ज़ाकिर घुरसेना/ कैलाश यादव
गत दिनों सीएम भूपेश बघेल एक दिवसीय निजी दौरे पर मध्य प्रदेश के सतना पहुंचे। एयरस्ट्रिप पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा कि कर्नाटक की तरह इस बार एमपी में भी कांग्रेस की सरकार बनेगी। सीएम भूपेश ने कहा कि कर्नाटक में पिछली बार भी भारतीय जनता पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। बीजेपी ने तोडफ़ोड़ कर सरकार बनाई थी। लेकिन इस बार जनता ने पूरी तरह से नकार दिया। मध्यप्रदेश में भी शिवराज सिंह चौहान को पिछली बार ही जनता ने नकार दिया था। लेकिन तोडफ़ोड़ कर फिर थोप दिया। इस बार उनको तोडफ़ोड़ करने का मौका नहीं मिलेगा। भारी बहुमत से कांग्रेस की सरकार बनेगी।जनता में खुसुर-फुसुर है कि कर्नाटक कांग्रेस के लिए नजर बजरबट्टू बन गया है। कांघ्रेस शासित राज्यों पर बुरी नजर लगाने वालों के सामने टीवी से लेकर चौक-चौराहों में कांग्रेस के कार्यकर्ता भाजपाइयों को देखते ही कर्नाटक-कर्नाटक चिल्लाने लगते है।
मरकाम भी चला रहे है चुनाव तक बने रहने का अभियान
भारतीय जनता पार्टी इन दिनों चलबो गौठान खोलबो पोल अभियान चलाया जा रहा है। भाजपा के इस अभियान को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम भी चुनाव तक बने रहने के लिए अभियान चला रहे है।भाजपा का कोई भी बयान हो तुरंत प्रतिक्रिया देकर बाजी मार रहे है। जिसे लेकर पूरे प्रदेश की सियासत गर्म हो गई है। मोहन मरकाम ने अभियान से जुड़े नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव आते ही बरसाती कुकुरमुत्ता की तरह नेता आ जाते हैं। मोहन मरकाम ने कहा कि, चुनाव नजदीक आते ही नेता बाहर निकलकर सरकार को बदनाम करने में जुट जाते है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में पारदर्शिता के साथ काम किया है। उन्होंने आगे कहा कि आप सबको पता है, गर्मी में गायों को छोड़ दिया जाता है और बारिश में बांध दिया जाता है। छत्तीसगढ़ की परंपरा भी रही है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता पिछले साढ़े चार से यही नौटंकी कर रहे हैं उनके इस नौटंकी को जनता समझ चुकी है। इसलिए गाय और गोबर की तलाश में निकले हैं।
और नंदकुमार साय साहब को काम मिल गया
कांग्रेस में प्रवेश के समय भाजपा वाले बोल रहे थे कि पूर्व सांसद नंदकुमार साय को भाजपा जैसे काम और सम्मान नहीं मिल पाएगा। कांग्रेस नेता नंदकुमार साय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चि_ी लिखकर भौजपाइयों को बता दिया कि मेरे पास भी बहुत काम और सम्मान है। मामला था नए संसद भवन का लोकार्पण राष्ट्रपति से कराने की बात का । 28 मई को भारत के नए संसद भवन का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने वाले है। इधर विपक्ष लगातार यह मांग कर रहा है कि, संसद भवन का लोकार्पण राष्ट्रपति के हाथों हो। इसी के समर्थन में नंदकुमार साय ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। जनता में खुसुर फुसर है कि कांग्रेस प्रवेश के दौरान कहा जा रहा था कांग्रेसी चाहते है कि बड़ी जिम्मेदारी दी जाए।इससे और क्या बड़ी जिम्मेदारी हो सकती है। भाजपा में रहते पत्र नहीं लिख पाए लेकिन कांग्रेस में आते ही पत्र यात्रा पर निकल पड़े।
