झालम गौठान ने बनाया महिलाओं को आत्मनिर्भर, मल्टी एक्टिविटी से महिला समूह को हुई साढ़े 4 लाख की आय
रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के तहत बेमेतरा जिले के ग्राम पंचायत झालम में निर्मित 'गौठान-पशु आश्रय स्थल' पशुधन के रखरखाव एवं उनकी देखभाल का डे-केयर सेंटर बनने के साथ ही स्वसहायता समूह की महिलाओं की आजीविका का केन्द्र बन गया है। यह गौठान 3 एकड़ में फैला हुआ है। यहाँ लगभग 430 पशुओं के चारे-पानी का प्रबंध एवं देखरेख की जाती है। गोठान से जुड़ी चार स्व सहायता समूह की 40 महिलाओं यहां आजीविका की विभिन्न गतिविधियों को संचालित कर बेहतर आय प्राप्त करने लगी हैं। गौठान से जुड़ी सरस्वती महिला स्व सहायता, जय सेवा महिला स्वसहायता समूह, आदिवासी महिला स्वसहायता समूह, जय बूढ़ादेव महिला स्वसहायता समूह के द्वारा वर्मी कम्पोस्ट खाद, केचुवा उत्पादन, गोबर काष्ठ, आर्गेनिक रंग गुलाल, सेनेटरी पैड, सब्जी उत्पादन, मुर्गी पालन और मछली पालन का कार्य किया जाता है।