छत्तीसगढ़
कबाड़ चोर फिर हुए सक्रिय, बंद खदानों से कर रहे लोहा पार
Shantanu Roy
18 July 2022 1:19 PM GMT
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छग
चिरमिरी। एसईसीएल चिरमिरी क्षेत्र कि वर्षो से बंद पड़ी कोयला खदानों में लोहा चोरी का सिलसिला पिछले दो-तीन दिनों से बेरोकटोक पुन: प्रारंभ हो गया है जिसके चलते क्षेत्र और बाहर से आए हुए अवैध काम को अंजाम देने वाले की संदिग्ध व्यक्तियों संदिग्ध गतिविधियों को देख कर आम जनमानस में भय व्याप्त हो गया है बताया जाता है कि पिछले तीन चार महीने से कबाड़ पूरी तरह से बंद कर दिया गया था किंतु आखिर ऐसी कौन सी वजह हुई की पूरे चिरमिरी क्षेत्र के विभिन्न कोयला खदानों से बड़े पैमाने पर लोहा तांबा पीतल बेल्ट कटिंग का कार्य पूरे चिरमिरी इलाके में दिन-रात बड़ी सक्रियता से प्रारंभ हो गया है और सड़क दफाई स्थित एक गोदाम में स्टोर कर रायपुर तरफ भेजा जाने लगा है !!
उल्लेखनीय है कि बीते तीन-चार महीनों से चिरमिरी इलाके में स्थित चर्चित कबाड़ीयों की दुकान बंद हो गई थी,तेराजू उतार दिए गए थे,लेकिन पिछले दो-तीन दिनों से पूरे इलाके में कार्यरत लगभग सभी कबाड़ी और उनके शागिर्द पुन: चोरी में सक्रिय हो गए हैं सड़क दफाई भैंसा दफाई में तराजू फिर से टांग दिए गए हैं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 2 दिनों से 3 ट्रक लोहा लगभग 60 70 टन रायपुर भेजा जा चुका है लोहा चोरी में पिछले 25 वर्षों से संलिप्त चचवा गैंग की रात दिन पिकअप जीप पर अंजन हिल बरतूगा मेगा प्रोजेक्ट, चिरमिरी खुली खदान कोरिया स्टोर कोरिया के लगभग सभी बंकर जिला पानी में बंकर वेस्ट चिरमिरी स्थित बंद पड़ी कोयला खदानों के बंकर और बेशकीमती अन्य मशीनें काटकर स्टोर में जमा किया जा रहा है इन अवैध कारोबारियों के 1 दर्जन से अधिक मालवाहक गाडिय़ां और उन पर कई दर्जनों लोग सवार होकर दिन-रात अपने कार्य को अंजाम दे रहे हैं वही जिम्मेदार प्रशासन इन सभी अवैध गतिविधियों पर अंकुश न लगा कर उन पर कार्यवाही करने के बजाए खुली संरक्षण दे रहा है. वही अपराधी पुलिस को खुली चुनौती दे रहे हैं.
बताया जाता है कि एस इ सी एल प्रबंधन भी अपने बेशकीमती उपकरणों और लोह सामग्रियों के संरक्षण के लिए अपने सुरक्षाकर्मियों सहित देश की अन्य सुरक्षाकर्मियों को भी भारी भरकम पेमेंट देकर अपने खदानों और बेशकीमती मटेरियल की सुरक्षा नहीं कर पा रहा है मिली जानकारी के अनुसार इन सुरक्षाकर्मियों की भी स्थिति संदिग्ध है कहीं ना कहीं इस अनैतिक कार्य में इनकी भी सहमति होती है जो क्षेत्र में बड़ा जन चर्चा का विषय है यही कारण है कि कबाड़ी अपनी इच्छा के मुताबिक पूरे चिरमिरी क्षेत्र की कोयला खदानों को अपना चारागाह बनाये हुए है और करोड़ों रुपए की संपत्ति को लूट कर प्रबंधन को खोखला कर रहे है वही कालरी प्रबंधन के जिम्मेदार अधिकारी अपनी बेशकीमती सामग्रियों के संरक्षण के बजाय आपस में एक दूसरे को दोषारोपण कर मामले को ठोस कार्यवाही करवाने के बजाय एक दूसरे पर दोषारोपण करते हुए नजर आते हैं। खबर यह भी है कि यदि पुलिस प्रशासन इन लोहा चोरी करने वाले कबाडियो की गाडिय़ों को जप्त करता है।
प्रबंधन का कोई भी अधिकारी रिपोर्ट करने को भी तैयार नहीं होता और नहीं एसईसीएल प्रबंधन का कोई मैनेजर यह मानने को तैयार नहीं होता कि यह माल उनके कालरी का है यही कारण है कि इन कबाडिय़ो के हौसले और बुलंद हो चलें कहीं ना कहीं इन कबाडिय़ो की संदिग्ध गतिविधियों पर प्रबंधन के अधिकारियों की भी संलिप्तता प्रतीत होती है.!!करोड़ों रुपए के बेशकीमती कलपुर्जे लोहे पीतल तांबा एवं अन्य सामग्रियां चोरी होती हैं लेकिन कोयला कंपनी का कोई भी अधिकारी इस अपराध पर अंकुश लगाने के लिए अपनी तरफ से कोई प्रयास नहीं करता है। बीते कुछ माह पहले क्षेत्र के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि ने थाने में स्वयं पहुंचकर कबाड़ जुआ सट्टा कोयला चोरी की अवैध गतिविधि बढ़ जाने के कारण उस पर अंकुश लगाने के लिए एक लिखित शिकायत की थी जिसे तत्काल बंद कराया जाए,, आवेदन के उपरांत पूरे चिरमिरी क्षेत्र में फैले अवैध कारोबार बंद कर दिए गए थे किंतु पिछले दो-तीन दिन से पुन: फिर से प्रारंभ हो जाना, जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों के आवेदन के विरुद्ध पुन: कबाड़ सहित सभी अवैध कार्यों को फिर से चालू करना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग रहे हैं.।
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