमें सुनीता श्रीवास, इंद्राणी मरकाम एवं अन्य मिलकर बिहान कैंटीन का संचालन कर रही है। कैंटीन को चलाने के लिए अपने ग्राम संगठन से 30 हजार रुपये का लोन लिया है, जिससे कैंटीन में लगने वाले जरूरी बर्तनों एवं खाद्य सामग्री की व्यवस्था की गई। उर्मिला आगे बताती है कि मैं अपने समूह में सचिव के रूप में कार्य करती हूं और हमारा कैंटीन राजानवागांव में सड़क पर धान खरीदी केंद्र के पास है। प्रतिदिन सुबह से लेकर शाम तक नाश्ता खाने वालों की भीड़ लगी रहती है जिसके कारण हमें भी अच्छी आमदनी हो रही है। हम प्रतिदिन एक हजार रुपए से लेकर 12 सौ रुपए तक कमाई आ रही हैं। इस तरह हम चारों महिलाओं को प्रतिदिन लगभग 3 सौ रुपये की आमदनी हो जाती है जो हमारे परिवारिक जरूरतों के काम आता है। बिहान के सहायता से हम महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो रही है।
विभागीय अभिसरण ने आजीविका के खोले नए द्वार : सीईओ जिला पंचायत
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विजय दयाराम के. ने बताया कि भोरमदेव आजीविका केंद्र से लगकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के द्वारा महिला स्व सहायता समूह के लिए शेड निर्माण कार्य कराया गया। इस कार्य की स्वीकृति वित्तीय वर्ष 2020-21 के अगस्त माह में की गई। 7 लाख 30 हजार रुपये की लागत से हुए इस कार्य में 335 मानव दिवस रोजगार का सृजन हुआ जिसमें ग्रामीणों को रोजगार मिला। इस कार्य से महिलाओं के लिए बिहान कैंटीन के रूप में रोजगार के साथ आजीविका का नया अवसर खुला है। उन्होंने बताया कि इस कैंटीन के बन जाने से चार महिलाएं प्रतिदिन लगभग तीन-तीन सौ रुपये की आमदनी अर्जित कर रही है जो उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाते हुए आजीविका का पर्याय बन गया है। विभागीय अभिसरण से हो रहे इस कार्य के द्वारा शासन की मंशा अनुरूप ग्रामीण महिलाएं लाभान्वित हो रही है और साथ ही वो अपने परिवार की तरक्की में भागीदारी निभा रही हैं। ग्रामीण विकास विभाग की योजनाएं को सफल सिद्ध करता बिहान कैंटीन मॉडल के रूप में पहचान बनाने लगा है।
धान खरीदी केंद्र में आए किसानों को बिहान कैंटीन से मिलता है गर्म नाश्ते की सुविधा
ग्राम राजानवागांव में किसानों से धान खरीदी का कार्य चल रहा है। इस कारण सुबह से ही देर शाम तक किसानों की भीड़ खरीदी केंद्र में रहती है। ऐसे वक्त में क्षेत्र के किसानों को बिहान कैंटीन से बहुत फायदा मिल रहा है, क्योंकि मात्र 10 रुपये प्रति प्लेट की दर से ग्रामीणों को दिन भर गर्म नाश्ता प्राप्त होता है। बिहान कटिंग के कारण किसानों को धान खरीदी केंद्र से कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि बिहान कैंटीन धान खरीदी केंद्र के पास ही है और सस्ते दर पर नाश्ता मिलने से ग्रामीणों का फायदा हो जाता है।