एक और आईएएस ओपी के नक्शे कदम पर: 2008 बैच के आइएएस नीलकंठ टेकाम ने वीआरएस के लिए आवेदन कर दिया है। चर्चा है कि टेकाम भाजपा ज्वाइन कर सकते हैं। कांकेर जिले के अंतागढ़ के सरईपारा के रहने वाले टेकाम की जिले में काफी सक्रियता रही है। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो टेकाम को अंतागढ़ या कोंडागांव से पार्टी उम्मीदवार बना सकती है। वह केंद्रीय नेताओं के संपर्क में हैं। ओपी चौधरी के बाद टेकाम दूसरे आइएएस हैं, जिन्होंने भाजपा की सदस्यता के लिए नौकरी से वीआरएस लिया है। टेकाम चुनाव लडऩे के लिए पहले भी इस्तीफा दे दिया था। बाद में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कुछ आदिवासी नेताओं ने हस्तक्षेप कर नामांकन वापस लिया। जनता में खुसुर-फुसुर है कि कांग्रेसियों के टोकाटाकी से परेशान होकर ही टेकाम भाजपा में जाने का मन बना लिया है।
गाइड लाइन भटकाने वाला
हाथी-मानव द्वंद को रोकने के लिए वन अफसरों ने नई गाइडलाइन तैयार की है जिसे लेकर ढेरों आपत्तियां हैं। गाइडलाइन में बताया जा रहा है कि कुछ हाथी दलों में नर हाथी दल का नेतृत्व करते हैं और कुछ हाथी दलों में मादा हाथी दल का नेतृत्व करती है। जबकि विशेषज्ञों का दावा है कि हाथी परिवार में सिर्फ मादा ही दल का नेतृत्व करती है। गाइडलाइन के प्रमुख बिंदुओं पर आपत्ति जताते हुए वन्य प्राणी विशेषज्ञ नितिन सिंघवी ने वन मंत्री मोहम्मद अकबर से शिकायत की है और इस गाइडलाइन के अंतिम प्रकाशन पर रोक लगाने की मांग की है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि छत्तीसगढ़ में हाथी मानव द्वंद्व में विगत तीन साल में 55 हाथियों की मौत हुई और इस दौरान 204 लोगों की मौत हो चुकी है। यदि वन विभाग गाइड तैयार करता रहा तो हाथी जंगल छोड़कर वन विभाग में बैठ जाएंगे।
अपने-अपने उड़ान
खाद्य और संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने पहाड़ चढ़कर अपने विधानसभा क्षेत्र के गांव आमापानी की तस्वीरें शेयर की हैं। वे यहां 3.5 किलोमीटर पैदल पहाड़ चढ़कर सरगुजा जिले के पहुंचविहीन गांव आमापानी(बांसाझाल ग्राम पंचायत) पहुंच कर ग्रामीणों के बीच जन चौपाल लगाई।
यहां उन्होंने बांसाझाल की शिक्षित पहाड़ी कोरवा महिला झूनिका कोरवा को तत्काल आंगड़बाड़ी कार्यकर्ता के रूप में नियुक्त करने का निर्देश दिया।
अमरजीत भगत ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि आमापानी भौगोलिक रूप से एक पहुंचविहीन पहाड़ी गांव है, चुनौतियां चाहे जो भी हो हम गांव के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं। हर चुनौती का सामना कर राह निकाली जाएगी और गांव में सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा। अमरजीत भगत ने पहाड़ चढ़कर जाने की और वहां झोपड़ी में गरीब आदिवासी बुजुर्ग महिला की समस्या सुनते अपनी ब्लैक एंड व्हाइट और कलर फोटो भी सोशल मीडिया में शेयर की है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि सरगुजा की हवा पर किसी की नजर लग गई है। एक तरफ सिंहदेव आस्ट्रेलिया में आसमान का ऊंचाई नाप रहे है और दूसरी ओर भगत जी पहाड़ी पर चढ़ कर उचाई नापने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल कर रहे है।