छत्तीसगढ़

ज्योतिरादित्य सिंधिया को मिला इस्पात मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार

Shantanu Roy
6 July 2022 6:22 PM GMT
ज्योतिरादित्य सिंधिया को मिला इस्पात मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार
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भिलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आठ साल के कार्यकाल में चार इस्पात मंत्री बदल गए। पांचवें मंत्री का नाम भी सामने आ गया है। इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह का कार्यकाल गुरुवार को समाप्त हो रहा है। इससे पहले ही बुधवार को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसे प्रधानमंत्री की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया को इस्पात मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। वहीं, स्मृति ईरानी को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया। ट्वीट कर लिखा-प्रधानमंत्रीजी द्वारा इस्पात मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपने हेतु उनका कोटि-कोटि धन्यवाद। आपकी एवं देशवासियों की आकांक्षाओं पर खरा उतरने के लिए अहर्निश प्रतिबद्ध होकर कार्य करता रहूंगा।

प्रधानमंत्री की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने केंद्रीय मंत्रियों मुख्तार अब्बास नकवी और आरसीपी सिंह का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। दोनों ने बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया था। इसी के साथ मुख्तार अब्बास नकवी और आरसीपी सिंह के मंत्रालयों का अतिरिक्त प्रभार दूसरे मंत्रियों को दे दिया गया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया को इस्पात मंत्रालय जबकि स्मृति ईरानी को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में इस्पात मंत्री की कमान नरेंद्र सिंह तोमर के बाद चौधरी बीरेंद्र सिंह ने निभाया था। दूसरे कार्यकाल में धर्मेंद्र प्रधान के बाद आरसीपी सिंह को मौका मिला था। अब इनकी भी छुट्‌टी हो चुकी है।
इधर-सेल के कर्मचारियों और अधिकारियों की नजर मंत्रालय पर टिकी हुई है। लंबित मुद्दों को हल कराने के लिए अब तक की गई जद्दोजहद का नतीजा शून्य हो गया है। नए सिरे से पूरी कवायद करनी होगी। दूसरी ओर नॉन एनजेसीएस फोरम के जरिए आरसीपी सिंह से मुलाकात और उनके आश्वासन का अब क्या होगा। इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। दोनों मंत्रियों का राज्यसभा कार्यकाल गुरुवार को समाप्त हो रहा है। बता दें कि आरसीपी सिंह जनता दल यू के राज्यसभा सांसद थे, लेकिन नीतीश कुमार से मनमुटाव के चलते उन्हें दोबारा टिकट नहीं मिला। कहा जाता है कि भाजपा से बढ़ती नजदीकियों ने उन्हें अपनी पार्टी से दूर कर दिया। कयास हैं कि उन्हें भी कोई अहम जिम्मेदारी या पद मिल सकता है।
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