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रायपुर। जॉली हत्याकांड में 6 दिन बाद भी रायपुर पुलिस के हाथ खाली है। संदेही की पहचान होने के बाद भी पुलिस उसे पकड़ नहीं पाई है। संदेही जिस तरह से चकमा देर रहा है, उससे पुलिस का शक और गहराता जा रहा है। संदेही के घर के अलावा अब उसके रिश्तेदारों और दोस्तों के घरों में भी दबिश दी जा रही है। उसके बाद भी संदेही का पता नहीं चल रहा है। अफसरों के अनुसार संदेही के पकड़े जाने के बाद ही हत्या की वजह सामने आएगी कि आखिर क्यों जॉली की हत्या की गई है। हत्या की प्लानिंग में और कौन-कौन शामिल हैं। पुलिस फिलहाल ये भी पता नहीं कर पाई है कि आरोपी हत्या के बाद किस गाड़ी से भागा है। जबकि पुलिस ने अब तक 70 से ज्यादा जगहों के सीसीटीवी कैमरे खंगाल चुकी है। 200 से ज्यादा फोन नंबरों का कॉल डिटेल निकाला है। 5 मार्च की रात पुलिस कॉलोनी आमासिवनी में घुसकर सीएएफ के जवान शिशुपाल सिंह की पत्नी जॉली सिंह की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी।
पुलिस को जांच के दौरान मुंबई के एक संदेही जय कुमार का नंबर मिला, जो घटना के दिन मुंबई से फ्लाइट बैठकर रायपुर आया। वह टैक्सी कर जॉली के क्वार्टर पहुंचा। वहां से शाम को निकल गया। उसके बाद से उसका फोन बंद है। वह गायब है। वह अपने घर नहीं पहुंचा है। उसकी पत्नी और बच्चे मुंबई में रहते हैं, जबकि रिश्तेदार यूपी में रहते हैं। आरोपी ने घटना के बाद किसी से भी संपर्क नहीं किया है। उसकी शाम को जाने की फ्लाइट थी, लेकिन फ्लाइट से भी नहीं गया। पुलिस ने जय की पहचान कर ली है, लेकिन उसे पकड़ नहीं पाए है। इधर जाॅली के माता-पिता ने शिशुपाल और उसके घर वालों पर हत्या का आरोप लगाया है। पुलिस ने शिशुपाल से भी लंबी पूछताछ की है। जॉली पर पति शिशुपाल तलाक देखकर क्वार्टर खाली करने के लिए दबाव बना रहा था। वह जॉली के मायके तक गया था। वहां भी बात नहीं बनी। तब से जॉली परेशान थी कि अगर उससे क्वार्टर छिन जाएगा तो वह कहां रहेगी? कहां जाएगी? इसलिए वह क्वार्टर खाली नहीं कर रही थी। शिशुपाल को फरवरी में जॉली को हर माह 10 हजार देने का आदेश भी हुआ था। इससे भी शिशुपाल परेशान था।
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