जॉब कार्ड नहीं बना रहे थे, पंचायत सचिव और रोजगार सहायक पर गिरी गाज
दुर्ग। ग्राम औंधी में आयोजित प्रशासन तुंहर द्वार कार्यक्रम में ग्रामीणों ने कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा से सचिव और रोजगार सहायक की लापरवाही की शिकायत की। ग्रामीणों का कहना था कि इनकी लापरवाही से हमारे काम प्रभावित हो रहे हैं। शासन की योजनाओं का लाभ इनकी वजह से नहीं मिल पा रहा है। कुछ ग्रामीणों ने औंधी में जाब कार्ड नहीं बनाये जाने की शिकायत की। इस पर कलेक्टर ने शिविर में ही सचिव को निलंबित करने के और रोजगार सहायक को हटाये जाने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने कहा कि जनपद सीईओ और अमला सभी गांवों में सरपंच-सचिवों के साथ बैठे और जाब कार्ड एवं मनरेगा से संबंधित समस्या हल करें। आज शिविर में 464 आवेदन आये जिसमें 292 आवेदनों का मौके पर ही निराकरण कर दिया गया। शिविर में हितग्राहीमूलक योजनाओं के अंतर्गत सामग्री वितरण भी किया गया और मोबाइल मेडिकल वैन के माध्यम से ग्रामीणों का इलाज भी किया गया।
हाई मास्ट लाइट की शिकायत- औंधी में हाईमास्ट लाइट और क्रेडा विभाग द्वारा लगाई गई लाइट में खराबी की शिकायत आई। इस पर कलेक्टर ने क्रेडा अभियंता को इसे तुरंत ठीक कराने निर्देशित किया। साथ ही एसडीएम को सभी सोलर स्ट्रक्चर के वर्किंग होने की स्थिति की रिपोर्ट भी देने कहा। उन्होंने कहा कि सोलर लाइटिंग से संबंधित खराबी आने पर किसी भी स्थिति में ठीक करने के लिए विलंब नहीं होना चाहिए।
चाइस सेंटर की शिकायत, साहू चाइस सेंटर के संचालन अधिकार निरस्त करने के निर्देश- ग्रामीणों ने जाति प्रमाणपत्र संबंधी आवेदन भी कलेक्टर के समक्ष रखे। ग्रामीणों ने बताया कि साहू चाइस सेंटर का संचालक जाति प्रमाण पत्र के आवेदनों के लिए अधिक राशि लेता है। कलेक्टर ने निर्धारित राशि से अधिक वसूल किये जाने की शिकायत ग्रामीणों से मिलने पर साहू चाइस सेंटर के संचालन अधिकार निरस्त करने के निर्देश दिये। साथ ही एसडीएम को इस बात की जांच के निर्देश दिये कि अन्य चाइस सेंटर में भी आवेदन के लिए कहीं अधिक राशि तो वसूल नहीं की जा रही। फौती की वजह से धान खरीदी की दिक्कत न हो, सुनिश्चित कर लें- कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि कहीं कहीं पर फौती की वजह से धान खरीदी में दिक्कत आई है। इसे ध्यान में रख लें और ऐसे सभी प्रकरणों में किसानों को राहत प्रदान करें। कलेक्टर ने इस मौके पर किसानों से पैरादान की अपील भी की। उन्होंने कहा कि पैरादान करने से गौठानों में पशुओं के लिए चारा बचेगा, साथ ही प्रकृति का प्रदूषण भी रूकेगा।