दंतेवाड़ा। जिला प्रशासन द्वारा शिक्षा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था में लगातार विस्तार किया जा रहा है। जिले के नक्सल प्रभावित गांवों तक विकास पहुंचाने, मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने पर जिला प्रशासन विशेष प्रयास कर रहा है।किसी भी क्षेत्र के समग्र विकास के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य विशेष महत्व रखती है। यही देखते हुए जिला प्रशासन कटेकल्याण क्षेत्र पर विशेष फोकस कर रहा है।मुख्यमंत्री की मंशानुरूप जिले के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करते हुए कटेकल्याण के अंतर्गत जनप्रतिनिधियों एवं नागरिकों की मांग अनुरूप स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।कटेकल्याण में नवीन 30 बिस्तर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण शीघ्र ही प्रारंभ कर दिया जाएगा जिसके लिए भूमि का चिन्हांकन कर लिया गया है नए भवन के निर्माण से कटेकल्याण अब बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से मजबूत होगी।इसके साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विशेषज्ञ चिकित्सकों की व्यवस्था करते हुए सप्ताह में एक दिवस शिशु रोग विशेषज्ञ एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ की व्यवस्था की गई है भेंट मुलाकात दौरान मांग अनुसार कलेक्टर के निर्देश पर कटेकल्याण में महिला चिकित्सक की पदस्थापना भी कर दी गई है निश्चित तौर पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में जिले के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधाओं का बदलाव देखा जा रहा है
जिला प्रशासन द्वारा प्राथमिकता से आधारभूत संरचना को मजबूत करते हुए जिले में कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे और इसके लिए लिए ब्लॉक स्तर पर विभिन्न सुविधाओं को सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है।कटेकल्याण में कॉलेज भवन के निर्माण से अंदरूनी क्षेत्रों के गांव के बच्चों के लिए वरदान साबित होगा। इससे उच्च शिक्षा की सुविधाओं से वंचित क्षेत्र की छात्र-छात्राओं को राहत मिलेगी वही उच्च शिक्षा के स्तर में गुणात्मक वृद्धि भी होगी। जिससे क्षेत्र के बालक-बालिकाओं का सर्वांगीण विकास होगा। आपको बता दे कि वर्तमान में कटेकल्याण में प्राथमिक शाला में कॉलेज संचालित है।जहां बच्चों की सुविधा हेतु 6 अतिरिक्त कक्ष दिया जा रहा है।
जिला प्रशासन द्वारा बच्चों को कॉलेज भवन के साथ अब बालक एवं बालिका आश्रम छात्रवास की भी सुविधा प्रदान की जाएगी।जिससे अध्ययनरत बच्चे व भावी पीढ़ी इसका लाभ ले सकेंगे।अंदरूनी क्षेत्रों में अभिभावकों में शिक्षा के प्रति जागरूकता की कमी, छात्र,छात्राओं के स्तर के अनुरूप सीखने के अवसरों का अभाव, विद्यालय में आधारभूत संरचना का अभाव, यातायात की सुविधा का अभाव और कालेज से दूरी , आर्थिक रूप से सक्षम न होना,बच्चों का आर्थिक गतिविधियों में लगने,प्रवासी मजदूरों के साथ बच्चों का पलायन भी बच्चों के शिक्षा से कटने का एक प्रमुख कारण बनता है।लेकिन बच्चों को किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो, इसके लिए आश्रम छात्रावास सुविधा की व्यवस्था की जा रही है।प्रशासन भी अब संवेदनशील क्षेत्रों और अंदरूनी इलाकों तक पहुंच रहा है। प्रशासन हर कदम में ग्रामीणों के साथ है। स्थानीय युवाओं को रोजगार से जोड़ने बुनियादी सुविधा पहुंचाने शासन-प्रशासन निरंतर कार्य भी कर रहा है। कटेकल्याण के साथ अब किरन्दुल स्थित अरविंद कॉलेज में अध्ययनरत बच्चों को बालक और बालिका छात्रवास की सुविधा दी जाएगी जिसमें पढ़ाई छोड़ चुके विद्यार्थी , बेरोजगार घूम रहे बच्चों को अपनी शिक्षा पूरी करने ,कौशल सीखने का अवसर मिल सकेगा।स्कूल ड्रॉप आउट छात्रों को कौशल निखारकर रोजगार पाने का मौका मिलेगा। शासन-प्रशासन द्वारा स्कूली शिक्षा से वंचित या ड्रापआउट बच्चों का कौशल तराशने के साथ पढाई से दूर युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। है। आश्रम छात्रवास के निर्माण से बच्चों में शिक्षा के प्रति निरंतरता बनी रहेगी।नियमित कक्षाओं का संचालन से वे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ले पाएंगे।साथ ही शिक्षा पूरी करने के बाद वह अपने हुनर व कौशल की बदौलत रोजगार से जुड़कर जीवन यापन कर सकेंगे।