छत्तीसगढ़

कांकेर : स्वरोजगार स्थापित कर सुमन मंडावी हुई आत्मनिर्भर

Nilmani Pal
7 March 2023 10:18 AM GMT
कांकेर : स्वरोजगार स्थापित कर सुमन मंडावी हुई आत्मनिर्भर
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कांकेर। अनुसूचित जाति, सफाई कामगार, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक वर्गों के आर्थिक विकास के लिए व्यक्तिगत योजनाओं का संचालन स्वरोजगार हेतु वित्तीय ऋण सहायता एवं व्यवसायिक प्रशिक्षण दिलाकर स्वावलंबी बनाने का कार्य राज्य शासन द्वारा किया जा रहा है। इस कार्य को जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति द्वारा क्रियान्वित किया जाता है। बेरोजगार युवकों में व्यवसायिक मानसिकता विकसित करने, जागरूक बनाने के उद्देश्य से व्यवसाय स्थापना के पूर्व कौशल विकास के प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है।

दुर्गूकोंदल विकासखण्ड के ग्राम कपाली बरहेली निवासी सुमन मण्डावी द्वारा इस योजना का लाभ लेकर सरंगपाल रोड पंडरीपानी में कपड़ा दुकान सह बुटिक और फैन्सी स्टोर्स का संचालन किया जा रहा है।

सुमन मण्डावी बताती है कि मैं गरीब परिवार से हूॅ। मेरी पारिवारिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकी। मेरी इच्छा थी कि अंत्यावसायी द्वारा संचालित स्वरोजगार योजनान्तर्गत ऋण लेकर व्यवसाय करना चाहती थी। जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति कांकेर द्वारा राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम के सहयोग से संचालित आदिवासी महिला सशक्तीकरण योजना में प्राप्त लक्ष्य की पूर्ति हेतु स्थानीय समाचार पत्रों में विज्ञप्ति प्रकासित किया गया था। मैं जिसे पढ़कर अंत्यावसायी कार्यालय से सम्पर्क कर आवेदन की, चयन समिति की बैठक में 02 लाख रूपये का इकाई लागत के लिये मेरा चयन एवं ऋण स्वीकृत किया गया। आवश्यक दस्तावेज जमा करने उपरान्त मैं पसंद अनुसार कपड़ा दुकान सह बुटिक, फैन्सी स्टोर्स सामग्री क्रय किया। ऋण के रूप में सिलाई मशीन, कपड़ा एवं फैन्सी स्टोर्स सामाग्री क्रय कर सलवार सूट, पेटी कोट, ब्लाउज इत्यादि तैयार कर रही हूॅ, साथ ही कढ़ाई का कार्य सरंगपाल रोड पंडरीपानी चौंक में किराये से दुकान लेकर संचालित कर रही हूॅं तथा प्रतिमाह 13 से 15 हजार रूपये का कमाई हो रही है। परिवार में मेरे माता जी एवं एक बहन है, उनके पालन पोषण के साथ ही साथ प्रतिमाह 3550 रूपये ऋण राशि नियमित रूप से जमा कर रही हूॅ। व्यवसाय प्रारंभ करने से पारिवारिक स्थिति में सुधार हो गया है, जिसके लिए मैं राज्य शासन एवं अंत्यावसायी विभाग की बहुत-बहुत आभारी हूँ, जिन्होंने मेरा सपना साकार किया।

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