छत्तीसगढ़

सिंहदेव पर आरोप लगाने वाले बृहस्पत ने ओढ़ी खामोशी

Gulabi
27 July 2021 6:23 AM GMT
सिंहदेव पर आरोप लगाने वाले बृहस्पत ने ओढ़ी खामोशी
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मामले का नाटकीय पटाक्षेप, पुनिया ने कहा-मामला खत्म

रायपुर (जसेरि)। छत्तीसगढ़ की सियासत में दो दिन से चल रहा आरोप-प्रत्यारोप का दौर सोमवार देर शाम खत्म हो गया। कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बीच उठे विवाद को कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने शांत करा दिया। दिन भर चली बैठक के बाद पुनिया ने कहा कि यह मामला अब समाप्त हो चुका है। बृहस्पत सिंह ने रविवार को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर हमला कराने का आरोप लगाया था। सोमवार को इस मामले में विधानसभा में विपक्ष ने भी सरकार को जमकर घेरा। अपने ही नेताओं के आरोपों से घिरती सरकार ने शाम को डैमेज कंट्रोल की कवायद शुरू हुई। पार्टी प्रभारी पीएल पुनिया अपनी दिल्ली की प्लाइट छोड़कर हाईकमान के निर्देश पर वे एयरपोर्ट की बजाय विधानसभा पहुंच गए। यहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ऑफिस में उनकी टीएस सिंहदेव, बृहस्पत सिंह और सरगुजा के ही एक और विधायक चिंतामणि महाराज के साथ बहुत देर तक चर्चा चली। बाद में इस बैठक में वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा को भी बुला लिया गया। स्वास्थ्य मंत्री और विधायकों से चर्चा के बाद पुनिया ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ अकेले में बैठक की। देर शाम जब पीएल पुनिया विधानसभा से बाहर आए तो टीएस सिंहदेव भी उनके साथ थे। पुनिया ने विवाद पर ज्यादा कुछ कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि मसला अब समाप्त हो चुका है। हालांकि इस मामले को दबाव पूर्वक शांत करने को लेकर कार्यकर्ता तरह-तरह की अटकलें लगा रहे हैं।

विधायक बृहस्पत सिंह पर नहीं हुआ कोई हमला- ताम्रध्वज : वहीं इस मामले में प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू का बड़ा बयान सामने आया है। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू विधायक बृहस्पत सिंह पर हुए हमले के मामले पर कहा कि प्रदेश में किसी विधायक पर कोई हमला नहीं हुआ है। स्नढ्ढक्र के मुताबिक उनके सुरक्षागार्ड पर पत्थर जरूर मारा गया है। मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

प्रदेश प्रभारी जातियता को दे गए हवा : इधर कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग की बैठक में प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने आरक्षण और निगम-मंडलों की नियुक्ति में सतनामी समाज को प्राथमिकता देने की बात कहकर छत्तीसगढ़ में भी उत्तरप्रदेश की तर्ज पर जातिगत राजनीति को एक बार फिर हवा दे दी है। उसने भूपेश सरकार को एससी वर्ग को आरक्षण का लाभ मिलना सुनिश्चित करने को कहा है। इससे प्रदेश में अन्य जाति वर्ग के लोगों में विरोध पनपेगा और कांग्रेस के लिए यह मुसीबत बढ़ाने वाला निर्णय होगा।

मामले से कांग्रेस में खलबली

पार्टी ने उच्चस्तर पर पहल करते हुए भले ही मामले को शांत करा दिया हो लेकिन इस मसले से कांग्रेस में खलबली मची हुई है। कुछ लोग जहां इसे दबाव डालकर आदिवासी विधायक का मुंह बंद कराने की बात कह रहे तो कुछ लोग इसे लेकर हाईकमान से शिकायत करने का मन बना रहे हैं। कहा यह भी जा रहा है कि सिंहदेव अपने ताकत का इस्तेमाल कर अब आदिवासी विधायकों को लामबंद करने में जुट गए हैं ताकि विरोध के स्वर को दबाया जा सके। इसका नमुना इस बात से भी नजर आया कि कुछ नेता अब बृहस्पति सिंह को निष्कासित करने की मां करने लगे हैं एक नेता ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह को पार्टी से निष्कासित कर उचित कार्रवाई करने की मांग की है।

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