मुख्यमंत्री सचिवालय पहुंचा झीरम कांड की जांच रिपोर्ट, अधिकारियों ने की पुष्टि
रायपुर। राज्यपाल अनसुईया उइके ने झीरम कांड की बहुचर्चित रिपोर्ट सरकार को भेज दी है। मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारियों ने स्वीकार किया कि रिपोर्ट मिल गई है। बताते हैं, राज्यपाल दिल्ली जाने से पहले सरकार को रिपोर्ट भेजे जाने वाले लेटर पर दस्तखत कर गई थीं। इसके बाद कल सीएम सचिवालय को रिपोर्ट प्रेषित कर दी गई। बताते हैंं, राज्यपाल ने अपने लीगल एक्सपर्ट से इस संबंध में राय ली। विधि विशेषज्ञों ने उन्हें सलाह दी कि रिपोर्ट सरकार को भेजना चाहिए। इसके बाद राजभवन ने लिफाफे में रिपोर्ट को बंद कर सीएम हाउस भेज दिया।
बीजेपी नेता बृजमोहन अग्रवाल ने कहा था, कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार पूरी तरह से डरी, सहमी व घबराई हुई है कि कही सच्चाई सामने आ गई तो कांग्रेस का क्या होगा ? अग्रवाल ने कहा कि भूपेश बघेल की सरकार एक-एक कर लगातार संवैधानिक संस्थाओं के अपमान कर रही है। जब सरकार ने जांच रिपोर्ट देखे ही नहीं, जांच रिपोर्ट उनको मिला ही नहीं, फिर यह कैसे कह सकती है कि जांच रिपोर्ट अधूरा है। बिना जांच रिपोर्ट देखें रिपोर्ट के बारे में टिप्पणी करने व उस रिपोर्ट का इंतजार न कर आनन फानन में कांग्रेस प्रमुख का बयान आना व मुख्यमंत्री के बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार झीरम घाटी का सच सामने आ जाने को लेकर सहमी, घबराई व डरी हुई है। जांच रिपोर्ट के इंतजार किए बिना आनन-फानन में कांग्रेस पार्टी व सरकार लगातार बयान दे रही है।
न्यायायिक जांच आयोग द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत कर देने के बाद, ऐसे ही आयोग का कार्यकाल समाप्त हो जाता है। किंतु सरकार ने कार्यकाल बढ़ाकर व सदस्य संख्या बढ़ाकर यह तो स्पष्ट कर दी है कि सरकार के नियत में कहीं ना कहीं खोट है। सरकार नहीं चाहती कि झीरम का जांच रिपोर्ट सामने आए।
अग्रवाल ने कहा की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व कांग्रेस पार्टी चिल्ला-चिल्ला के कहती थी कि उनके जेब में झीरम के सच का सबूत है। एक दिन में दूध का दूध व पानी का पानी कर देंगे। पर इस सबूत को जेब से ढाई साल में नहीं निकाल पाए। उन्हें मालूम है कि उनके जेब में रखे सबूत में उनके खुद के लोगों के नाम उनके पार्टी के नेताओं का नाम सामने आएंगे, झीरम का सच कांग्रेस का सर्वनाश लेकर आएगी इसलिए मुख्यमंत्री व कांग्रेस चाह कर भी ढाई साल में जेब से सबूत नही निकाल पाई।