छत्तीसगढ़

मेरी माटी मेरा देश व स्वच्छ्ता ही सेवा कार्यक्रम अंतर्गत सिरपुर में निकाली गई कलश यात्रा

Nilmani Pal
27 Sep 2023 12:04 PM GMT
मेरी माटी मेरा देश व स्वच्छ्ता ही सेवा कार्यक्रम अंतर्गत सिरपुर में निकाली गई कलश यात्रा
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महासमुंद। जिला प्रशासन महासमुंद एवं नेहरू युवा केंद्र महासमुंद के संयुक्त तत्वाधान में छत्तीसगढ़ के विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नगरी सिरपुर में विशाल कलश यात्रा निकाली गई। साथ ही विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर वहां उपस्थित विभिन्न पर्यटकों को मेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम के बारे में जिला युवा अधिकारी अर्पित कुमार तिवारी ने बताया कि मेरी माटी मेरा देश अभियान का उद्देश्य उन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों और वीरों का सम्मान करना है, जिन्होंने देश के लिए अपना जीवन बलिदान किया। जिसके तहत भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने का उत्सव मनाया जा रहा है। अपूर्व चंद्रा के मुताबिक, पिछले साल आयोजित राष्ट्रव्यापी अभियान, हर घर तिरंगा बेहद सफल रहा था और इस साल आजादी का अमृत महोत्सव के तहत एक और महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ’मेरी माटी मेरा देश’ की शुरूआत हो रही है। बता दें कि इस अभियान के दौरान देशभर में ’अमृत कलश यात्रा’ का आयोजन किया जा रहा है। यह ’अमृत कलश यात्रा’ देश के हर कोने-कोने से 7500 कलशों में मिट्टी लेकर देश की राजधानी दिल्ली पहुंचेगी। यह यात्रा अपने साथ देश के विभिन्न हिस्सों से पौधे भी लेकर दिल्ली आएगी। इन 7500 कलशों में आने वाली मिट्टी और पौधों को मिलाकर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के पास ‘अमृत वाटिका’ बनाई जाएगी।

यह ‘अमृत वाटिका’ ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ का भव्य प्रतीक बनेगी। संस्कृति सचिव के मुताबिक, जनभागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए, एक वेबसाइटhttps://merimaatimeradesh.gov.in/लॉन्च की गई है, जहां लोग मिट्टी या मिट्टी का दीपक हाथ में लेकर अपनी सेल्फी अपलोड कर सकते हैं. ऐसा करने के पीछे का उद्देश्य भारत को एक विकसित देश बनाने, गुलामी की मानसिकता को खत्म करने, हमारी समृद्ध विरासत पर गर्व करने, एकता और एकजुटता बनाए रखने, नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों को पूरा करने और राष्ट्र की रक्षा करने वालों का सम्मान करने पर ध्यान केंद्रित करना है। जिसमें नेहरू युवा केंद्र महासमुंद के राष्ट्रीय युवा स्वयं सेवक अमन रात्रे, नरेंद्र ध्रुव, अंजली शर्मा, केदारनाथ दीवान, युथ क्लब से शंकर दीवान ,चैन सिंह दीवान हेमसिंह, इत्यादि सहित ग्रामीण जन भी भारी जनसंख्या में उपस्थित थे।

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